भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने बिहार के मुजफ्फरपुर में आज एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पटना रैली में हुए धमाके लोकतंत्र के लिए एक बड़ा घाव है। रैली में हाल ही में राजग में शामिल हुए लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान भी मौजूद हैं।
नरेंद्र मोदी ने भोजपुरी में अपना संबोधन शुरू करते हुए कहा कि वाजपेयी सरकार ने मैथिली भाषा को खास पहचान दी थी। चंपारण का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि आखिर क्यों बंद पड़ी हैं मिलें, गन्ना किसान परेशान क्यों हैं, बिहार में सिर्फ 23 फीसदी घरों में शौचालय हैं, बिजली व्यवस्था बदहाल है, क्या प्रदेश और देश की सरकार आपको रोजगार दे सकती है, आखिर रोजगार के बिना कैसे चलेगा जीवन।
मोदी ने पटना रैली में धमाके का जिक्र किया और कहा कि राजनीतिक द्वेष की वजह से बेकसूर लोगों की हत्या हुई। वोट बैंक की राजनीति की वजह से असंवेदनशील हो चुके नेताओं से मुक्ति जरूरी है। उन्होंने कहा कि कमरे में तो कुछ नेता अच्छे से मिलते हैं, पर सार्वजनिक मंच पर दिक्कत हो जाती है। मोदी ने पूछा कि आतंकियों के लिये बिहार की धरती स्वर्गभूमि क्यों हैं और बिहार सरकार इस मामले पर नरम क्यों हैं। मोदी ने कहा कि बिहार के लोगों ने सरदार पटेल की मूर्ति के लिये काफी लोहा भेजा है। उन्होंने कहा कि हुंकार किसी को नीचा दिखाने के लिये नहीं है, हुंकार तो अधिकार के लिये आवाज है, देश को बर्बाद करने वालों से बचाने के लिये है, बदलाव की आकांक्षाओं को लेकर आया है यह हुंकार। मोदी ने कहा तीसरा मोर्चा कहता है बस मोदी रोको, मोदी कहता है महंगाई रोको।
पुलिस ने रैली के दौरान मोदी की सुरक्षा के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है, क्योंकि कहा जा रहा है कि मोदी इंडियन मुजाहिद्दीन के निशाने पर हैं। इससे पहले आईएम के आतंकी मोदी की पटना में हुई रैली में अपनी कारगुजारियों से हलचल मचा चुके हैं। बिहार इन दिनों पूरे देश के लिए राजनीति का केंद्र बना हुआ है। कांग्रेस इस असमंजस में है कि राजद से गठबंधन करें या जदयू से? कांग्रेस कोई फैसला नहीं कर पा रही है जबकि अकेले पड़ गए लालू कांग्रेस से गठबंधन के लिए बेचैन हैं। ऐसे में भाजपा की एक बड़ी रैली इन दलों के घाव पर नमक छिड़कने का कम कर सकती है।
भाजपा का दावा है कि मोदी की रैली में करीब चार लाख लोग शामिल होंगे। इससे पहले अक्टूबर में पटना में हुई मोदी की रैली के दौरान सीरियल ब्लास्ट के चलते सुरक्षा व्यवस्था पर खास जोर दिया जा रहा है। हेलीपैड से मंच तक राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड व गुजरात पुलिस का कब्जा होगा। इसके अलावा जोन के दस जिलों से लगभग सात हजार प्रशिक्षित जवानों को सुरक्षा व्यवस्था में लगाया गया है।
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