भारत में सांप्रदायिक हिंसा को लेकर चिंता जताते हुए ओबामा प्रशासन ने इन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया कि 2002 में गुजरात में हुए सांप्रदायिक दंगों और इनमें मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित भूमिका को लेकर उसका रवैया नर्म हो गया है।
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जेन साकी ने गुरुवार को कहा, 'मेरे विचार से भारत में सांप्रदायिक हिंसा के कई मामलों को लेकर हमारा रुख बिल्कुल साफ है। अगर आप इसकी समीक्षा करेंगे, तो यह आपके सामने साफ हो जाएगा।'
जेन साकी ने यह बात मानवाधिकारों पर सालाना रिपोर्ट 'कंट्री रिपोर्ट्स ऑन ह्यूमन राइट्स प्रैक्टिसेज' को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कही। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता से पूछा गया था 'भारत में मानवाधिकारों पर पिछली रिपोर्ट्स में मोदी के नाम का जिक्र था और इस रिपोर्ट में उनका जिक्र क्यों नहीं है?' साकी ने कहा कि करीब एक दशक पहले गुजरात में हुए सांप्रदायिक दंगों पर अमेरिका की नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। वर्ष 2011 और 2012 की सालाना रिपोर्ट्स में मोदी का जिक्र था, लेकिन सांप्रदायिक दंगे में उनकी भूमिका के बारे में नहीं कहा गया था।
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