सरकार को किराया और मालभाड़ा निर्धारित करने के संबंध में सलाह देने के लिए एक स्वतंत्र रेल टैरिफ प्राधिकरण की स्थापना की जा रही है। अब दरों का निर्धारण करना पर्दे के पीछे का कार्य नहीं होगा जहां उपयोगकर्ता गुप्त रूप से ही पता लगा सकते थे कि दूसरी ओर क्या हो रहा है। रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को पेश अंतरिम रेल बजट में यह बात कही है। रेल टैरिफ प्राधिकरण रेलवे की आवश्यकताओं पर ही विचार नहीं करेगा, बल्कि एक पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से सभी हितधारकों को भी शामिल करके एक नई कीमत निर्धारण व्यवस्था आरंभ करेगा।
इससे किराया और मालभाड़ा अनुपात को बेहतर बनाने के लिए किराए और माल संरचनाओं को युक्तिसंगत बनाने का दौर आरंभ होगा और धीरे-धीरे विभिन्न क्षेत्रों के बीच क्रॉस सब्सिडाइजेशन को कम किया जा सकेगा। उम्मीद है कि इससे रेलवे की वित्तीय स्थिति सुधारने में मदद मिलेगी और राजस्व प्रवाह की अस्थिरता कम करके स्थिरता लाई जा सकेगी।
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