भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी ने सोमवार को राज ठाकरे से मुलाकात की जिससे यह अटकल तेज हो गई कि भाजपा आगामी चुनाव के लिए मनसे प्रमुख को राजग में लाने का प्रयास कर रही है। इस मुलाकात के बाद महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई है। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने दोनों की दोस्ती पर विरोध जाहिर किया है। शिवसेना के मुखपत्र सामना में उद्धव ने कहा है कि बीजेपी में कम्यूनिकेशन की कमी है। उन्होंने कहा है कि वे इस बारे में भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह से बात करेंगे। लेकिन गडकरी ने कहा कि उनकी राज से बैठक को लेकर शिवसेना के लिए नाराज होने का कोई कारण नहीं है।
भाजपा और शिवसेना के बीच गठबंधन महायुती की प्रमुख घटक रामदास के नेतृत्व वाली आरपीआई ने कहा कि वह राज का राजग में स्वागत करेंगे। गडकरी के राज ठाकरे के साथ अच्छे संबंध हैं। उन्होंने राज से यहां मुम्बई के एक उपनगरीय होटल में मुलाकात की। 2009 के चुनाव से शुरुआत करके बड़े पैमाने पर मराठी वोटों का बंटवारा किया था जिससे लोकसभा और विधानसभा चुनाव में शिवसेना उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा। इस घटनाक्रम से राजनीतिक दलों में खलबली मच गई क्योंकि शिवसना को मनसे की पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी है और भाजपा की सहयोगी पार्टी है।
पूर्व में भी प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने राज ठाकरे को लुभाने का प्रयास किया है लेकिन प्रयासों को उस समय झटका लगा जब राज ठाकरे ने यहां एक रैली के दौरान भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की विकास के गुजरात मॉडल का राग अलापने और दिवंगत शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के उल्लेख से परहेज के लिए आलोचना की थी। गडकरी ने बाद में शाम में संवाददाताओं से कहा कि मैंने मनसे प्रमुख के साथ कांग्रेस सरकार से छुटकारा पाने के तरीके पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि राज से मेरी मुलाकात को लेकर उद्धव ठाकरे के पास नाराज होने का कोई कारण नहीं है, मैं कांग्रेस के लोगों सहित सभी से मिलता हूं। यह पूछे जाने पर कि क्या शरद पवार नीत राकांपा चुनाव के बाद राजग में आएगी, गडकरी ने कहा कि क्रिकेट और राजनीति में कुछ भी हो सकता है। भाजपा नेता ने कहा कि हमें अपने बल पर स्पष्ट बहुमत मिलने का भरोसा है।
सम्पर्क किये जाने पर शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि हमें बैठक पर कुछ भी नहीं कहना है। गडकरी ने गत सप्ताह नासिक में गोडा पार्क के शिल्यान्यास कार्यक्रम में हिस्सा लिया था जिसे राज ठाकरे का सपना कहा जाता है। अठावले ने कहा, हम राज ठाकरे यदि महायुती में शामिल होते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे। दिलचस्प बात है कि अठावले ने पूर्व में मनसे का राजग में प्रवेश का विरोध किया था। महायुती में पांच विपक्षी पार्टियां शामिल हैं जिसमें भाजपा, शिवसेना और आरपीआई के अलावा राजू शेट्टी की स्वाभिमानी शेटकारी संगठन और महादेव क्षंकार की आरएसपी शामिल है।
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