पत्रकार उत्तपीडन : पत्रकार की पत्नी को पुलिस ने दी धमकी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 4 मार्च 2014

पत्रकार उत्तपीडन : पत्रकार की पत्नी को पुलिस ने दी धमकी

  • कहा, पुलिस व प्रशासन पर लगे आरोपों को वापस लो नहीं तो मुकदमें में लगा देंगे एफआर 
  • पीडि़त दम्पतित ने सीएम सहित आला प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र भेजकर क्राइम ब्रांच या उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है 

journalist tortured in uttar pradesh
संतरविदासनगर भदोही के वरिष्ठ पत्रकार सुरेश गांधी का पुलिसिया उत्पीड़न लगातार जारी है। एक बार फिर पुलिस ने पत्रकार की पत्नी रशिम गांधी को धमकी दी है कि अगर पुलिस व प्रशासन पर लगाए गए आरोपों को वापस नहीं लिया तो तुम्हारे व तुम्हारे पति सुरेश गांधी द्वारा दर्ज करार्इ गयी मुकदमें में फाइनल रिपोर्ट लगा दी जायेंगी। कहा, पुलिस से दुश्मनी मंहगी पड़ेगी। तुम्हारी गृहस्थी लूटने वाले माफियाओं से मिलकर तुम्हारी व तुम्हारे परिवार की हत्या कराने के साथ ही बच्चों का अपहरण करवा देंगे। दो-एक और फर्जी मुकदमें दर्ज करा देंगे। पुलिस द्वारा दी गयी धमकी के बाद पत्रकार सुरेश गांधी व उनकी पत्नी ने मुख्यमंत्री समेत राज्यपाल, डीजीपी, आर्इजी, डीआर्इजी, प्रमुख गृह सचिव, राष्टीय मानवाधिकार आयोग, राष्टीय महिला आयोग आदि को रजिस्टर्ड पत्र भेजकर पुलिस के उत्पीड़नात्मक कार्रवार्इ की शिकायत की है। 

इसके अलावा पत्र में कहा गया है कि न्यायालय के आदेश पर पत्रकार श्री गांधी व उनकी पत्नी रशिम गांधी की याचिका पर जिला न्यायालय के आदेश पर दर्ज आर्इपीसी की धारा 156 3 के मुकदमे की भदोही कोतवाली से हटाकर उच्चस्तरीय या क्राइम ब्रांच से जांच कराने की मांग की गयी है। पत्र में कहा गया है कि लुटेरों माफियाओं ने कोतवाल संजयनाथ तिवारी के सह पर ही पिछले 16 सालों से तिनका-तिनका जुटार्इ गयी गृहस्थी व विवाह में मिले 25 लाख से अधिक सामानों को लूटा है। पत्र में कहा गया है कि घटना में कोतवाल के आरोपित होने से भदोही पुलिस द्वारा विवेचना में लीपापोती की जा रही है। पुलिस अपनी बचाव में लूटेरे माफियाओं की मदद कर रही है। पत्र में कहा गया है कि मुकदमा दर्ज होने के आठ माह बाद भी पुलिस लूटे गए सामान की बरामदगी नही कर रही। इस मामले में पीडि़त द्वारा कर्इ बार रजिस्टर्ड पत्र के जरिए मुख्यमंत्री, डीजीपी,प्रमुख गृह सचिव, आर्इजी वाराणसी, राष्टपति, राज्यपाल समेत सभी जिम्मेदार अधिकारियों व एनएचआरसी, प्रेस कौंसिल आदि से उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की गयी है, लेकिन सुनवार्इ नहीं हो रही है। पुलिस की इस कार्रवार्इ से बच्चों की पढार्इ लिखार्इ चौपट हो रही है। बता दें कि पूर्व में हुर्इ घटनाओं में प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के नाकामी की खबरें छपने के बाद पहले गुंडा एक्ट, जिलाबदर फिर पूरी गृहस्थी लूट लिया गया और मकान मालिक की दर्ज फर्जी मुकदमें में चार्जशीट लगा दिया गया। 

अब जब न्यायालय के आदेश पर आरोपित कोतवाल संजयनाथ तिवारी व मकान मालिक विनोद गुप्ता, सुमित गुप्ता, बीरु गुप्ता व हर्षित गुप्ता निवासी काजीपुर रोड आदि पर 156 3 के तहत मुकदमा दर्ज है तो पुलिस न ही आरोपियों की गिरफतारी कर रही है और न ही लूट गए सामानों की बरामदगी ही करने के बजाएं मुकदमें में आरोपित पुलिस सहित प्रशासनिक अधिकारियों के नाम को वापस लेने की धमकी दे रही है। 

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