केन्द्र के संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन मंत्रिमंडल ने अगले आम चुनावों से पहले अपनी आखिरी बैठक में आंध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने का आज फैसला किया। सरकारी सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की यहां हुई बैठक में आंध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला किया गया।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन किरण कुमार रेड्डी ने राज्य के विभाजन के विरोध में इसी माह अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। राज्यपाल ई एस एल नरसिम्हन ने इसके बाद केन्द्र को भेजी अपनी रिपोर्ट में आंध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की थी।
संसद ने अपने पिछले विस्तारित शीतकालीन सत्र में आंध्र प्रदेश के विभाजन का विधेयक पारित किया था। लेकिन केन्द्र सरकार ने राज्य के विभाजन की तारीख के बारे में अब तक कोई फैसला नहीं किया है। गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश विधानसभा के चुनाव भी लोकसभा चुनावों के साथ ही कराए जाने हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को आंध्र प्रदेश में स्थिति का जायजा लेने के लिए पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह, केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और अपने राजनीतिक सचिव अहमद पटेल के साथ बातचीत की थी। आंध्र प्रदेश में इससे पहले 1973 में जय आंध्र आंदोलन के दौरान राष्ट्रपति शासन लगाया गया था।
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