मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि केन्द्र सरकार की गलत नीतियों से किसानों का भारी नुकसान हुआ है। अब जरूरी है कि सभी राज्य सरकारें केन्द्र पर दबाव बनाएं कि वह किसानों से संबंधित नीतियां बनाने से पहले किसानों से चर्चा करें। जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि चौहान ने रविवार को पंजाब के मोहाली में आयोजित पंजाब कृषि समिट में कहा कि किसानों की नीति बनाने में किसानों की भागीदारी इसलिए जरूरी है क्योंकि नीति-निर्माताओं की अपेक्षा किसान अपनी समस्याओं को ज्यादा अच्छी तरह समझते हैं।
चौहान ने आगे कहा कि मध्यप्रदेश ने कृषि उत्पादन के क्षेत्र में पंजाब से प्रेरणा ली। किसानों को सिंचाई, बिजली सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई और बीमारु प्रदेश से मुक्ति दिलाई।
चौहान ने कहा कि किसानों की समृद्धि के लिए खेती की लागत कम करना होगा और समर्थन मूल्य बढ़ाकर किसानों को ज्यादा से ज्यादा फायदा देना होगा। समर्थन मूल्य निर्धारित करते समय खेती की लागत पर भी ध्यान देना पड़ेगा और समर्थन मूल्य इस प्रकार तय करना होगा कि किसानों को लाभ का 50 प्रतिशत अनिवार्य रूप से मिले।
फसल बीमा योजना में बदलने की जरूरत बताते हुए चौहान ने कहा कि फसल नुकसान के आकलन में किसान को एक स्वतंत्र इकाई मानना होगा न कि तहसील को। उन्होंने कहा कि केन्द्र की गलत नीतियों के परिणामस्वरूप आजादी के 65 साल बाद भी किसानों की समस्याएं दूर नहीं हुई हैं।
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