भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता उमा भारती ने आम चुनाव से पहले गंगा की अविरलता और निर्मलता के मुददे को और धार देने का फैसला कर लिया है। गंगा में डाली जा रही गंदगी के मुद्दे को लेकर एक वर्ष पूर्व राज्य सरकार को चेतावनी देने वाली उमा अब इस लड़ाई में सीधे तौर पर उतरने का मन बना चुकी हैं। अपनी इसी रणनीति के तहत उमा शुक्रवार से कानपुर में दो दिनों तक डेरा डालेंगी। इस दौरान वह गंगा प्रदूषण को लेकर पदयात्रा पर निकलेंगी और लोगों से मुलाकात कर गंगा को प्रदूषण से मुक्त कराने का अनुरोध करेंगी।
उमा की पदयात्रा 14 और 15 फरवरी को होगी जबकि वह 16 फरवरी को उन्नाव के शुक्लागंज में आयोजित एक जनसभा में शामिल होंगी। इस जनसभा को लोकसभा में प्रतिपक्ष की नेता सुषमा स्वराज भी संबोधित करेंगी। इससे पूर्व उमा ने वर्ष 2013 में गंगा किनारे धरना देकर प्रदेश सरकार को गंगा में गिर रही गंदगी को लेकर चेतावनी भी दी थी। तब उन्होंने कहा था कि कानपुर में गंगा प्रदूषण की पैकेजिंग होती है। अगर यहां से गंगा नदी में गिर रही गंदगी का इलाज नहीं किया गया तो वह कानपुर की गलियों में पदयात्रा पर निकलेंगी। इसी रणनीति के तहत अब वह गंगा के मुद्दे को धार देने में जुटेंगी।
जानकारी के मुताबिक उमा गुरुवार रात को ही कानपुर पहुंच जाएंगी और अगले दिन वह गंगा किनारे बनी बस्तियों में लोगों से मुलाकात करेंगी। 15 फरवरी को वह बिरहाना रोड, नयांगज और घंटाघर में पदयात्रा पर निकलेंगी और अंत में वह घंटाघर में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करेंगी। कानपुर भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी के मुताबिक उमा गंगा का फायदा उठाने वालों और टेनरियों में काम करने वालों कामगारों से मिलंेगी, इसके पश्चात वह शहर के बड़े-बड़े कारोबारियों से मिलकर गंगा को प्रदूषण से मुक्त रखने के संदर्भ में बातचीत करेंगी।
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