खुद को सहारा इंडिया परिवार का प्रबंध कार्यकर्ता और मुख्य अभिभावक कहने वाले समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय आज सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश नहीं हुए। इसके बाद कोर्ट ने उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी कर दिया। अब रहस्यमय कारोबारी समूह के तौर पर देखे जाने वाले सहारा समूह के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
निवेशकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए बनी नियामक संस्था भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) का आरोप है कि सहारा समूह की दो कंपनियों-सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड और सहारा इंडिया हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन ने 2008 में 3 करोड़ निवेशक बॉन्ड धारकों से करीब 6,380 करोड़ रुपये और 19,400 करोड़ रुपए जुटाए। ये दोनों कंपनियां शेयर मार्केट में लिस्टेड नहीं हैं। लेकिन आरोप है कि इसमें कई तरह की अनियमितताएं की गईं। 2011 में मार्केट रेगुलेटर सेबी ने सहारा से निवेशकों को उनके पैसे ब्याज समेत लौटाने को कहा। लेकिन सहारा ने सेबी से कहा कि यहखुद मामला उसकी पैराबैंकिंग गतविधि के दायरे में आता है, इसलिए इसमें सेबी की कोई भूमिका नहीं है। इस मामले में सहारा ने सेबी के आदेश को कोर्ट में चुनौती दी। लेकिन वहां सहारा को कोई राहत नहीं मिली।
सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त, 2012 में ही करीब के 24 हजार करोड़ रुपए 15 फीसदी ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रक्रिया में सेबी को निगरानी करने के लिए कहा था। इसके लिए 30 नवंबर, 2012 तक का वक्त दिया गया था। लेकिन दिसंबर में सहारा समूह की अर्जी पर यह राशि तीन किश्तों में फरवरी, 2013 तक लौटाने की छूट दी गई। कोर्ट ने उस समय आदेश दिया था कि सहारा समूह 5,120 करोड़ रुपए तत्काल जमा करे और 10,000 करोड़ रुपए जनवरी, 2013 के पहले हफ्ते में और बाकी राशि फरवरी, 2013 के पहले सप्ताह में दे, लेकिन कंपनी ने बाकी की किश्तें जमा नहीं कराईं। सहारा की तरफ से सिर्फ 5,120 करोड़ रुपए जमा कराए गए। फरवरी, 2013 में सेबी ने सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय और उनकी इन दोनों कंपनियों के बैंक खातों पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए। सुब्रत रॉय और उनके समूह ने जब निवेशकों के पैसे नहीं लौटाए तो सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह की दोनों कंपनियों को वैल्यूएशन रिपोर्ट के साथ जायदाद की टाइटल डीड जमा करने के आदेश दिए। इसके लिए कोर्ट ने तीन हफ्तों का वक्त भी दिया था। लेकिन इन सबके बावजूद अभी तक सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पूरी तरह से पालन नहीं किया गया है। सेबी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपील में सुब्रत रॉय की गिरफ्तारी की मांग की है। इसी सिलसिले में बुधवार को सुब्रत रॉय की अदालत में पेशी थी, लेकिन वह नहीं आए। इसके बाद ही अदालत ने गैर जमानती वॉरंट जारी किया है।
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