राजीव गांधी हत्याकांड मामले के तीन दोषियों की रिहाई पर रोक लगाने के बाद उच्चतम न्यायालय ने आज मामले के 4 अन्य दोषियों को रिहा करने से तमिलनाडु सरकार को रोक दिया। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी सदाशिवम की अगुवाई वाली एक पीठ ने राज्य सरकार को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश देते हुए कहा कि वह राजीव गांधी हत्याकांड मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे सभी सातों दोषियों को रिहा करने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार की दलील पर 6 मार्च को सुनवाई करेगा।
केंद्र सरकार की दलील का विरोध करते हुए तमिलनाडु सरकार ने कहा कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है] क्योंकि केंद्र सरकार इस मामले में इस तरह की याचिका दाखिल नहीं कर सकती। राज्य सरकार ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार मामला दायर करने की स्थिति में नहीं है।
तमिलनाडु सरकार ने जानना चाहा कि बंदियों की रिहाई पर केंद्र सरकार की राय मांगने वाले, राज्य सरकार के पत्र का जवाब देने के बजाय केंद्र सरकार उच्चतम न्यायालय पहुंचने के लिए क्यों उतालवी हुई। पीठ ने राज्य सरकार से सवाल किया क्या केंद्र सरकार उतावली हुई है या आप उतावले हो रहे हैं। पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि वह याचिका के तर्कों पर गौर करने से पहले इस बात पर विचार करेगा कि केंद्र सरकार की याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं। उन्होंने कहा आप इसे हमसे ले लीजिये क्योंकि हम इस बात पर पहले विचार करेंगे कि याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं। हम समस्या को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाएंगे।
पीठ ने कहा कि कैदियों की रिहाई के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के बारे में हर राज्य को पता होना चाहिए। न्यायालय ने तीन बंदियों मुरूगन, संथन और अरिवु की रिहाई पर 20 फरवरी तक रोक लगाते हुए कहा था कि इनकी रिहाई के फैसले पर राज्य सरकार की ओर से प्रक्रियागत खामियां हुईं। इन तीनों की मौत की सजा उच्चतम न्यायालय ने ही 18 फरवरी को उम्र कैद में बदल दी थी। इसके बाद केंद्र ने एक आग्रह कर अन्य चार बंदियों नलिनी, रॉबर्ट पॉयस, जयकुमार और रविचंद्रन की रिहाई पर रोक लगाने की मांग की।
जयललिता सरकार ने राजीव गांधी हत्याकांड मामले के सभी सातों कैदियों को 19 फरवरी को रिहा करने का फैसला किया था। संथन, मुरूगन और अरिवु 1991 से जेल में हैं। फिलहाल तीनों वेल्लोर के केंद्रीय कारागार में हैं। इस मामले के चार अन्य दोषी भी राजीव गांधी की हत्या की साजिश में भूमिका के लिए उम्र कैद की सजा काट रहे हैं। राजीव की 21 मई 1991 को श्रीपेरूम्बुदूर में हत्या कर दी गई थी। न्यायालय ने 20 फरवरी को तमिलनाडु सरकार, चेन्नई जेल के महानिरीक्षक, वेल्लोर की केंद्रीय जेल के अधीक्षक और दोषियों वी श्रीहरन उर्फ मुरूगन, टी सुतेन्द्रराजा उर्फ संथन तथा ए जी पेरारिवलन उर्फ अरिवु को नोटिस जारी किया था। इस मामले की सुनवाई 6 मार्च के लिये निर्धारित है।
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