भाजपा के पूर्व अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण का शनिवार को यहां एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 74 वर्ष के थे। उन्हें एक फर्जी रक्षा सौदे के लिए एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए कैमरे में कैद किए जाने के बाद 2001 में भाजपा अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ा था। पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे लक्ष्मण को यहां एक निजी अस्पताल में शनिवार शाम को दिल का दौरा पड़ा। उनके परिवार में पत्नी सुशीला लक्ष्मण, तीन बेटियां और एक बेटा है।
उनकी पत्नी सुशीला भाजपा के टिकट पर 14वीं लोकसभा के लिए राजस्थान के जालौर से निर्वाचित हुईं थीं। आंध्रप्रदेश में एक दलित परिवार में जन्मे लक्ष्मण युवावस्था में राजनीति में आए और 1985 में आंध्र प्रदेश विधान परिषद के सदस्य बने। अप्रैल 1996 में वह राज्यसभा में पहुंचे। अक्तूबर, 1999 में वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में योजना और कार्यक्रम क्रियान्वयन राज्यमंत्री बने थे। बाद में उन्हें रेल मंत्रालय में राज्यमंत्री की जिम्मेदारी दी गयी।
लक्ष्मण 2000 से 2001 तक भाजपा के शीर्ष पद पर रहे। ‘तहकला’ के एक स्टिंग ऑपरेशन में फर्जी रक्षा सौदे के लिए उन्हें एक लाख रुपए लेते हुए दिखाया गया था जिसके बाद राजग सरकार को बड़े स्तर पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था। 2012 में सीबीआई की विशेष अदालत ने उन्हें उक्त मामले में दोषी करार दिया था। वह जमानत पर चल रहे थे। रिश्वतखोरी मामले में भाजपा अध्यक्ष पद से हटने के बाद लक्ष्मण राजनीतिक तौर पर अलग-थलग पड़ गए थे। 12 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए लक्ष्मण ने 1969 में जनसंघ की सदस्यता ली थी।
वह सात साल तक भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष रहे और पार्टी के उपाध्यक्ष के तौर पर भी जिम्मेदारी संभाली। आपातकाल में जेल जाने वाले नेताओं में भी वह शामिल थे। भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह सहित पार्टी के कई नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।
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