सीमांध्र के मंत्रियों ने लोकसभा में किया हंगामा, प्रधानमंत्री हुए दुखी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 12 फ़रवरी 2014

सीमांध्र के मंत्रियों ने लोकसभा में किया हंगामा, प्रधानमंत्री हुए दुखी


manmohan singh on telangana
आंध्र प्रदेश के बंटवारा विरोधी केंद्रीय मंत्रियों ने बुधवार को लोकसभा में अप्रत्याशित हंगामा किया। कामकाज में पड़ रही बाधा को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दुख व्यक्त किया। तेलंगाना विधेयक को संसद में पेश करने की सरकार की कोशिशें तेज होने के बीच सीमांध्र (रायलसीमा और तटीय आंध्र) क्षेत्र से आने वाले केंद्रीय मंत्री भी बुधवार को लोकसभा में हंगामा करने वालों की जमात में शामिल हो गए।  हंगामे का हाल यह था कि रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे को अंतरिम रेल बजट पेश करते अपना अपना बजट भाषण संक्षिप्त करना पड़ा। रेल मंत्री ने महज 14 मिनट में बजट भाषण खत्म कर दिया।

स्थिति तब विषम हो गई जब कांग्रेस के एम. जगन्नाथ और तेलुगू देशम पार्टी के एन. शिवप्रसाद एक दूसरे की तरफ आक्रामक होकर झपट पड़े। लेकिन जनता दल-युनाइटेड के शरद यादव, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय और कांग्रेस के जगदंबिका पाल की सतर्कता के कारण दोनों के बीच हाथापाई टल गई। हंगामा और मारपीट की नौबत पैदा हो जाने के कारण लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।

एकजुट आंध्र के समर्थन में बुधवार को चार केंद्रीय मंत्री के. एस. राव, डी. पुरंदेश्वरी, चिरंजीवी और सूर्य प्रकाश रेड्डी सीमांध्र के उन सांसदों के साथ कदम ताल मिला लिया जिन्हें सदन में व्यवधान उत्पन्न करने के कारण कांग्रेस ने मंगलवार को पार्टी से निकाल दिया। इतना ही नहीं दो और मंत्री एम. पल्लम राजू और करुपराणि किल्ली अपनी जगह पर खड़े होकर हंगामे को ताल दे रहे थे। अध्यक्ष की आसंदी के समीप की जगह युद्धभूमि में तब्दील हो गई क्योंकि तेलंगाना के समर्थक और विरोधी सदस्य नारेबाजी करते हुए वहां जुट गए और प्लेकार्ड लहराने लगे।

जैसे ही खड़गे ने रेल बजट पेश करना शुरू किया, सीमांध्र के कुछ सदस्य एकजुट आंध्र प्रदेश के समर्थन वाले प्लेकार्ड लिए सत्ताधारी पक्ष की ओर बढ़े। इस तरफ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, शरद पवार और संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ बैठे थे। सीमांध्र सदस्यों ने प्लेकार्ड उनकी ओर उछाल दिया लेकिन वे किसी नेता तक पहुंचने से पहले ही जमीन पर गिर गए। कमलनाथ ने तत्परता दिखाते हुए प्लेकार्ड हटा लिए। इतना कुछ होने पर भी सोनिया शांत बैठी रहीं और किसी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं दी।

खड़गे के बजट भाषण के आखिर में कुछ सदस्यों ने तेलंगाना विधेयक के टुकड़े किए और रेल मंत्री की तरफ उछाल दिया। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष वाई. एस. जगनमोहन रेड्डी एक प्लेकार्ड उठाए हुए थे जिस पर लिखा था, 'आंध्र प्रदेश बचाओ।' चिरंजिवी ने हंगामे का दोष सरकार पर मढ़ते हुए कहा कि आंध्र प्रदेश को बांटने में उनके सुझावों को अनदेखा कर दिया गया। उन्होंने कहा कि वे सीमांध्र के लिए 'न्याय' चाहते हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को कथित रूप से कहा कि संसद में हो रही रोजना की बाधा से उनका दिल रो रहा है।

एक विश्वस्त सूत्र ने मीडिया को बताया कि मनमोहन सिंह ने सांसदों के एक समूह से कहा, "मेरा दिल यह देख कर रोता है कि सदन में हो क्या रहा है।" उन्होंने कहा, "यह लोकतंत्र के लिए दुखद है कि शांति की तमाम अपीलों के बावजूद यह सब हो रहा है।" उधर प्रधानमंत्री ने बुधवार को दिन के भोजन पर भाजपा नेताओं के साथ मुलाकात की और तेलंगाना के गठन से संबंधित विधेयक पर चर्चा की। भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के साथ लोकसभा और राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता क्रमश: सुषमा स्वराज और अरुण जेटली ने बैठक में हिस्सा लिया।

सूत्रों के मुताबिक, भाजपा नेताओं ने कहा कि उन्हें विधेयक से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन दोनों पक्षों की चिंताओं का समाधान किया जाना चाहिए। भाजपा नेताओं ने सरकार से 'सदन में व्यवस्था बहाल' करने के लिए भी कहा, क्योंकि सदन में अव्यवस्था उत्पन्न करने वालों में कांग्रेस के सांसद आगे हैं। इस बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम, ए. के. एंटोनी, कमलनाथ और सुशीलकुमार शिंदे भी मौजूद थे।

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