उत्तराखंड की विस्तृत खबर (14 फ़रवरी ) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2014

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (14 फ़रवरी )

राज्यमंत्रिमंडल की बैठक में लिए गये कई महत्वपूर्ण निर्णय
  • मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना को राज्य में लागू

देहरादून, 14 फरवरी  । राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में आज कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये जिसमें जनसामान्य को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना को राज्य में लागू करने का निर्णय रहा। इस योजना में ऐसे परिवारों को सम्मिलित किया गया है, जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना से लाभान्वित नहीं हो रहे है। वर्तमान में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना तथा हेल्थ कार्ड योजना के अन्तर्गत 13.09 लाख कार्मिक लाभान्वित हो रहे है, इसके अतिरिक्त लगभग 7 लाख परिवार ऐसे है, जो उक्त दोनांे सुविधाओं से लाभान्वित नहीं हो रहे है, ऐसे सभी परिवारों को इस योजना में शामिल किया जा रहा है। इस योजना पर राज्य सरकार को लगभग 10 करोड़ रुपये का प्रतिवर्ष व्यय करना होगा। वहीं एक अन्य निर्णम में  प्रदेश में केन्द्र की तर्ज पर रेहड़ी, तहबाजार, खोमचे वाले आदि के लिए राज्य सरकार द्वारा वेंडर पाॅलिसी बनाने का निर्णय लिया गया है। जबकि आपदा-2013 के उपरांत किये जाने वाले रुपये 25 लाख तक की लागत के पुनर्निर्माण/पुनःस्थापना संबंधित कार्यों को वर्कचार्ज के आधार पर करवाये जाने का निर्णय। वहीं नर्स व पटवारी कर्मचारियों की हड़ताल अवधि का वेतन देने पर सहमति के बाद इनके हड़ताल अवधि का वेतन दिये जाने का रास्ता साफ हो गया है। नई पेंशन योजनाओं के लिए दर निर्धारित करने के लिए सचिव न्याय, कार्मिक व संबंधित विभाग के सचिव की समिति बनाए जाने का निर्णय हुआ है जो अपने सुझाव मंत्रिमण्डल की उपसमिति को देगी। इस उप समिति में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, सुरेन्द्र सिंह नेगी व प्रीतम सिंह होंगे।  वहीं कर्मचारी राज्य बीमा योजना उत्तराखण्ड में संविदा चिकित्सकों (एलोपैथिक) के मानदेय में वृद्धि करने का निर्णय भी बैठक में लिया गया है। कैबिनेट में यह भी निर्णय लिया गया है कि चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा निर्धारित संविदा पर तैनात साधारण ग्रेड चिकित्साधिकारी के मानदेय के समकक्ष कर्मचारी राज्य बीमा योजना के अंतर्गत संविदा पर चिकित्सकों को रखे जाने हेतु मानदेय 30 हजार रुपये से बढ़ाकर 48 हजार रुपये निर्धारित किया गया। वहीं उत्तराखण्ड सचिवालय लेखा संवर्ग सेवा (संशोधन) नियमावली 2014 को दी गई मंजूरीदे दी गयी है। राज्य में विद्यालय शिक्षा विभाग में उत्तराखण्ड अधीनस्थ शिक्षा (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) सेवा नियमावली 2014 प्रख्यापित की गयी जबकि सहायक अध्यापक, एल.