व्यापारियों का राष्ट्रीय महाधिवेशन 27 - 28 फरवरी को नई दिल्ली में - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 19 फ़रवरी 2014

व्यापारियों का राष्ट्रीय महाधिवेशन 27 - 28 फरवरी को नई दिल्ली में

  • व्यापारियों की उपेक्षा महँगी पड़ सकती है राजनैतिक दलों को



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शिमला   19  फरवरी  ( विजयेन्दर शर्मा) ।आगामी लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए देश भर के व्यापारियों के शीर्ष संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने व्यापारियों के मुद्दे देश के राजनैतिक दलों के सामने बेहद मजबूती से रखने के लिए बहुत ही योजनाबद्द तरीके से ऐसा समय चुना है जॉब राजनैतिक दल भी आगामी चुनावों को लेकर बेहद दबाव में है ! कैट ने आगामी 27 - 28  फरवरी को नई दिल्ली में एक राष्ट्रीय व्यापारी महाधिवेशन आयोजित किया हैं जिसमें देश के सभी राज्यों से हजारों की संख्या में व्यापारी नेता भाग लेंगे ! इस महाधिवेशन में कैट ने सबी राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय राजनैतिक दलों को न्योता भेजा है !

 कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने यह जानकारी देते हुए बताया की व्यापारियों का यह महाधिवेशन लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र बेहद महतवपूर्ण हैं क्योंकि इस महाधिवेशन में व्यापारी आगामी चुनावों में अपनी भूमिका का निर्णय करेंगे ! उन्होंने ने बताया की गत 65 वर्षों में व्यापारियों के साथ जिस प्रकार का भेद भाव राजनैतिक दलों और केंद्र एवं राज्य सरकारों ने किया है उस से व्यापारी बेहद आहात है और अब दो टूक शब्दों में राजनैतिक नेताओं से बात करेंगे ! जो भी राजनैतिक दल व्यापारियों के मुद्दे पर स्पष्ट समर्थन देगा आगामी चुनावों में व्यापारी ऐसे दलों को ही समर्थन देने के बारे में विचार करेगा !

 देश भर में असंगठित क्षेत्र में 6 करोड़ से अधिक व्यापारी हैं जो लगभग 25 करोड़ लोगों को रोज़गार देते हैं और सालाना लगभग 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार करते हैं लेकिन किसी भी फोरम पर अर्थव्यवस्था के इतने बड़े वर्ग की कोई सुनवाई नहीं है जिस से व्यापारी छुब्द है और आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है ! या तो हमारी बात सुनो या फिर हमारे वोटों को भूल जाओ - महाधिवेशन का यही मूल मंत्र है !

व्यापारी नेता अफ़सोस व्यक्त करते हुए कहते हैं की अर्थव्यवस्था से जुड़े अन्य सभी वर्गों के लिए नीति भी है और पृथक रूप से मंत्रालय भी है लेकिन व्यापारियों के लिए कोई नीति नहीं है और कोई भी मंत्रालय नहीं है ! ऐसे अनेक मुद्दे हैं जिनको महाधिवेशन में मजबूती के साथ रखा जाएगा और व्यापारी चुनावों के सन्दर्भ में अपनी रणनीति तैयार करेंगे जिसकी घोषणा महाधिवेशन में होगी !

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