भारी विरोध और कई विवादों के बीच तेलंगाना बिल मंगलवार को लोकसभा में पास हो गया और आज इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जा सकता है। वहीं लोकसभा में बिल पास होने से नाराज आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी आज अपना इस्तीफा दे सकते हैं।
लोकसभा में तेलंगाना बिल पास होने के तरीके पर नाराजगी जाहिर करते हुए चिरंजीवी ने राज्यसभा में कार्यवाही बाधित करने की धमकी दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सीमांध्र के लोगों की भावनाओं का ख्याल नहीं रखा गया है।
सूत्रों के मुताबिक, रेड्डी आज राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं। रेड्डी शुरू से ही आंध्र के बंटवारे के खिलाफ हैं और इसके लिए वह पार्टी लाइन के भी खिलाफ गए। ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि रेड्डी कांग्रेस छोड़कर नई पार्टी बनाने का भी एलान कर सकते हैं। वहीं, वाईएसआर कांग्रेस ने तेलंगाना के विरोध में आंध्र प्रदेश में बंद बुलाया है। इलाके में वाईएसआर कांग्रेस के असर को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। अलग तेलंगाना बिल पर भाजपा राज्यसभा में कुछ संशोधन प्रस्ताव ला सकती है।
इससे पहले कल बिल को निचले सदन में चर्चा और पारित किए जाने के लिए गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने पेश किया, लेकिन आंध्र के विभाजन का विरोध करने वाले कुछ दलों के सदस्यों के भारी हंगामे के कारण सदन तीन बार स्थगित करना पड़ा। विधेयक पर हुई संक्षिप्त चर्चा में केवल गृह मंत्री, विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और तेलंगाना क्षेत्र के वरिष्ठ नेता जयपाल रेड्डी ने अपनी बात रखी।
विधेयक के चर्चा और पारण की प्रक्रिया के दौरान माकपा सहित विभिन्न दलों के सीमांध्र क्षेत्र के सदस्य आसन के सामने एकत्र होकर आंध्र प्रदेश के विभाजन के विरोध में लगातार नारे लगाते रहे। एहतियात के तौर पर शिंदे के आगे कांग्रेस के कई सदस्य सुरक्षा घेरा बनाकर खड़े थे, ताकि उनसे विधेयक की प्रति छीनने सहित कोई अप्रिय घटना न होने पाए। विधेयक पारित होने पर टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव और उन्हीं की पार्टी की सदस्य विजयाशांति सदन में मौजूद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज का धन्यवाद करते देखे गए। तेलंगाना मुद्दे पर भाजपा द्वारा सरकार का समर्थन किए जाने का विरोध करते हुए तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने लगातार नारे लगाए।
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