टी. का पृथक संवर्ग तथा सेवा नियमावली में विषयवार शैक्षिक अर्हता निर्धारित है। जूनियर हाईस्कूल के अर्हता प्राप्त अध्यापकों को उनके पदोन्नति के अवसर को दृष्टिगत रखते हुए भर्ती के वर्तमान नियमावली के 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया गया है। साथ ही सीधी भर्ती के माध्यम से जूनियर हाईस्कूल संवर्ग में प्रतिभाशाली एवं उच्च योग्यताधारी शिक्षक भी सेवायोजित हो रहे है। अतः उन्हें भी विभागीय परीक्षा के माध्यम से आगे बढ़ने के अवसरों को प्रदान करने के उददेश्य से विभागीय सीधी भर्ती हेतु वर्तमान निर्धारित 5 प्रतिशत में वृद्धि कर 10 करने का निर्णय है। अब सहायक अध्यापक एल.टी. सीधी भर्ती को 60 प्रतिशत किये जाने का निर्णय लिया गया है। वहीं एक अन्य निर्णय में उत्तराखण्ड सचिवालय तथा उत्तराखण्ड सचिवालय से इतर अधीनस्थ राजकीय कार्यालयों के चतुर्थ श्रेणी कार्मिको हेतु पूर्व में अनुमन्य ध्ुालाई भत्ता क्रमश  रुपये 20 एवं रुपये 30 को संशोधित करते हुए प्रतिमाह रुपये 90 करने का निर्णय लिया गया है। वहीं राज्य आकस्मिकता निधि की धनराशि में परिवर्तन हेतु राज्य आकस्मिकता निधि (संशोधन) विधेयक पारित करने के निर्ण के साथ ही इस निधि की धनराशि 200 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 750 करोड़ रुपये किया गया है। राज्य में राजकीय भूमि पर प्रभार्य स्टाॅम्प शुल्क में छूट प्रदान किये जाने का निर्णय। इसके तहत भारत सरकार एवं राज्य सरकार के संस्थान जिन्हें उपक्रम संचालित करने हेतु सरकार द्वारा निःशुल्क भूमि उपलब्ध करायी जाती है, उनको स्टाॅम्प शुल्क में छूट दिये जाने का निर्णय किया गया। प्रदेश में लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित मार्गों के रख-रखाव की व्यवस्था के तहत जनपद मुख्यालय तहसील मुख्यालय एवं ब्लाॅक मुख्यालय को जोड़ने वाले मुख्य मार्गों पर विभागीय गैंग पद्धति से वर्तमान प्रचालित रख-रखाव व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए इन मार्गों पर मेट एवं बेलदारों की अतिरिक्त आवश्यकता की पूर्ति आउट सोर्सिग के अन्तर्गत ठेकेदारों के माध्यम से किये जाने का निर्णय लिया गया है इसमें स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।  वहीं राजकीय कार्यालयों, विद्यालयों, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों, अस्पतालों एवं अन्य राजकीय भवनों का निर्माण किये जाने के लिए मध्यम वर्गीय निवेश योजना लागू करने का निर्णय लिया गया है। जबकि मंडी शुल्क समाप्त होने से मंडियों की आथिक स्थिति को मजबूत करने के लिए सुझाव देने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किये जाने का निर्णय लिया गया है जिसमें सचिव कृषि, सचिव खाद्य एवं अध्यक्ष मंडी परिषद शामिल होंगे। 

