बिस्मिल्लाह खां की दरगाह पर पहुंचे अरविंद केजरीवाल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 28 अप्रैल 2014

बिस्मिल्लाह खां की दरगाह पर पहुंचे अरविंद केजरीवाल


arvind kejriwal varanasi
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और वाराणसी संसदीय सीट से उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल सोमवार अपराह्न् अचानक भारत रत्न बिस्मिल्लाह खां की मजार पर पहुंचे और अपनी पुष्पांजलि अर्पित की। केजरीवाल अपराह्न् लगभग चार बजे फातमान स्थित विश्व प्रसिद्ध शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की दरगाह पर पहुंचे और वहां आधा घंटे रहे। दरगाह पर शहनाई के मरहूम शहंशाह के पुत्र एवं शहनाई वादक जामिन हुसैन और पोते अफाक हुसैन ने केजरीवाल का स्वागत किया। 

केजरीवाल ने बिस्मिल्लाह खां को देश की अमूल्य धरोहर बताया और उनकी मजार की दुर्दशा पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वह वादे में नहीं, करने में विश्वास रखते हैं। भारतरत्न खां की स्मृतियों को संजोने के लिए उनसे जितना भी बन पड़ेगा, वह करेंगे। भारतरत्न के पुत्र जामिन हुसैन ने बताया, "खां साहब का इंतकाल 21 अगस्त, 2006 को हुआ था। लेकिन आठ साल बीत जाने के बाद भी उनकी मजार के लिए किसी ने कुछ भी नहीं किया।" 

जामिन ने कहा, "केजरीवाल पहले ऐसे राष्ट्रीय नेता हैं, जिन्होंने बिस्मिल्लाह खां की मजार पर आकर वहां मत्था टेका है। हमने भी उनका तह-ए-दिल से इस्तकबाल किया है।" यह पूछने पर कि क्या केजरीवाल के वहां पहुंचने का कोई खास प्रयोजन था, जामिन ने कहा, "उन्हें मजार की दुर्दशा के बारे में कहीं से सूचना मिली थी, और उसके बाद उन्होंने मजार पर मत्था टेकने की इच्छा जाहिर की थी। आज जब वह वहां पहुंचे तो हम भी उनके इस्तकबाल के लिए वहां मौजूद थे।" 

जामिन और केजरीवाल चाहे जो भी कहें, लेकिन चुनावी मौसम में बिस्मिल्लाह खां की मजार पर मत्था टेकने के राजनीतिक मायने हो सकते हैं। भ्रष्टाचार विरोधी जनलोकपाल विधेयक पारित न होने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र मोदी को चुनौती देने चुनावी समर में उतरे केजरीवाल उस बिस्मिल्लाह खां की मजार पर गए, जिनके परिवार के लोगों ने नामांकन के समय मोदी का प्रस्तावक बनने से इनकार कर दिया था।

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