जिन कांग्रेसियों ने 2009 में लोकसभा का चुनाव लड़ा था, उनके लिए बुरी खबर. पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के टिकटों की चाहत रखने वालों के लिए नए नियम बनाए हैं. सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने निर्देश दिया है कि 2009 में जो लोग पार्टी टिकट पर एक लाख वोटों के अंतर से हारे थे, उन्हें टिकट नहीं दिया जाएगा. इतना ही नहीं वे नेता जो दो बार लगातार चुनाव हार चुके हैं, कांग्रेस के उम्मीदवार नहीं बनाए जाएंगे.
राहुल गांधी चाहते हैं कि इस महीने के मध्य तक कम से कम 200 उम्मीदवारों की घोषणा हो. लेकिन इसकी प्रक्रिया में काफी देरी हो रही है जिससे वे नाराज हैं. उन्होंने कहा है कि इस काम को जल्दी किया जाए. विभिन्न राज्यों की स्क्रीनिंग कमिटियों ने पिछले दो हफ्तों में कई बैठकें की हैं. लेकिन सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली सेंट्रल इलेक्शन कमिटी (सीईसी) ने कोई बैठक नहीं की है. उसकी बैठक गुरुवार को होने की संभावना है. बताया जाता है कि पार्टी के सांसदों की व्यस्तता तथा तेलांगना मुद्दे के कारण बैठक एक फरवरी से नहीं हो पा रही है.
पार्टी सूत्रों ने बताया कि जहां-जहां पार्टी कमज़ोर रही है और उनके उम्मीदवार नहीं जीते हैं, उन्हें वरीयता दी जाएगी. वहां के उम्मीदवारों के नाम सबसे पहले घोषित किए जाएंगे ताकि उम्मीदवार को काफी वक्त मिल जाए. इसके बाद ही अन्य सीटों का फैसला हो. पार्टी चाहती है कि चुनाव आयोग की चुनावी घोषणा के पहले अधिक से अधिक उम्मीदवारों के नाम घोषित हो जाएं. लोकसभा चुनाव अप्रैल या मई में होंगे. राहुल गांधी यह भी चाहते हैं कि लोकसभा सीटों पर खड़े किए जाने वाले उम्मीदवारों के बारे में निष्पक्ष राय उन्हें मिले.
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