मुजफ्फरपुर । दो दिवसीय सामूहिक उपवास सत्याग्रह किया गया। एकता परिषद, मुजफ्फरपुर के बैनर तले किया गया। इसमें कुढ़नी, मड़वन मुशहरी और सकरा प्रखंड के लोगों ने हिस्सा लिए। इस अवसर पर सत्याग्रह में शामिल होने वाले लोगों ने अपने मांगों के समर्थन में जोरदार नारा बुलंद कर रहे थे। आक्रोशित होकर गंगा देवी नामक सत्याग्रही कहने लगी कि हमलोगों ने जनवरी माह में तिरहुत कमिश्नर के कार्यालय के सामाने सत्याग्रह किए थे। यह सत्याग्रह 22 जनवरी 2014 को किया गया। इस सत्याग्रह के माध्यम से समाज के वंचित समुदाय एवं अन्य लोगों की समस्याओं को इंगित कर शासन और प्रशासन का ध्यान आकृष्ट किए। हमलोगों ने मौके पर तिरहुत कमिश्नर से मुलाकात किए। कमिश्नर साहब आश्वासन दिए और आश्वासन देकर पलटी मार दिए। प्रेषित मांग की ओर कनखी मारकर भी नहीं देखे। इसके कारण किसी तरह की कार्रवार्इ नहीं हो सकी। इसके कारण गुस्से में आकर पुन: सत्याग्रह करने लगे।
एकता परिषद बिहार के प्रांतीय संचालन समिति के सदस्य विजय गोरैया ने कहा कि शासन और प्रशासन के सहयोग के बिना सत्याग्रह पर बैठे हैं। इस बार सामूहिक उपवास सत्याग्रह किया गया। सत्याग्रहियों की मांग के बारे में कहते हैं कि कुढ़नी, मड़वन मुशहरी और सकरा प्रखंड के लोगों के सहित पूरे जिला मेंं अभियान चलाकर सभी आवासीय भूमिहीनों को यथाशीघ्र कब्जा सहित उचित जगह पर जमीन उपलब्ध करार्इ जाए, क्योंकि वंचित समुदाय के बीच में धारणा बन रही है कि 3 डिसमिल जमीन देने का आदेश बिहार सरकार ने गरीबों को सिर्फ बहलाने- फूसलाने के लिए जारी किए हैं। आवासीय भूमि अभियान के लिए प्रत्येक प्रखंड में अतिरिक्त कर्मचारी की नियुकित कर विशेष सेल का गठन हो। जमीन खोजने और जमीन खरीदने की जवाबदेही प्रशासन की हो।
जन सत्याग्रह 2012 के महानायक पी0व्ही0राजगोपाल और केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश के साथ हुए समझौता के आलोक में बिहार सरकार के द्वारा राज्य स्तर पर 10 डिसमिल जमीन आवासीय भूमि मुहैया कराने का कानून बनाए। यह काूनन बन जाने के बाद सभी आवासीय भूमिहीनों को 10 डिसमिल जमीन मिलने शुरू हो जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि भूदान भूमि का पटटा मिलने के बावजूद भी कर्इ जगहों पर भूदान किसानों का भूमि पर कब्जा नहीं है। एक अभियान चलाकर पर्चाधारी को कब्जा दिलार्इ जाए तथा उनके कागजात को अघतन किया जाए। भविष्य में भूदान भूमि का आवंटन आवासीय भूमिहीनों तथा भूमिहीनों के बीच किया जाए।
कुढ़नी प्रखंड के प्रखंड समन्वयक रामलखेन्द्र प्रसाद ने कहा कि किसान परिवार में लूट एवं भूमिहीन परिवारों की झोपड़ी जलाये जाने की घटना दो अलग-अलग दिनों में हो गयी। तथा दोनों घटना के समय प्रशासन और पुलिस की उपसिथति थी। ये घटनाएं संबंधित पदाधिकारी की लापरवाही एवं गलत मोनेटरिंग का परिणाम है। संबंधित पदाधिकारियों पर अनुशासनिक कार्रवार्इ के बाद ही लापरवाह पदाधिकारी जवाबदेही हो सकेंगे। इस पर आयुक्त महोदय के दिशा निर्देश के अनुसार ही कार्रवार्इ की जाए।
उन्होंने कहा कि जाति एवं अन्य प्रमाण-पत्र को जारी करने के लिए जमीन के खतियान को यथाशीघ्र प्रमाणक सूची से हटाया जाए। इस कारण आवासीय भूमिहीन या तो आवश्यक प्रमाण-पत्र से वंचित रहकर अवसर गंवा बैठते हैं या फिर गलत आर्थिक दोहन का शिकार होते हैं। एकता परिषद के कुढ़नी प्रखंड के अध्यक्ष शिवनाथ पासवान ने कहा कि एन.एच.77 निर्माण में भूमि के किस्म तथा मुआवजा राशि तय करने में हुर्इ विसंगतियों को दूर कर भूधारियों का असंतोष को दूर किया जाए। हाजीपुर-मुजफ्फरपुर फोरलेन सड़क निर्माण से विस्थापित हुए आवासीय भूमिहीन परिवारों को यथाशीघ्र आवास सहित आवासीय भूमि उपलब्ध करार्इ जाए।
एकता परिषद के प्रखंड सचिव शंभू साह ने कहा कि लोकसभा चुनाव संहिता के नाम पर मांगों को ठंडे बस्ते में न डाला जाए।
सामूहिक उपवास सत्याग्रह का संचालन विजय गोरैया ने किया। इनके साथ उपवास में बैठने वालों में मरछिया देवी, मानती देवी, देवेन्द्र प्रसाद, गंगा देवी, चन्द्रकला देवी, पार्वती देवी, सीता राम, अरूणता, रंजू देवी, नगीना पंडित, फूलकुमारी देवी, कामेश्वर
आलोक कुमार
बिहार
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