बिहार के क्षेत्रीय दल लोक जनशक्ति पार्टी ने गठबंधन को लेकर अभी भी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। हालांकि, लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने राजद और कांग्रेस के साथ गठबंधन से बाहर आने का एलान कर दिया। साथ ही बीजेपी के साथ जाने के साफ संकेत भी दिए हैं। बुधवार को पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पासवान ने कहा कि अब पार्टी ने गठबंधन को लेकर विकल्प खोल दिए हैं। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस और राजद के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर पिछले काफी समय से लगातार बातचीत की जा रही थी लेकिन वे पार्टियां लोजपा को महत्व नहीं दे रही थी। लिहाजा, हमने बैठक में यह निर्णय लिया कि अब पार्टी दूसरे विकल्पों की तलाश करेगी।'
लोजपा के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और पासवान के बेटे चिराग पासवान ने कहा कि चुनाव बहुत नजदीक हैं और पार्टी के अस्तित्व के लिए वैकल्पिक गठबंधन से अब परहेज नहीं किया जाएगा। लोजपा अध्यक्ष ने बीजेपी के साथ गठबंधन के साफ संकेत दिए। पासवान ने कहा कि बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर पार्टी नेताओं का कोई विरोध नहीं है। उन्होंने कहा कि अगले तीन-चार दिन के भीतर गठबंधन के बारे में निर्णय ले लिया जाएगा। उन्होंने कहा , 'हम किसी भी पार्टी के साथ जाए लोजपा की विचारधारा कायम रहेगी। सभी जानते हैं कि पासवान सेक्युलर हैं, हमने एनडीए में रहते हुए गुजरात के सवाल पर इस्तीफा दे दिया था।'
पासवान ने कहा कि वह गठबंधन पर बातचीत करने के लिए लालू से रांची जेल में भी मिलने गए। उन्होंने कहा, लालू जी को जेल में देखकर मेरी आंखों में आंसू आ गए। लेकिन लालू जी ने भी कोई सही प्रतिक्रिया नहीं दी। पासवान ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने लोजपा के साथ गठबंधन को लेकर कोई रुचि नहीं दिखाई। उन्होंने कहा, 'पिछले दिनों सोनिया जी हम दो बार मिले, सीपी जोशी से भी मिले। लेकिन उनकी ओर से कोई गंभीरता नहीं दिखाई गई। इसी में कोशिश बहुत समय हो था, हमारी पार्टी छोटी है, हमें चुनावी तैयारी के लिए समय चाहिए। लेकिन, यह माना जा रहा था कि लोजपा कुछ है नहीं तो लोजपा ही ज्यादा कोशिश क्यों करें? '
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