दिल्ली में जान गंवाने वाले अरुणाचल प्रदेश के युवक नीडो तानिया के माता-पिता ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात कर दोषियों के लिए मौत की सजा मांगी। उन्होंने सरकार से 30 जनवरी को देश में राष्ट्रीय नस्ल विरोधी दिवस घोषित करने तथा राष्ट्रीय राजधानी में अपने बेटे की याद में एक प्रतिमा लगाने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री से 30 मिनट की भेंट के बाद पीड़ित के पिता नीडो पवित्र ने संवाददाताओं को बताया कि 10 मांगों वाला एक ज्ञापन उन लोगों ने प्रधानमंत्री को सौंपा। गौरतलब है कि पीएम से मिलने वाले सात-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में नीडो की मां नीडो मारिना और अरुणाचल प्रदेश के सांसद तकाम संजोय भी थे।
पूर्वोत्तर के लोगों की सुरक्षा का दायित्व केंद्र और राज्य सरकारों का
अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस विधायक पवित्र ने कहा, हमने 10 बिंदुओं वाला ज्ञापन प्रधानमंत्री को सौंपा। वह मांग पर सहमत हुए। उन्होंने कहा कि सिंह ने दिल्ली में पूर्वोत्तर के छात्रों की सुरक्षा का भी आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, नीडो मामले को लेकर प्रधानमंत्री काफी चिंतित हैं। वह पूर्वोत्तर के लोगों के लिए भी चिंतित हैं।
प्रतिनिधिमंडल ने एफआइआर दर्ज करने से इन्कार करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की। अरुणाचल पश्चिम से लोकसभा सदस्य संजोय ने कहा, अभिभावक ने मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जिन्होंने समय से एफआइआर दायर नहीं की और हमले के बाद बच्चे का इलाज नहीं कराया।
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