भाजपा के साथ अपना करीब तीन दशक पुराना संबंध समाप्त करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला ने गुरुवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया। इस मौके पर उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि देश की सेवा करने का उनका वादा और कुछ नहीं बल्कि सफेद झूठ है।
कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने करुणा शुक्ला का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि शुक्ला का कांग्रेस में शामिल होने का एक प्रतिकात्मक मूल्य है, क्योंकि शुक्ला एक ऐसे व्यक्ति की मूल्य व्यवस्था को लेकर पली बढ़ी है जिसने भाजपा को बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और उन्होंने उस दल से इस लिए नाता तोड़ लिया, क्योंकि हाल के वर्षों में वह खराब संस्कृति से ग्रसित हो गया है।
63 वर्षीय करुणा शुक्ला पहली बार 1993 में भाजपा विधायक चुनी गयी थी। वह पिछले कुछ दिनों से नाराज चल रही थीं और हाल के दिनों में उन्होंने कई मौकों पर खुलेआम भाजपा नेतृत्व खासकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह की आलोचना की थी। उन्होंने पिछले साल 25 अक्टूबर को यह आरोप लगाते हुए भाजपा से इस्तीफा दे दिया था कि पार्टी सत्ता की राजनीति की गिरफ्त में है । पिछले कुछ समय से उनके कांग्रेस में शामिल होने के कयास लगाये जा रहे थे ।
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