गुजरात के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत ने हरित और श्वेत क्रांति देखी है, अब केसरिया क्रांति की जरूरत है। ऊर्जा केसरिया रंग की होती है। ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता से ही देश विकसित होगा। मध्य प्रदेश के नीमच जिले के सुदूर ग्राम भगवानपुरा (डिकेन) में मेसर्स वेलस्पन सोलर प्राइवेट लिमिटेड के देश के सबसे बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन बुधवार को हुआ। इस अवसर पर मोदी ने विकास के मसले में मध्यप्रदेश की खुलकर सराहना करते हुए कहा कि एक समय के बीमारू राज्य की शक्ल सूरत बदलकर शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश की ही नहीं देश की बड़ी सेवा की है। उन्होंने बीते रोज नर्मदा को क्षिप्रा से जोड़ा था और आज धरती को अंबर से जोड़कर सौर ऊर्जा का यह संयंत्र प्रदेश को दिया है।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक ऊर्जा के इतने संसाधनों के बावजूद देश ऊर्जा का संकट झेल रहा है। देश में 20 हजार मेगावट के ऊर्जा कारखाने बंद हैं। इसका एक बहुत बड़ा कारण कोयला उपलब्ध नहीं होना है। उन्होंने कहा कि यदि ऊर्जा के बारे में उदासीनता रही तो विकास के सपने पूरे नहीं होंगे। भारत को सामथ्र्यवान बनाना है तो मिशन मोड पर काम करना होगा। नई नीतियां बनाना होंगी। विकास पर्यावरण हितैषी होना चाहिए अन्यथा विकास संकट बन सकता है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में नरेन्द्र मोदी तथा शिवराज सिंह चौहान ने 151 मेगावट क्षमता के इस परियोजना का विधिवत उद्घाटन किया। मेसर्स वेलस्पन सोलर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित यह परियोजना आठ महीने में पूरी की गई है। मध्यप्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा नीति के फलस्वरूप दो साल के भीतर इस वर्ष 1065 मेगावट उत्पादन नवीकरणीय ऊर्जा में अनुमानित हैं।
मोदी तथा चौहान ने ऊर्जा संयंत्र का अवलोकन भी किया। वहीं अंत में वेलस्पन के बालकृष्ण गोयनका ने आभार व्यक्त किया। समारोह में राज्य सभा सदस्य रघुनंदन शर्मा, योजना आयोग के उपाध्यक्ष बाबूलाल जैन, उर्जा एवं जनसंपर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ला, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री तथा जिले के प्रभारी दीपक जोशी भी उपस्थित थे।
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