सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय और समूह के दो निदेशकों की पुलिस हिरासत बढ़ा दी है. कोर्ट ने कहा है कि सुब्रत रॉय और सहारा के अन्य निदेशक तब तक पुलिस हिरासत में रहेंगे जब तक सहारा समूह निवेशकों के पैसे लौटाने के लिए किसी ठोस योजना के साथ सामने नहीं आता.
अदालत ने कहा, "हम सहारा के प्रस्ताव से ख़ुश नहीं हैं. सहारा निवेशकों का पैसा लौटाने की किसी ठोस योजना के साथ सामने नहीं आया है." अदालतने यह भी कहा, "आप नकद में भुगतान नहीं कर सकते क्योंकि यह कानून के ख़िलाफ़ है. आपको डिमांड ड्राफ़्ट या चेक से ही भुगतान करना है."
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार सहारा की महिला निदेशकों को पुलिस हिरासत से छूट दी गई है. सुब्रत रॉय समेत अन्य सभी निदेशक दिल्ली में ही पुलिस हिरासत में रहेंगे. इससे पहले सहारा मंगलवार को यूपी पुलिस ने उन्हें सुप्रीम कोर्ट में पेश किया था जहां अदालत परिसर में पहुँचते ही एक व्यक्ति ने उन पर स्याही फेंक दी. इसी हंगामे के बीच अदालत में पेश हुए सुब्रत रॉय ने अदालत से बिना शर्त माफ़ी मांगी लेकिन साथ ही कहा कि पिछली सुनवाई में अदालत में पेश न होने पाने की वजह जायज थी.
सहारा प्रमुख ने सर्वोच्च अदालत को भरोसा दिलाया कि सभी निवेशकों का पैसा वापस किया जाएगा. उन्होंने अदालत से इसके लिए और समय की मांग की. इससे पहले उनके वकील राम जेठमलानी ने निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए दो महीने का समय मांगा था. सुब्रत रॉय ने अदालत से कहा, "मुझे आप पर पूरा भरोसा है और अगर मैं आपके आदेश का पालन न करूं तो आप मुझे दंडित कीजिए." सुब्रत रॉय ने यह भी प्रस्ताव रखा कि सेबी को जो उन्होंने बैंक गारंटी दी है उसे भी भुनाया जा सकता है. उन्होंने कहा, "मैं हाथ जोड़कर आपसे प्रार्थना करता हूं कि कृपया हमें बचा लीजिए."
अदालत ने सहारा प्रमुख को कहा कि अगर आप अपनी इन बातों को लेकर गंभीर होते तो आज इन सबकी नौबत नहीं आती. सर्वोच्च न्यायालय ने अपना रुख कड़ा करते हुए यह भी कहा कि सहारा को निवेशकों का सारा पैसा आरबीआई के पास जमा करना होगा.
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