भारी बरसात के बीच मुख्यमंत्री ने सुनी जनससमयाएं
  • जनता की तकलीफ दूर करना सरकार का काम:मुख्यमंत्री

uttrakhand newsदेहरादून, 14 फरवरी  । शुक्रवार को भारी बरसात में भी अपने मुख्यमंत्री को अपनी समस्याएं और व्यथाएं सुनाने के लिए राजीव भवन (कांग्रेस भवन) में लोगों की भीड़ जुट गई। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी एक-एक फरियादी से मिलकर उनकी समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही के लिए निर्देशित किया। बहुत से लोगों की व्यक्तिगत शिकायतें और समस्याएं थीं तो अनेक लोग ईलाज आदि के लिए सहायता चाहते थे। अनेक लोग अपने क्षेत्र में बिजली, पानी, सड़क आदि विकासात्मक कार्यों के लिए मुख्यमंत्री से मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जनता की है और जनता की हर तकलीफ को दूर करना राज्य सरकार का परम दायित्व है। मुख्यमंत्री बनने के बाद वे स्वयं रोज भारी तादाद में आने वालों से मिल रहे हैं और उनकी शिकायतों को सुन कर समस्याओं के निस्तारण का हर सम्भव प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि रोज जिस तरह से लोग आ रहे हैं और आज इतनी बारिश में भी मिलने और समस्याएं बताने के लिए आए हैं उससे जाहिर है कि जनता की मुख्यमंत्री और सरकार से काफी अपेक्षाएं हैं। लोग आशान्वित हैं कि उनकी समस्याओं का निदान होगा। मुख्यमंत्री ने मौके पर मौजूद जिलाधिकारी देहरादून डा.बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम और एमडीडीए के उपाध्यक्ष आर मीनाक्षी सुन्दरम को उनसे संबंधित समस्याओं को तत्काल हल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी  जनता के प्रति और अधिक संवेदनशील होकर उनकी समस्याएं नियमित रूप से सुनें और दूर करें।  मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं अपने व्यस्ततम कार्यक्रम में से समय निकालकर जनता से मिलते रहेंगे। इस दौरान केबिनेट मंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल आर्य भी मौजूद थे।

