बिहार की दूसरी रैली में बीजेपी के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी ने जहां विरोधियों पर जोरदार हमला बोला, वहीं पार्टी के खाते में नए वोट जुड़वाने के लिए एक-एक कार्ड बड़ी संभलकर चल गए। उन्होंने पिछड़ी जाति से अपने संबंध का जिक्र करते हुए कहा कि मेरी पार्टी को लोग ब्राह्मण-बनियों की पार्टी कहते थे, लेकिन आज वे एक पिछड़े को पीएम उम्मीदवार बनाए जाने पर चौंक गए हैं। इसके बाद उन्होंने कहा कि आज भी प्रदेश में बड़ी आबादी को खुले में शौच करना पड़ता है। मां-बहनों का खुले में शौच करना हम सबके लिए शर्मिंदगी का सबब है। नरेंद्र मोदी ने बिहार में औद्योगिक पिछड़ेपन, बेरोजगारी और बिजली की किल्लत का मुद्दा उठाते हुए लोगों को बीजेपी की सरकार आने पर विकास का सपना दिखाया।
अपने भाषण के शुरू में उन्होंने भोजपुरी के दो शब्द बोले और इसके बाद कहा कि पिछली एनडीए की सरकार के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने मैथिली को आठवीं अनुसूची में शामिल कराया। राम विलास पासवान की तारीफ करते हुए मोदी ने कहा कि वह हमारा विरोध करके गए थे, लेकिन उसके बाद जब कभी मिले प्यार से मिले कभी पाखंड नहीं किया। जब मिले प्यार हाथ मिलाया और अखबार वाले को देखकर हाथ छुड़ाया नहीं। परोक्ष रूप से नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ नेता बंद कमरे में या खाने की मेज पर बड़े प्यार से मिलते हैं, लेकिन सार्वजनिक रूप से हाथ मिलाने में पसीना छूटता है। उन्होंने कहा कि राजनीति में विरोध अपनी जगह है लेकिन पाखंड के लिए कोई जगह नहीं है।
मिथिला क्षेत्र की आर्थिक बदहाली का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि मधुबनी के एक सज्जन से मेरा परिचय आया था। वहां के लोग बहुत मीठा बोलते हैं, क्या कारण है कि इस क्षेत्र के लोगों की जिंदगी में मिठास नहीं है? उन्होंने कहा कि यहां चीनी मिलों की वजह से खुशहाली थी लेकिन क्या कारण है कि ये कारखाने बंद हो गए? क्या हम इसे बदल नहीं सकते हैं? इसके बाद उन्होंने मखाना और कमल का रिश्ता बताकर वोटरों से बीजेपी को वोट करने की अपील की। उन्होंने कहा कि कमल के बिना मखाना कहां से आएगा। मोदी ने कहा कि बिहार सरकार ने कभी भी मखाना की खेती के विकास के लिए ध्यान नहीं दिया। अगर ध्यान दिया गया होता तो आज मखाना की खेती करने वाले किसानों की स्थिति बेहतर होती।
तीसरे मोर्च पर हमला बोलते हुए मोदी ने कहा कि इस मोर्चे में ज्यादातर वे राजनीतिक दल और लोग हैं, जिन्होंने हमेशा कांग्रेस को बचाने का काम किया है। मोदी ने कहा कि तीसरे मोर्च ने कभी देश का भला नहीं किया। तीसरा मोर्चा चुनाव का माहौल बिगाड़ सकता है, इसलिए इनसे सावधान रहने की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने नीतीश सरकार पर आतंकवाद को लेकर नरम रुख अपनाने का आरोप लगाया।
बिहार में अपनी दूसरी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी पटना रैली के दौरान हुए बम ब्लास्ट राजनीतिक द्वेष के चलते कराए गए थे। उन्होंने कहा, 'मैं 27 अक्टूबर को पटना आया था। मेरा बिहार ने जिस प्रकार सम्मान किया, उसे मैं अपना सौभाग्य मानता हूं। लेकिन, उसी समय राजनीतिक द्वेष के कारण निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था। एक के बाद एक बम धमाकों ने पटना की धरती को लहूलुहान कर दिया। कोई कितनी भी कोशिश क्यों न कर ले, बिहार की जनता ने ठान ली है। इतने बड़े हमले के बाद भी शांति, एकता और भाईचारे के दर्शन ने बिहार की जनता ने करवाए, उसके लिए मैं इस धरती को नमन करता हूं।'
बीजेपी के पीएम कैंडिडेट ने कहा, 'मेरे मन में विचार आता है, किसी को बीजेपी या मुझसे विरोध हो सकता है। बीजेपी नेताओं को सुरक्षा मिले या न मिले, बेगुनाह लोगों को क्यों मारा जाए। मरने वाले भी तो मेरे ही बिहार के भाई-बहन हैं। मगर वोट बैंक की राजनीति में डूबे लोग इस दर्द को नहीं समझ सकते। ऐसी विचारधारा, ऐसे राजनेता, उनसे जितना जल्दी मुक्ति मिले, उतना ही देश का भला होने वाला है।'
मोदी ने कहा, 'आज हम आजादी की सांस ले रहे हैं, खुदीराम बोस जैसे वीर सपूतों ने अपनी बलि दी थी। इस धरती को मैं नमन करता हूं। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र बाबू यहां से थे। यहां से हमारे जॉर्ज फर्नांडिस साहब सांसद रहे। ईश्वर से प्रार्थना है कि उनकी तबीयत जल्द ठीक हो और वह देश सेवा में फिर जुट जाएं।'
अपनी रैली की शुरुआत में मोदी ने कहा, 'यह हुंकार रैली है। किसी को नीचा दिखाने के लिए नहीं है। यह हुंकार बुराई से मुक्ति के लिए है। मैं हर जगह सबसे एक ही बात करता हूं। देश की समस्याओं का हल खोजने में लगा रहता हूं और यही मेरी प्राथमिकता है। हमारे विरोधियों की प्राथमिकता है मोदी का हल ढूंढ़ना, वे कभी भी देश का भला नहीं कर सकते।'
मुजफ्फरनगर की इस रैली में मोदी के साथ मंच पर रामविलास पासवान, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नेता उपेंद्र कुशवाहा और मुजफ्फरपुर से जेडी(यू) के बागी सांसद कैप्टन जयनारायण निषाद भी मौजूद थे। हालांकि, रामविलास पासवान से गठबंधन की वजह से बिहार बीजेपी के कुछ नेताओं ने इस रैली का बॉयकॉट किया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें