झारखंड में वर्ष 2012 में हुए राज्यसभा चुनावों में विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में आरोपी झारखंड मुक्ति मोर्चा की विधायक और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने मंगलवार को एक स्थानीय अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। उन्हें चौदह दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
चुनाव आयोग ने झारखंड के लिए वर्ष 2012 के राज्यसभा चुनावों की मूल अधिसूचना रद्द कर दी थी जिसके बाद सीबीआई ने यह मामला दर्ज किया था।सीता सोरेन ने आज आर के चौधरी की विशेष अदालत में आत्मसमर्पण किया। इससे पहले झारखंड हाईकोर्ट ने 20 फरवरी को उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें एक सप्ताह के अंदर आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था। आत्मसमर्पण के बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
वर्ष 2012 के राज्यसभा चुनावों में विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले की एक आरोपी सीता को इससे पहले भगोड़ा घोषित कया गया था और सीबीआई ने 19 फरवरी को उनकी रांची और बोकारो स्थित संपत्ति की कुर्की की थी। सीता सोरेन शिबू सोरेन के बड़े पुत्र दिवंगत दुर्गा सोरेन की पत्नी हैं। उनके पिता बी एन मांझी और उनके निजी सचिव राजेंद्र मंडल भी इस मामले में आरोपी हैं।
सीबीआई ने 14 फरवरी को उद्योगपतियों आर के अग्रवाल और पवन धूत के खिलाफ आरोप तय किए थे। यह दोनों वर्ष 2012 में राज्यसभा चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशी थे। चुनाव के लिए मतदान 30 मार्च 2012 को था लेकिन उसी दिन रांची में एक वाहन से 2.15 करोड़ रुपये जब्त होने के बाद निर्वाचन आयोग ने चुनाव रद्द कर दिया था। पुलिस और आयकर अधिकारियों का आरोप था कि यह वाहन अग्रवाल के संबंधी का था। इसके बाद राज्यसभा चुनाव नए सिरे से 3 मई 2012 को हुए थे।
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