राजीव गांधी के हत्यारों को समय पूर्व जेल से रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के फैसले पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आई हैं. दोषियों में से एक नलिनी की मां पद्मा ने कहा कि राजीव गांधी की हत्या का उन्हें दुख है. उन्होंने कहा कि इन विपत्तियों के लिए इश्क जिम्मेदार है. उन्होंने कहा, 'मेरी बेटी प्यार में पड़ गई और दिक्कतें शुरू हो गईं.' नलिनी की मां ने कहा कि मैं जयललिता से मिलकर उनका शुक्रिया अदा करना चाहती हूं. उन्होंने कहा, 'मैं जयललिता के पैर छूना चाहती हूं. मैं सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी का शुक्रिया अदा करती हूं. उन्होंने पहले ही मेरी बेटी को माफ कर दिया है.'
एक अन्य दोषी पेरारिवलन की मां अरपुथम्मल ने कहा कि वह मामले के सभी दोषियों को रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के फैसले से बहुत खुश है. उन्होंने कहा, 'कल मैं कुछ हद तक खुश थी. आज मैं बहुत खुश हूं. अम्मा (जयललिता) एक और मां के दर्द को लेकर बहुत फिक्रमंद हैं. उन्होंने मेरा दर्द खत्म कर दिया है.' अरपुथम्मल मुख्यमंत्री से मिलीं और निजी तौर पर उन्हें शुक्रिया कहा.
डीएमके प्रमुख और तमिलनाडु के पूर्व सीएम एम. करुणानिधि ने अपने धुर विरोधी मुख्यमंत्री जयललिता की तारीफ की. हर दलों के नेताओं ने राज्य कैबिनेट के फैसले की सराहना की है. करुणानिधि ने पत्रकारों से कहा, यह त्वरित निर्णय नहीं है. 2011 में जब मैंने ऐसा विचार किया तो उन्होंने स्वीकार नहीं किया. बहरहाल आज वही फैसला लेने के लिए मैं उनकी प्रशंसा करता हूं.' करुणानिधि ने यह भी उम्मीद जताई कि राज्य सरकार के फैसले से केंद्र भी सहमत होगा. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो हम ज्यादा खुश होंगे.
एमडीएमके प्रमुख वाईको ने कहा कि जयललिता ने काफी प्रशंसनीय कार्य किया है. उन्होंने कहा कि यह दयापूर्ण मानवीय पहल है. उन्होंने कहा, मैं उनका अभिवादन करता हूं और उन्हें धन्यवाद देता हूं. सीपीआई नेता डी. राजा ने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने तेजी से काम किया और फैसला काफी सराहनीय है. तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष पी राधाकृष्णन ने कहा, 'कानून के मुताबिक किसी भी पहल का स्वागत है.
तमिल समर्थक नेता पी. नेदुमारन ने तमिल समुदाय की तरफ से सीएम का आभार व्यक्त किया. हालांकि विरोध के स्वर भी उठे. बीजेपी के सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि राज्य कैबिनेट का फैसला अवैध है वहीं तमिलनाडु कांग्रेस के अध्यक्ष बी. एस. गनादेसीकन ने इस कदम को प्रतिद्वंद्वी राजनीति का मामला बताया. उन्होंने कहा, 'तमिलनाडु में राजीव मामले में राजनीति हो रही है. विपक्ष ने जहां तीन दोषियों की रिहाई की अपील की थी वहीं सरकार सातों दोषियों को रिहा करने को तैयार हो गई.
ऑल इंडिया एंटी टेररिस्ट स्क्वॉयड के प्रमुख मनिंदरजीत सिंह बिट्टा ने कहा है कि सरकार की कोशिशों से यह आतंकवाद की जीत है और लोकतंत्र की हार है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय और कानून मंत्रालय की गडबडियों के कारण सरकार की दलील सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो गई. सरकार ने खुद ही वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति करने के लिए इस मामले को कमजोर किया है.
उन्होंने कहा, 'राजीव गांधी ने इस मुल्क को बचाने के लिए अपने प्राणों की बलि दे दी थी. दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लक्ष्मीकांता चावला ने फैसले के बाद आ रही प्रतिक्रियाओं पर नाखुशी जाहिर करते हुए कहा है, यह एक गलत परंपरा की शुरूआत है. कोई अफजल की फांसी को गलत बता रहा है तो कोई राजीव गांधी के हत्यारों को नायक बता रहा है. हम सबको यह याद रखना होगा कि अपराधी केवल अपराधी होता है उसका न कोई धर्म है और न ही कोई जाति. अगर ऐसा नहीं हुआ तो यह मुल्क के हित में नहीं होगा.
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