बिहार की राजनीति में पिछले कुछ हफ्ते से लगातार हलचल बरकरार है। अब राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने साफ कर दिया है वह कांग्रेस को बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 11 सीटें देंगे, जबकि एक सीट एनसीपी को देने को तैयार हैं। राज्य की बाकी 28 सीटों पर आरजेडी अपने उम्मीदवार लाएगी। लालू ने कहा है कि अब कांग्रेस तय करे कि उसे क्या करना है। साफ है कि लालू प्रसाद यादव ने सीटों के बंटवारे को लेकर बयान देकर गठबंधन के बारे में कांग्रेस के पाले में गेंद डाल दी है। पिछली बार के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के लिए आरजेडी ने सिर्फ चार सीटें ही छोड़ी थीं। वहीं गठबंधन पर होने वाले फैसले को लेकर हो रही देरी पर बोलते हुए लालू यादव ने शुक्रवार को कहा था कि अब गठबंधन का नहीं, 'लठबंधन' का समय है।
जेडीयू नेता साबिर अली ने कहा कि कांग्रेस मौकापरस्त पार्टी है…अब उसे समझ में आ गया है कि बिहार में आरजेडी की जमीन खिसक गई है, इसलिए कांग्रेस लालू से दूरी बना रही है। वहीं साबिर अली ने जेडीयू−कांग्रेस के गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर कहा कि जो भी पार्टी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देगी, उनकी पार्टी उसके साथ जाएगी।
वहीं जेडीयू से निकाले गए नेता शिवानंद तिवारी का कहना है कि गठबंधन में लालू को अहमियत देनी होगी, तभी इस गठबंधन के फायदे होंगे। उधर, आरजेडी नेता मनोज झा जल्द से जल्द गठबंधन के ऐलान की बात कह रहे हैं, जबकि बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी का कहना है कि आरजेडी और कांग्रेस के बीच दरार सामने आने से यह बात साफ हो गई है कि खुद को धर्मनिरपेक्ष कहने वाली पार्टियों का मोर्चा पूरी तरह से खोखला है।
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