यशपाल आर्य के हाथों में ही रहेगी प्रदेश अध्यक्ष की कमान!

देहरादून, 14 फरवरी (निस)। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष यशपाल आर्य ने भले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया हो लेकिन मौजूदा पंचायत व लोकसभा चुनाव को देखते हुए यह साफ नजर आ रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष की कार्यकारी कमान उन्हीं के हाथों में रहेगी। इसके पीछे उत्तराखण्ड में दलित मतदाताओं को कांगे्रस से भटकने को रोकने व उनके पिछले चुनावों के अनुभवों को देखते हुए दिग्गज नेताओं ने यह रणनीति तैयार की है। हालांकि काफी समय तक ब्राहमण प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने की कवायद चल रही थी, लेेकिन जिस तरह से सतपाल महाराज गढ़वाल की उपेक्षा को लेकर तीर चला चुके हैं उसको देखते हुए हाईकमान असमंजस की स्थिति में हैं और यही कारण है कि नवप्रभात व किशोर उपाध्याय में से किसी एक को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लिए हाईकमान निर्णय नहीं ले पाया है। वहीं सतपाल महाराज के इस बयान ने खुद उनकी साख पर ही सवालिया निशान लगा दिये हैं। क्योंकि आला नेताओं की नजरों में सतपाल महाराज प्रदेश के नेता थे और उनके इस बयान से वे सीमित हो गये हैं। उल्लेखनीय है कि लम्बे समय से कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का पद छिनने के लिए कई नेता लगातार उन पर निशाना साधते रहे थे जिसके चलते कुछ समय पूर्व यशपाल आर्य ने कांग्रेस पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद ब्राहमण नेता नवप्रभात व किशोर उपाध्याय ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनने की ताल ठोक दी। चूंकि किशोर उपाध्याय हरीश रावत के काफी खास माने जाते हैं और विधानसभा अध्यक्ष भी चूंकि मुख्यमंत्री के काफी करीबी हैं उसको देखते हुए हाईकमान ने किसी भी ब्राहमण नेता को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर अपनी मोहर नहीं लगाई।
यशपाल आर्य चूंकि सभी नेताओं की पसंद माने जाते हैं और उनका कभी भी ना तो विजय बहुगुणा ने कोई विरोध किया और ना ही मुख्यमंत्री बनने से पहले हरीश रावत ने ही यशपाल आर्य का कोई विरोध किया। लोकसभा चुनाव नजदीक हंै और राज्य में 18 से 20 प्रतिशत मतदाता दलित हैं इसलिए इस वोट बैंक को बचाये रखने के लिए हाईकमान ने लोकसभा चुनाव तक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की कमान यशपाल आर्य के हाथों मे ही सौंप सकती है।

कांग्रेस सरकार कर रही है बेशकीमती जमीनों को खुर्द-बुर्द 

देहरादून, 14 फरवरी (निस)। उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल भुवन चन्द्र खण्डूड़ी ने रूद्रपुर  स्थित पत्थर चट्टा सैनिक फार्म के विषय में राज्य सरकार द्वारा कोई स्पष्टीकरण न दिये जाने पर चिंता प्रकट की है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से यह कांग्रेस की सरकार प्रदेश में आयी है तब से इस सरकार ने प्रदेश में सरकारी भूमि को खुर्द-बुर्द करने का जैसे एक अभियान चला रखा है। इसी अभियान के तहत  उत्तराखण्ड सरकार की नजर अब पत्थर चट्टा सैनिक फार्म की 1423 एकड़ कृषि भूमि पर है। यह सैनिक फार्म की देख-रेख उत्तराखण्ड सैनिक पुर्नवास संस्था करती है तथा इससे होने वाली आय से संस्थान पूर्व सैनिकों, सैनिक विधवाओं एवं उनके आश्रितों के कल्याणार्थ विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के मद से उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करती है। पूर्व सैनिकों, सैनिक विधवाओं एवं उनके आश्रितों के कल्याणार्थ प्रदेश में चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं की धनराशि मुख्यतः इसी फार्म हाउस से आती है। मीडिया में आयी जानकारी के मुताबिक अब तक वर्ष 2013-14 में पत्थरचट्टा सैनिक फार्म से लगभग 4 करोड़ से अधिक की धनराशि प्राप्त हुई है। प्रदेश सरकार बजाय इसके कि पूर्व सैनिकों उनकी विधवाओं एवं आश्रितों के लिये और कल्याणकारी योजना बनाने के स्थान पर पहले से चली आ रही कल्याणकारी योजनाओं को समाप्त करने में आमादा है। इस विषय में अगर प्रदेश सरकार ने शीघ्र ही कोई निर्णय नहीं लिया तो पूर्व मुख्यमंत्री महामहीम राष्ट्रपति महोदय से मुलाकात कर या पत्र लिखकर इस विषय की सारी वस्तुस्थिति महामहीम राष्ट्रपति महोदय के सामने रखेगें तथा उनसे यह अनुरोध करेगें कि वह इस विषय में अपने स्तर से हस्तक्षेप कर सैनिक फार्म पत्थर चट्टा को खुर्द-बुर्द होने से बचायें। 

आपदा पीडि़तों के संगठन केदारघाटी विस्थापन व पुनर्वास संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात 

देहरादून, 14 फरवरी (निस)। समिति के अध्यक्ष व पूर्व दायित्वधारी अजेन्द्र अजय के नेतृत्व में मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने बेघर हुए लोगों को भवन निर्माण हेतु पांच लाख रूपये के आर्थिक पॅकेज को नाकाफी बताया। यह धनराशि भी तीन किश्तों में दी जायेगी। पहली किश्त जारी होने से पहले पीडि़त को घर बनाने के लिए प्रस्तावित भूमि का प्रमाण प्रशासन को देना होगा। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि अधिकांश पीडितों के पास जमीन नहीं है। ऐसे में वे भूमि की व्यवस्था कैसे करें। भूमि की व्यवस्था नहीं होने के कारण पीडितों को किश्त भी जारी नहीं हो पा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आर्थिक पॅकेज को बढाये जाने और इस धनराशि को एकमुश्त पीडितोें को दिए जाने की मांग की। समिति ने प्रदेश में लगातार हो रही प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर प्रभावितों के विस्थापन व पुनर्वास के लिए एक ठोस नीति बनाये जाने की मांग की। विस्थापन व पुनर्वास की ठोस नीति नहीं होने के कारण अधिकांश पीडित शरणार्थियों सा जीवन जीने को मजबूर हैं। प्रतिनधिमंडल ने रुद्रप्रयाग जनपद में जल विद्युत परियोजना का निर्माण कर रही एल.एन.टी. कम्पनी से पीडितों को समुचित मुआवजा दिलाये जाने की मांग उठायी और कहा की एल.एन.टी. ने पीडितों की मदद के लिए जो धनराशि स्वीकृत की है, उसे सरकार सड़क पुल आदि पर नहीं खर्च करने दे। इसके अलावा प्रभावित व्यापारियों को मुआवजा दिए जाने, मुआवजा वितरण में वयस्क सदस्य को इकाई माने जाने, भूमि का मुआवजा सर्किल रेट के आधार पर देने, बाढ़ सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने आदि मांग भी मुख्यमंत्री के सामने रखी। मुख्यमंत्री ने समिति को आश्वस्त किया की उनकी मांगों पर गम्भीरतापूर्वक कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने बताया की व्यापारियों के मुआवजे के बारे में भी तय कर दिया गया है। उन्होंने समिति की मांगों के सम्बन्ध में प्रमुख सचिव(मुख्यमंत्री) एस.एस. संधु को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। प्रतिनिधिमंडल में समिति के संयोजक मंडल के सदस्य डॉ. योगम्बर सिंह नेगी, सचिव महेंद्र नेगी, विश्वनाथ व सुनील बेंजवाल शामिल थे।

