अमेरिकी राजदूत नैंसी पॉवेल ने गुरुवार को गुजरात के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी से गांधीनगर में मुलाकात की। अमेरिकी राजदूत और मोदी की बैठक ने अमेरिका के रवैये में बदलाव के संकेत दिए हैं। गौरतलब है कि अमेरिका ने 2002 के गुजरात दंगा को देखते हुए 2005 में मोदी को वीजा देने से इंकार कर दिया था। पॉवेल और उनके सहयोगी ने मोदी से मुलाकात की। मोदी ने पॉवेल को गुलाब का गुलदस्ता भेंट किया।
इस बैठक का आयोजन विदेश मंत्रालय ने किया था, जिससे कुछ दिनों पहले इस बैठक के प्रबंध के संबंध में निवेदन किया गया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि अमेरिकी दूतावास ने कुछ समय पहले मोदी से मुलाकात आयोजित करने का निवेदन कुछ समय पहले किया था और मंत्रालय ने इसकी व्यवस्था की।
अमेरिका ने मोदी का वीजा 2005 में उस कानून के अंतर्गत रद्द कर दिया था, जिसमें धार्मिक आजादी के गंभीर उल्लंघन के लिए जिम्मेदार विदेशी राजनेताओं को अमेरिका में प्रवेश की इजाजत नहीं देने की बात है। मोदी के राष्ट्रीय नेता के रूप में उभरने के बाद से अमेरिका के व्यवसायियों की लॉबी उनके संपर्क में आई है। तीन रिपब्लिकन सांसद और अमेरिका के व्यवसायियों के प्रतिनिधि मंडल ने पिछले साल अहमदाबाद में उनसे मुलाकात की थी। इस बैठक में अमेरिका के वरिष्ठ राजनयिक ने भी हिस्सा लिया था।
मोदी को वीजा देने के मामले में अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि भाजपा नेता वीजा के लिए आवेदन दे सकते हैं और उन्हें अन्य आवेदकों की तरह इंतजार करना होगा। अमेरिका और भारत के व्यापारिक संबंध 100 अरब डॉलर तक पहुंच गए हैं। अमेरिका ने भी संकेत दिए हैं कि वह भारत में आगामी चुनाव के बाद बने किसी भी सरकार के साथ काम करने के लिए तैयार है।
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