दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार जनलोकपाल बिल को उपराज्यपाल के ऐतराज के बावजूद आज विधानसभा में पेश करने पर अड़ी हुई है। सरकार अगर विधानसभा में बिल को पास नहीं करा सकी, तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं, जिसका ऐलान वह पहले ही कर चुके हैं।
सूत्रों के मुताबिक उपराज्यपाल ने विधानसभा स्पीकर को खत लिखकर कहा है कि जनलोकपाल बिल को सदन में न रखा जाए। वहीं, कांग्रेस चाहती है कि जनलोकपाल बिल को सदन में रखने से पहले उपराज्यपाल का खत सदन को सुनाया जाए, फिर उनके खत पर वोटिंग हो। अगर उपराज्यपाल के खत पर पक्ष में बहुमत होता है, तो बिल को विधानसभा में नहीं रखने दिया जाए, लेकिन अगर बहुमत नहीं मिलता, तो बिल विधानसभा में वोटिंग के लिए रखा जाए।
दरअसल, जनलोकपाल बिल को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार आमने-सामने हैं। केंद्रीय विधि और न्याय मंत्रालय ने भी साफ कर दिया है कि गृह मंत्रालय की मंजूरी के बगैर इस बिल को विधानसभा में पेश नहीं किया जा सकता। दिल्ली सरकार भी विधानसभा में बिल पेश करने को लेकर अपने फैसले से पीछे हटने को तैयार नहीं है। आम आदमी पार्टी को समर्थन दे रही कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भाजपा का कहना है कि वे संवैधानिक प्रावधानों की अवहेलना बर्दाश्त नहीं करेंगे।
केजरीवाल ने कहा है कि 'आप' सरकार मौजूदा सत्र का विस्तार 16 फरवरी से आगे करने को तैयार है और विधेयक का पारित होना सुनिश्चित करेगी, लेकिन इसके पारित नहीं होने की स्थिति में उनके पास इस्तीफा देने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होगा। केजरीवाल ने गुरुवार को कहा, हम सत्र में विस्तार के लिए तैयार हैं। हम यहां सरकार बचाने के लिए नहीं हैं। हम शुक्रवार को सदन में विधेयक पेश करेंगे, यदि वे इजाजत देते हैं तो ठीक है, अन्यथा मैं इस्तीफा दे दूंगा। उन्होंने कहा, हम जनलोकपाल विधेयक और स्वराज विधेयक के लिए प्रतिबद्ध हैं तथा भारत से भ्रष्टाचार हटाने के लिए मैं मुख्यमंत्री पद 100 बार कुर्बान करने के लिए तैयार हूं।
उन्होंने आरोप लगाया कि कानून मंत्री सोमनाथ भारती के इस्तीफे के मुद्दे पर सदन का कामकाज नहीं चलने देने के लिए भाजपा और कांग्रेस ने हाथ मिला लिया है। केजरीवाल ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि भारत के इतिहास में किसी विधानसभा में ऐसा हुआ होगा कि भाजपा और कांग्रेस एकजुट हो गई हो। इन्होंने खुद को बेनकाब कर दिया है।
उन्होंने कहा, जिस तरह से वे मुझ पर आरोप लगा रहे हैं, मुझे लगता है कि वे मुझे पीटने आ रहे हैं। उन्होंने मेरी सीट के सामने माइक तोड़ दी और कागज फाड़ दिए। उन्होंने स्पीकर के भी दो माइक तोड़ दिए। संसद में भी ऐसा ही हुआ। उन्होंने कहा कि हम भारती के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं। केजरीवाल ने कहा कि दोनों पार्टियों के हाथ मिलाने का कारण मुकेश अंबानी है। उन्होंने इन दोनों को एक साथ किया है। दो दिन पहले ही अंबानी के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज हुई और इनमें से कोई भी पार्टी उन्हें बचाने में सक्षम नहीं है। वे 'आप' को नष्ट करना चाहते हैं।
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