दानापुर। खूब खुश नजर आयी प्रगति कुमारी । चारों तरफ चहलकदमी कर कहती रहीं कि प्रगति ग्रामीण विकास समिति से अटूट रिश्ता और स्मरण से जुड़ा हुआ है। यहां मेरी मां काम करती थीं। उसी कार्यावधि में मेरा जन्म हुआ। सभी लोग कन्या शिशु के जन्म लेने पर खुशी जताए। प्रगति ग्रामीण विकास समिति के नाम पर ही मेरा नामकरण प्रगति कुमारी रख दिए। इसके बाद प्रगति के पथ पर अग्रसर होते चले गए। आज आंगनबाड़ी केन्द्र की सेविका हैं।
पटना जिले के नौबतपुर में प्रगति ग्रामीण विकास समिति का कार्यालय था। यहीं पर मेरी मां कार्यशील थीं। समिति के सचिव प्रदीप प्रियदर्शी और उनकी धर्मपत्नी पुष्पा दीदी के संरक्षण में पलती और बढ़ती चली गयी। मैट्रिक उर्त्तीण कर पायी। इसके बाद समिति में ही कार्य शुरू कर दी। जबतक आंगनबाड़ी केन्द्र में सेविका के पद बहाल नहीं हो सकी,तबतक कार्य करती रही। इस बीच मुकेश कुमार के संग विवाह कर दी गयी। मेरे पतिदेव भी समिति में कार्य करने लगे।
इस बीच आंगनबाड़ी केन्द्र में सेविका पद पर बहाल कर ली गयी। स्वभाव के अनुसार समाज की सेवा करने लगीं। जब परियोजना की समाप्ति हो गयी तब मेरे पतिदेव समिति से हट गए। इसके बाद नौबतपुर में ही स्कूल खोलकर बच्चों को पढ़ाने लगे। आज दोनों दम्पति नौबतपुर में ही सेवारत है। दोनों मिलकर रहा करते हैं। एक मिसाल पेश कर रहे हैं।
प्रगति ग्रामीण विकास समिति के 25 साल पूरा होने पर रजत जयंती मनाया। इस अवसर पर उपस्थित होकर अतीत के स्मरण में गोता लगाने लगी हूं। मेरे अतीत के साथी और भाई-बहनों से मिलने का अवसर मिला। पूराने और नये साथियों से मिले और जमकर मस्ती किए। मिलकर सामूहिक भोजन कर रहे हैं। यह देख ले। फोटो लेने वाले चुनचुनकर और देखदेखकर चेहरों को कैमरे में कैद कर रहे हैं। सच में यह ऐतिहासिक क्षण है। बहुत मजा आ रहा है। प्रगति,मुकेश,अजय और दुलारचंद चटकार ले लेकर खाना खा रहे हैं।
आलोक कुमार
बिहार
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