राज्यपालों के सम्मेलन में राज्यपाल डा़ कुरैशी ने उठाये उत्तराखंड के मामले
  • वैष्णोदेवी या तिरूपति की तर्ज पर हो मंदिरों की व्यवस्थाएं: डाॅ. अज़ीज़ कुरैशी

uttrakhand news
देहरादून, 14 फरवरी (निस)। उत्तराखण्ड के राज्यपाल डाॅ. अज़ीज़ कुरैशी राष्ट्रपति भवन में चल रहे राज्यपालों के सम्मेलन में उत्तराखंड के कई ज्वलंत व महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी बातें रखी। राज्यपाल ने वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड तथा तिरूपति में चल रही व्यवस्थाओं की भाँति उत्तराखंड के चार धाम यात्रा क्षेत्र को विकसित, व्यवस्थित तथा सुविधाजनक बनाये जाने की प्रबल अनुशंसा करते हुए कहा कि जिस प्रकार हज यात्रियों की सुविधाओं के लिए व्यवस्थाएं की जाती हैं उसी तर्ज पर चार धाम यात्रा के श्रदालुओं के लिए भी आर्थिक सहायता व अन्य आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने हेतु कोई प्रभावी फाॅर्मूला अथवा पार्लियामेन्ट्री एक्ट बनाया जाना चाहिए। पहाड़ों से निरन्तर हो रहे पलायन विशेषतः बुनियादी सुविधाओं के अभाव में खाली होते जा रहे सीमान्त गाँवों से बाॅर्डर क्षेत्र में देश की सुरक्षा के लिए बढ़ते खतरे के प्रति चिन्तित राज्यपाल ने समस्या के समाधान के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि सामरिक दृष्टि से संवेदनशील पहाड़ के सीमान्त क्षेत्रों मंे घुसपेैठियों तथा माओवादियों की गतिविधियों पर कड़ा नियन्त्रण रखने के लिए पलायन रोकना नितान्त आवश्यक है इसके लिए स्थानीय आबादी को शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध करानी होंगी। पलायन रोकने के लिए स्थानीय आवश्यकताओं, भौगौलिक परिस्थितियों एवं समुदायिक ताने-बाने के अनुरूप रोजगार के संसाधन ंभी अनिवार्य रूप से विकसित करने होंगे। राज्यपाल ने उत्तराखंड की सीमा से लगे भारत-चीन के बाॅर्डर पर चीन द्वारा अपनी सीमा तक बेहतरीन गुणवत्ता की संड़क बनाये जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे सीमान्त क्षेत्रों में भी इसी प्रकार की सड़कों का निर्माण करने के लिए कार्यदायी संस्था को निर्देशित किया जाना होगा इससे देश की सरहदी सुरक्षा के साथ ही स्थानीय निवासियों की सुविधा में भी इजाफा होगा। राज्यपाल ने उत्तराखंड को ग्रीन बोनस दिये जाने के लिए केन्द्र सरकार का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने जून 2013 में भीषण दैवीय आपदा से बुरी तरह प्रभावित उत्तराखंड को बचाव , राहत व पुनर्वास कार्यों में सहायता के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, यू.पी.ए की अध्यक्ष, भारतीय सैन्य बलों व अर्धसैन्य बलों के जवानों, विभिन्न सामाजिक संगठनों सहित उन सभी ज्ञात-अज्ञात लोगों का हृदय से आभार व्यक्त किया जिन्होंने बुरे वक्त में अपनी जान पर खेलकर खुले दिल से पीडि़तों की हर संभव सहायता की।उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में प्राथमिक चिकित्सा सुविधाओं की कमी तथा विशिष्ट चिकित्सा सुविधाओं के अभाव से चिन्तित राज्यपाल ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित संबंधित मंत्रालय का ध्यान इस ओर आकृष्ट करते हुए कहा कि राज्य के कुमाऊँ तथा गढ़वाल मंडल में एक-एक सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल के साथ ही देहरादून में बच्चों के लिए एक सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल की स्थापना पर गंभीरता से विचार किया जाना नितांत आवश्यक है। राज्य में पर्यटन की अपार संभावनाओं के प्रकरण पर बोलते हुए राज्यपाल ने प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर, पर्यटकों में लोकप्रिय नैनीताल व मसूरी जैसे शहरों में बढ़ रहे अवैध निर्माण से इन शहरों को बदसूरत बना रहे तत्वों पर कड़ी कार्यवाही किए जाने की वकालत की और कहा कि इन प्रमुख शहरों के सौन्दर्य व आकर्षण को संरक्षित रखना जरूरी है। राज्य में बढ़ रहे अवैध खनन, अवैध वन कटान और अवैध निर्माण से राज्य के पर्यावरण, नैसर्गिक सौन्दर्य, प्राकृतिक वन संपदा तथा राजस्व को हानि पहुँचाने वाले तत्वों की गतिविधियों को कड़ाई से नियंत्रित करने के गंभीर पक्षधर, राज्यपाल ने कहा कि इस अवैध कारोबार से जुडे लोगों के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा सख्त से सख्त कार्यवाही किया जाना जरूरी है। इन कार्यों में संलिप्त लोगों को बेनकाब करने की दृष्टि से राज्यपाल ने उच्च स्तरीय जाँच कराये जाने की माँग भी की। उक्त महत्वपूर्ण विषयों के अतिरिक्त राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति के समक्ष और भी कई मुद्दे चर्चा हेतु रखे गये जिनका लाभ भविष्य में उत्तराखंड को मिल सकता है।राज्यपाल के साथ उनके सचिव श्री अरूण ढ़ौडि़याल व परिसहाय मेजर पी.पी.राय चैधरी भी हैं।               

