लोकसभा में मंगलवार को शोरशराबे के बीच आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गया। मतदान के दौरान तेलंगाना का विरोध कर रहे आंध्र प्रदेश के सांसदों और कुछ विपक्षी पार्टियों ने अपना विरोध जताया।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सदस्य और कांग्रेस के एक कैबिनेट मंत्री सहित विधेयक के विरोधी लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के आसन के नजदीक पहुंच गए और आंध्र प्रदेश के विभाजन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। लेकिन अध्यक्ष ने इसकी अनदेखी कर दी।
वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष वाईएसआर जगनमोहन रेड्डी ने इसे देश के इतिहास का काला दिन करार दिया और बुधवार को आंध्र प्रदेश बंद रखने का आह्वान किया। उन्होंने मीडिया से कहा, "संसद में आज यह विधेयक आंध्र प्रदेश विधानसभा और राज्य की जनता की इच्छा के बगैर पारित हुआ है।"
जगन ने कहा, "हमने आज देखा कि कैसे अलोकतांत्रिक तरीके से एक विधेयक पारित हुआ। जिस तरह से कार्यवाही हुई, जिस तरह से लोकसभा अध्यक्ष ने 'हां' और 'ना' कहा, इससे यह स्पष्ट हो गया कि कैसे लोकतंत्र की दिनदहाड़े हत्या हो सकती है।" उन्होंने कहा, "यह देश के इतिहास का काला दिन है। हम कल (बुधवार) आंध्र प्रदेश बंद रखने का आह्वान करते हैं।"
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