बिहार में राजद का नाटक चरम पर, बरसे लालू-रघुवंश - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 25 फ़रवरी 2014

बिहार में राजद का नाटक चरम पर, बरसे लालू-रघुवंश


raghuvansh prasad singh
बिहार में सोमवार को शुरू हुआ राजनीतिक ड्रामा मंगलवार को उस समय चरम पर पहुंच गया जब लालू प्रसाद यादव नीत राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बागी हुए 13 विधायकों में से नौ ने वापसी करते हुए पार्टी नेतृत्व के प्रति आस्था जता दी। पहले बगावत का बिगुल फूंकने के बाद सोमवार को ही छह विधायक शाम को पार्टी कार्यालय पर पहुंच गए थे और उन्होंने धोखा देकर फोड़ने का आरोप लगाया था। राजद ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर मंगलवार को विधायक दल की बैठक बुलाई थी जिसमें बगावत का दावा करने वाले 13 में से नौ विधायक भी हाजिर हुए। बाद में राजद नेता लालू प्रसाद की अगुआई में सभी विधायक विधानसभा पहुंचे, लेकिन बागियों में फूट की खबर फैलते ही विधानसभा अध्यक्ष कथित रूप से 'भूमिगत' हो गए। विधायकों ने विधानसभा सचिवालय को अपना ज्ञापन सौंपा और वहां से राजभवन की ओर प्रस्थान कर गए।

विधानसभा परिसर में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कहा, "बिहार में लोकतंत्र का गला घोंटने का प्रयास किया गया है। मंत्री पद का प्रलोभन देकर राजद में फूट डालने की कोशिश की गई थी, लेकिन उनकी कोशिश नाकाम हो गई है। हम इस लड़ाई को जनता के बीच लेकर जाएंगे। हम दिल्ली से आ गए हैं, गठजोड़ तो होता रहेगा, पहले नीतीश कुमार को बताना है।"

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए लालू प्रसाद ने कहा कि अपनी सरकार बचाने के लिए वे चालें चल रहे हैं। भाजपा के साथ 'डाइवोर्स' होने के बाद से उनकी सरकार अल्पमत में है। अपनी सरकार को स्थिर करने के लिए वे दूसरे दलों में सेंध लगाने की कोशिश करते रहते हैं। लालू प्रसाद ने अपने चिरपरिचित अंदाज में कहा, "पहले त हमको राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के साथ मिलकर जेल भिजवा दिया और अब हमारी पाटिए हड़पने चला था।" उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष भागे हुए हैं और हमने अपना मेमोरेंडम विधानसभा के सचिव को सौंप दिया है और यहां से राजभवन जा कर राज्यपाल को मेमोरेंडम सौंपेंगे।

राजद के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने लोकतंत्र का गला घोंटने का प्रयास किया है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के साथ साजिश रची थी। विधानसभा अध्यक्ष के पद का भी दुरुपयोग हुआ है। खेद की बात है कि जिस पर संविधान और नियमों की रक्षा की जिम्मेदारी है, वही इसका हत्यारा निकला।

रघुवंश ने कहा, "दुनिया जानती है कि दो तिहाई सदस्य जब अलग होंगे तभी दल बदल विरोधी कानून के तहत उन्हें अगल गुट के रूप में मान्यता मिलेगी। ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष ने किस तरह 13 विधायकों की टूट को स्वीकार किया और आनन-फानन में उन्हें पृथक गुट के रूप में मान्यता देते हुए अधिसूचना जारी कर दी। इससे साफ जाहिर है कि इस प्रकरण में विधानसभा अध्यक्ष के आसन का दुरुपयोग किया गया है।" उन्होंने विधायकों को करोड़ों रुपये रिश्वत और मंत्री पद का लालच दिए जाने का भी आरोप लगाया।

इस लड़ाई को जनता के बीच ले जाने की घोषणा करते हुए रघुवंश ने चुनौती देने वाले अंदाज में कहा, "इस भारत में देखें कौन वीर बलिदानी है, किसकी धमनी में खून और किसकी धमनी में पानी है।"

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