वेैलेन्टाइन-डे विरोधी संगठनो को किया दरकिनार,युवाओं ने खुल कर किया प्रेम का इजहार

देहरादून,14 फरवरी,(निस)। उत्तराखण्ड के पहाड़ो में हो रही जमकर बर्फबारी और वर्षा के बावजूद युवा दिलों की धड़कन बन चुका वैलेन्टाइन डे राजधानी देहरादून सहित आसपास के क्षेत्रांे में बेधड़क होकर विशेष स्थानों पर मनाया गया। युवाओं के प्रेम के आगे वेलेन्टाइन-डे विरोधी उनका बाल भी बांका नहीं कर पाए। कई संगठनों के विरोध करने पर भी इसका असर नहीं दिखाई दिया। बताते चलें कि वैलेन्टाइन डे यानि प्रेम दिवस का इन्तजार युवा पे्रमी जोड़ो को पूरे वर्ष बेसब्री से रहता है। 14 फरवरी को मनाये जाने वाले इस पे्रम दिवस पर लडके लडकियंा एक दूसरे को उपहार स्वरूप लाल, पीला व सफेद रंग के फूल, रूमाल, चाकलेट व अन्य प्रकार के प्यार से सुसज्जित उपहार देकर अपने प्यार ,दोस्ती का इजहार तहेदिल से करते हैं इस दिन कही दिल टूटने की आवाज होती हेै तो कहीं खुशी के आंसुओ का सेलाब होता है। शुक्रवार यहां वैलेन्टाइन डे का जादू युवाओ के सिर चढ़कर बोला। सुबह से ही अपनी दुकानों को सजाकर बैठे फूलवालों से सैकड़ांे युगलों ने रंग बिरंगे फूलांे की खरीददारी अन्य दिनांे की अपेक्षा तीन गुना ज्यादा दाम चुकाकर की। हाले दिल को बयां करने के लिये लडके लड़कियों ने फूलों के साथ ग्रीटिंग कार्ड व डायरी का सहारा भी लिया। सार्वजनिक स्थानों पर उत्ताखण्ड नवनिर्माण सेना व बजंरग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध करने के डर से युवाओं ने विशेष स्थानांे पर पे्रम दिवस का आनंद उठाया। राजपुर रोड़,मालसी,बुद्धा टैम्पल, सहित रामझूला, लक्ष्मणझूला, बैराज पुल, गरूड़चट्टी, सांईघाट, 72 सीड़ी सहित लव प्वाइंट के नाम से प्रसिद्ध कोयलघाटी घाट पर लडके लडकियो का जमावड़ा लगा रहा। राजकीय महाविद्यालय , भरत मंंिदर इण्टर कालेज के मैदान में भी युवा जोड़ो को पे्रमदिवस मनाते देखा गया। त्रिवेणी घाट पर चोरी छिपे मिल रहे जोड़ो को विरोधी संगठनो का सामना एक दूसरे से अलग होकर व आगामी वर्ष से इस दिवस को ना मनाने का वायदा करने के साथ करना पड़ा। संगठनो के विरोध के ऐलान से पुलिस भी कई स्थानो पर सक्रिय रही जिससे कोई अनहोनी किसी जोड़े के साथ नही हुई। गौरतलब हो कि  पाश्चात्य संस्कृति भारतीय संस्कृति पर किस कदर हावी हो रही है इसका असर भारी वर्षा व ठण्ड के बावजूद भी देखा गया। वैलेन्टाइन डे पाश्चात्य संस्कृति पर आधारित दिवस है जिसका भारत में शुरू से ही विरोध रहा है। किंवदन्ती के अनुसार संत वैलेन्टाइन ने 14 फरवरी को लोगों से मजहब के नाम पर दिलों में एक दूसरे से नफरत भुलाकर प्यार को बढ़ावा देने के फलस्वरूप फूलांे को बांटकर पे्रम का उपदेश दिया था लेकिन लोगो ने इस पे्रम का अर्थ कुछ और ही समझा । भारत की संस्कृति में इसका विरोध इसलिये है क्येांकि युवा पीढ़ी इस सीढ़ी पर पैर रखकर भ्रमित हो रही है। वैलेन्टाइन डे का असर नगर क्षेत्र के साथ श्यामपुर, रायवाला ,रानीपोखरी में भी रहा। पे्रम दिवस पर अपने प्यार का इजहार करने के लिये मसूरी से ऋषिकेश आये राहुल नेगी ने त्रिवेणी घाट पर बताया कि वह अपनी पे्रमिका से मिलने प्रथम बार यहां आया है और उसका प्यार नैट पर परवान चढ़ा था। अपना नाम ना छापने की शर्त पर श्यामपुर निवासी एक लड़की ने भरत बिहार कालोनी में अपने पे्रमी के साथ बताया कि इस दिन का इन्तजार उसे कई महीनांे से था क्योंकि जिस लडके से वह दिल ही दिल में प्यार करती थी उसे प्रपोज कर आज उसने अपना प्यार लडके की हामी के साथ पा लिया। चैदह बीघा के रहने वाले एक युवक का हाल तो उल्टा ही है। वह बताता है कि जिस लडकी के लिये वह लाल गुलाब लेकर आया था वह पहले ही किसी ओर से प्यार करती है। जिनका सम्बन्ध फेस बुक के माध्यम से बना था। कुल मिलाकर तीर्थनगरी में वैलेन्टाइन डे पर कहीं खुशी कही गम के बादल छाये रहे। वैलेन्टाइन डे को भारतीय संस्कृति का दुश्मन बताते हुये हिन्दू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने वैलेन्टाइन डे का पुतला दहन कर विरोध प्रकट किया। 

कोई टिप्पणी नहीं: