बिहार हिंदी ग्रंथ अकादमी की बस अब गांव की सड़कों पर दिखाई देगी। इसका नाम होगा ‘पुस्तक बिक्री सह प्रदर्शनी वैन’। यह वैन दूर-दराज के गांव के विभिन्न कॉलेजों के अलावा विश्वविद्यालयों में भी जाएगी। बस में कॉलेज और विश्वविद्यालय की पुस्तकें मिलेंगी। पुस्तकों की सूची बस में ही मिलेगी।
गांव-देहात के छात्रों को आसानी से किताबें मिलें, इसके लिए सरकार ने यह निर्णय लिया है। सरकार ने अकादमी को बस खरीदने के लिए साढ़े सात लाख रुपए दिए हैं। अकादमी के अनुसार यह वैन मार्च के पहले सप्ताह से चल सकती है। अकादमी ने बस खरीद ली है। इसकी बॉडी बनकर तैयार है। फिलहाल पेंटिंग हो रही है। अकादमी के नए निदेशक के आने के बाद यह बस सड़कों पर दौड़ना शुरू करेगी। छात्रों को लाभकिताबें खरीदने के लिए गांव के छात्रों को शहर नहीं आना पड़ेगा।
प्रदर्शनी वैन में 25 प्रतिशत की छूट पर छात्रों को किताबें मिलेंगी। सरकार द्वारा निर्धारित पुस्तक एक ही स्थान पर सुविधा से मिलेगी। कॉलेज को लाभअकादमी की पुस्तक के लिए अब ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। जरूरत के अनुसार कॉलेज वैन से ही पुस्तकों की खरीद कर सकेंगे। 50 हजार रुपए से अधिक की खरीद पर 40 प्रतिशत की छूट मिलेगी।
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