बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को पटना में 'ई-बिहार सम्मिट 2014' को संबोधित करते हुए घोषणा की कि नालंदा के बन रहे अन्तर्राष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय के समीप दो सौ एकड़ भूमि में आई.टी. सिटी की स्थापना की जाएगी। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर आई.टी. निवेशकों से अनुरोध किया कि वे वियतनाम एवं फिलीपींस न जाकर बिहार में निवेश करें। बिहार में क्षमता की कोई कमी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में आई.टी. उद्योग के लिये माहौल अनुकूल है। यहां लागत कम लगेगी और लाभ ज्यादा होगा।
उन्होंने सूचना प्रावैधिकी विभाग के प्रधान सचिव एऩ क़े सिन्हा को अन्य राज्यों में जाकर बिहार में आई.टी. निवेश को बढ़ावा देने के लिये रोड-शो आयोजित करने का निर्देश दिया जिससे निवेशक बिहार की ओर आकर्षित हो सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आई.टी. के क्षेत्र में विकास के लिये हमारी आई.टी. पॉलिसी है और बिहार ऐसा पहला राज्य है, जहां 20 किलोमीटर लंबाई में तथा 300 मीटर सड़क के दोनों तरफ वाई-फाई मुफ्त स्ट्रेच की सुविधा दी गई है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने राज्य में आई.टी. उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सेन्ट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट के तहत डाकबंगला चौराहे के पास एक लाख वर्गफीट में विश्व स्तर के आई.टी. पार्क बनाने की योजना बनाई है तथा बंदर बगीचा के करीब पांच लाख वर्गफुट की आई.टी. पार्क बनाई जा रही है। इन जगहों पर आई.टी. एवं आई.टी.ई.एस. के छोटे तथा मंझोले एवं कुछ बड़े आई.टी. उद्योग स्थापित किए जा सकते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें