राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की रिहाई होगी। तमिलनाडु की जयललिता सरकार ने सभी सातों दोषियों को रिहा करने का फैसला किया है। राजीव गांधी की हत्याकांड में शामिल ये हत्यारे 23 साल से जेल में बंद है। गौर हो कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने इनकी फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील की थी। जयललिता ने एक इमरजेंसी बैठक कर यह फैसला लिया है।
तमिलनाडु सरकार ने भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के लिए दोषी करार दिए गए तीन पुरुषों संथन, मुरुगन तथा पेरारिवलन और एक महिला नलिनी श्रीहरन को रिहा करने का फैसला किया है। दरअसल, तीनों पुरुष दोषियों की फांसी की सज़ा को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ही उम्रकैद में तब्दील किया था, और यह फैसला राज्य सरकार पर छोड़ दिया था कि वह दोषियों को रिहा करना चाहती है या नहीं।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के तीन हत्यारों की मृत्युदंड की सजा उम्रकैद में बदली थी । तीन हत्यारों वी. श्रीहरण ऊर्फ मुरुगन, ए.जी. पेरारिवलन ऊर्फ अरिवु और टी.सुथेंद्रराजा ऊर्फ संथन ने उनकी दया याचिका पर फैसले के लगभग 11 सालों से लंबित पड़े रहने की वजह से उनके मृत्युदंड की सजा को उम्रकैद में तब्दील करने की मांग की थी। न्यायालय ने इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से उपस्थित हुए महान्यायवादी जी.ई.वाहनवती की दलील को खारिज कर दिया।
राजीव गांधी की हत्या 1991 में हुई थी। उनके हत्यारों को टाडा अदालत ने जनवरी 1998 को दोषी साबित किया था और मृत्युदंड की सजा सुनाई थी, जिस पर 11 मई 1999 को सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी मुहर लगाई थी।
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