वित्त मंत्री पी. चिदंबरम का अंतरिम बजट भाषण सोमवार को पटरी से उतरता दिखा। लोकसभा में हंगामे के कारण उन्होंने भाषण जारी रखने से मना कर दिया। जैसे ही चिदंबरम ने अपना भाषण शुरू किया मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद बासुदेव आचार्य और समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव और उनकी पार्टी के शैलेंद्र कुमार ने गुरुवार को जिस तरह तेलंगाना विधेयक पेश किया गया उसे लेकर विरोध करना शुरू कर दिया।
आंध्र प्रदेश से आने वाले केंद्रीय मंत्रियों चिरंजीवी और डी. पुरंदेश्वरी को भी सभाध्यक्ष की आसंदी के समीप नारे लिखी तख्तियां लिए देखा गया। मानव संसाधन विकास मंत्री एम.एम. पल्लम राजू को भी खड़ा देखा गया। हंगामे को ध्यान में रखते हुए चिदंबरम को संसदीय कार्यमंत्री को यह कहते देखा गया कि प्रदर्शन कर रहे सांसदों को अपनी जगह पर जाना सुनिश्चित कराया जाए।
जब कमलनाथ ने उनसे यह कहा कि वे सुने जा सकते हैं इसलिए अपना भाषण जारी रखें, चिदंबरम ने कहा, "मैं ऐसा नहीं कर सकता। नहीं, नहीं, माफ करें।" चिदंबरम ने जब सदन में व्यवस्था बहाल करने के कहा तो लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने सांसदों से अपनी जगह पर जाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "15वीं लोकसभा के ये आखिरी दिन हैं। अंतरिम बजट वित्त मंत्री की संवैधानिक जवाबदेही होती है। कृपया बजट होने दीजिए।"
यहां तक कि अन्य दलों से संबंधित सांसदों ने आसंदी के समीप वाली जगह छोड़ दी, लेकिन आंध्र प्रदेश के बंटवारा विरोधी सांसदों की नारेबाजी जारी रही जिससे वित्त मंत्री नाराज हो गए। फिर भी उन्होंने अपना भाषण जारी रखने का फैसला लिया।
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