गया। अभी तक नेताओं का ही नाम शिलापट्टी पर खोदा जाता रहा है। उसी तरह अमर शहीदों और वीर योद्धाओं का भी नाम शिलापट्टी पर लिख दिया जाता है। उसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए मजदूरों को भी अमर बनाने की कवायद शुरू कर दी गयी है।
अब किसी को अखबार में नाम छपवाने के लिए मोटर गाड़ी के नीचे आने की जरूरत नहीं है। अब आपको अमर बनाने और आपके नाम को जग रोशन करने की जिम्मेवारी सरकार ने उठा रखी है। मगर इसको लेकर आपको कुछ करना होगा। करना यह होगा कि सुशासन सरकार की किसी परियोजना में कम से कम 100 दिन तक अनिवार्य रूप से मजदूरी करना ही होगा। बस इतनी तक ही कार्य करना है।
ऑक्सफैम इंडिया के द्वारा सम्मान समारोह के दौरान गुरूवार को योजना एवं विकास विभाग के प्रधान सचिव विजय प्रकाश ने कहा कि समाज के असली निर्माणकर्ता यही लोग हैं। उन्होंने आगे कहा कि विभागीय स्तर पर हमने यह निर्णय लिया है कि 100 दिनों तक किसी परियोजना में काम करने वाले मजदूरों का नाम उस स्थान पर एक शिलापट्टी पर लिखा जाएगा। इससे मजदूरों को अलग से पहचान मिलेगी।
इस अवसर पर बिहार विधान सभा के अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, पद्मश्री सुधा वर्गीज, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव श्री व्यास मिश्रा, ऑक्सफैम इंडिया के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रविन्द कुमार प्रवीण, प्रगति ग्रामीण विकास समिति के सचिव प्रदीप प्रियदर्शी, एकता परिषद बिहार संचालन समिति की सदस्य मंजू डंूगडुंग, दलित अधिकार मंच के प्रांतीय संयोजक कपिलेश्वर राम, प्रगति ग्रामीण विकास समिति के संजय कुमार प्रसाद आदि मिलकर मुजफ्फरपुर के षिवनाथ पासवान, समस्तीपुर के चन्द्रशेखर राय, बांका के भुनेश्वर तुरी, बांका के भोला यादव, हजारीबाग के एडमोन सोय, सीतामढ़ी के ब्रह्मदेव सिंह, सीतामढ़ी की शबनम प्रवीण, गया की सविता कुमारी, पटना की आरती कुमारी, गुमला की सुशीला तिर्की, हजारीबाग की गीता देवी और अनीता कुमारी, नालंदा की मालती देवी और कमला देवी के साथ अन्य को सम्मानित किया गया। कुल 47 समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया।
उल्लेखनीय है कि ऑक्सफैम इंडिया के द्वारा समय-समय पर लोगों को सम्मानित करने कार्य किया जाता है। इसके पहले महिला किसानों को भी सम्मानित किया गया है। इस बार सामाजिक सरोकारों को उठाने और अंजाम तक पहुंचाने में भूमिका अदा करने वालों को सम्मानित किया गया। जो समाज के रोल मॉडल बन गए हैं। जो चत्मकारिक कार्य करते हैं। ऐसे चत्मकार करने वाले लोगों को नमस्कार है। इनलोगों को स्मृति चिन्ह, प्रंशस्ति पत्र और शॉल भेंट किया गया।
आलोक कुमार
बिहार
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