सरकार ने जाट समुदाय को अन्य पिछडे वर्ग के कोटा के तहत आरक्षण को रविवार को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
चुनाव से ऐन पहले किये गये इस फैसले पर कांग्रेस ने हालांकि इन आरोपों से इंकार किया कि सरकार जाटों को लुभाने की कोशिश कर रही है। सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि हर चीज को चुनाव के लेंस से नहीं देखना चाहिए। ये मांग काफी लंबे समय से हो रही थी, जिसे कैबिनेट ने मंजूर किया है।
देश के नौ उत्तर भारतीय राज्यों में बसे जाट समुदाय के लोग लंबे समय से अन्य पिछडे वर्ग (ओबीसी) के तहत आरक्षण की मांग कर रहे थे। कई बार इसे लेकर हिंसक आंदोलन भी हुए। हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश और देश के कुछ अन्य हिन्दी भाषी राज्यों में जाटों की उपस्थिति है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें