सहारा समूह के मुखिया सुब्रत रॉय के खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट की तामील करवाने के लिए पुलिस लखनऊ में उनके घर पहुंची है। बुधवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। आज सुब्रत रॉय अपने खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट रद्द कराने सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और उन्होंने 4 मार्च को न्यायालय में हाजिर होने का आश्वासन दिया। उन्होंने न्यायालय में बुधवार को पेश नहीं होने के लिए बिना शर्त माफी मांगी है।
न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बुधवार को सुब्रत रॉय की गिरफ्तारी के लिए गैर- जमानती वारंट जारी किया था, क्योंकि निवेशकों का 20 हजार करोड़ रुपये नहीं लौटाने के कारण लंबित अवमानना के मामले में सहारा प्रमुख न्यायिक आदेश के बावजूद न्यायालय में पेश नहीं हुए थे। न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति जेएस खेहड़ की खंडपीठ ने बुधवार को कहा था, हमने मंगलवार को ही राय को व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट देने से इनकार कर दिया था। वह आज भी पेश नहीं हुए हैं और हम गैर-जमानती वारंट जारी कर रहे हैं, जिसकी तामील 4 मार्च तक होनी है।
इस मामले की सुनवाई शुरू होते ही रॉय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने न्यायाधीशों को सूचित किया कि सुब्रत रॉय अपनी 95-वर्षीय मां के खराब स्वास्थ्य की वजह से कोर्ट में पेश होने में असमर्थ हैं। इस पर न्यायाधीशों ने कहा, इस कोर्ट के हाथ बहुत लंबे हैं। मंगलवार को ही हमने व्यक्तिगत पेशी से छूट देने का आपका अनुरोध ठुकराया था। हम गैर-जमानती वारंट जारी करेंगे। यह देश की सर्वोच्च अदालत है।
न्यायाधीशों ने कहा, हमने आपसे कहा था कि हम व्यक्तिगत पेशी से आपको छूट देने के पक्ष में नहीं हैं। यदि अन्य निदेशक पेश हो सकते हैं तो फिर आप क्यों नहीं? कोर्ट ने निवेशकों को 20 हजार करोड़ रुपये लौटाने के आदेश पर अमल नहीं किए जाने के कारण 20 फरवरी को सहारा समूह को आड़े हाथ लेते हुए सुब्रत रॉय के साथ ही सहारा इंडिया रियल इस्टेट कार्प लि और सहारा इंडिया हाउसिंग इन्वेस्टमेन्ट कार्प लि के निदेशकों रवि शंकर दुबे, अशोक राय चौधरी और वंदना भार्गव को समन जारी किए थे।
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