तीन अतिक्रमणकारियों को सिविल जेल भेजा गया
छतरपुर/28 अप्रैल/ कलेक्टर डाॅ. मसूद अख्तर द्वारा शासकीय भूमि की संरक्षा एवं सुरक्षा पर विशेष बल दिये जाने के निर्देशों के तहत एसडीएम छतरपुर श्री डी पी द्विवेदी द्वारा तीन अतिक्रमणकारियों पर सिविल जेल की कार्यवाही की गई है। इनमें ग्राम ढड़ारी निवासी नुन्नी तनय बंदी यादव, धन्नी तनय हरप्रसाद यादव एवं देवेन्द्र सिंह तनय धर्म सिंह को सिविल जेल भेजा गया है। एसडीएम श्री द्विवेदी ने बताया कि रेशम केन्द्र ढडा़री की शासकीय भूमि पर अतिक्रमण की शिकायत के अनुक्रम में तहसीलदार व एसडीएम छतरपुर ने स्वयं स्थल निरीक्षण किया। तहसीलदार द्वारा इस प्रकरण में अतिक्रमणकारियों की बेदखली एवं अर्थदण्ड अधिरोपण का आदेश पारित किया गया था। अपील में एसडीएम द्वारा तहसीलदार के आदेश को स्थिर रखते हुये अपील खारिज कर दी गई। तहसीलदार द्वारा अतिक्रमणकारियों से अतिक्रमित भूमि मुक्त न होने के कारण सिविल जेल की कार्यवाही प्रस्तावित की गई जिस पर एसडीएम द्वारा म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत सिविल जेल का वारंट जारी कर अतिक्रमणकारियों को सिविल जेल भेजा गया है।
आधार कार्ड बनाने में अवैध वसूली पर कम्प्यूटर जप्त
छतरपुर/ 28 अप्रैल/ एसडीएम नौगांव श्रीमती दिव्या अवस्थी ने तहसील नौगांव के अंतर्गत ग्राम पुतरया में आधार कार्ड बनाने वाले केन्द्र पर लोगों से अवैध वसूली करने के कारण कम्प्यूटर उपकरण जप्त कर लिये जाने की कार्यवाही की गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कम्प्यूटर, लेपटोप, वीडियो प्रिंटर, आयरस आदि सामग्री जप्त की गई है। साथ ही केन्द्र के स्टाफ पर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।
कलेक्टर ने अल्ट्रासाउंड सेन्टर का रजिस्ट्रेशन निरस्त किया
छतरपुर/ 28 अप्रैल/ कलेक्टर डाॅ. मसूद अख्तर ने प्राप्त शिकायतों के आधार पर डा. रामबरन बौद्व के सृष्टि अल्ट्रासाउंड सेन्टर का रजिस्ट्रेशन तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. के के चतुर्वेदी ने बताया कि डा. बौद्व रेडियोलाजी चिकित्सक जिला चिकित्सालय छतरपुर में चिकित्सा अधिकारी के पद पर पदस्थ हैं। साथ ही वह अप्रैल 2012 से अपना सृष्टि अल्ट्रासाउंड सेन्टर जिला चिकित्सालय के सामने संचालित कर रहे हैं। पीसीपीएनडीटी की सलाहकार समिति के निरीक्षण के दौरान डा. बौद्व की कई बार शिकायतें की गईं। अपर सचिव म.प्र. शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अनुसार शासकीय चिकित्सक ऐसे उपकरण जिनके लिये पृथक से लाइसेंस की आवश्यकता होती है जैसे एक्सरे मशीन, यूएसजी, ईकोकार्डियोग्राफी मशीन आदि अपने नाम से पंजीकृत नहीं रख सकते एवं पंजीकृत उपकरणों पर कार्य की रिपोर्टिंग नहीं कर सकेंगे।
तहसीलदार, आरआई एवं एसआई की जमानत अर्जी की खारिज, शासकीय रिकार्ड में हेराफेरी करने का मामला
बिजावर 28 अप्रैल। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जे.पी. सिंह की अदालत ने धोखाधड़ी के मामले में तहसीलदार, आरआई एवं एसआई की जमानत अर्जियां खारिज कर दी है। एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि जे.एम.एफ.सी. बड़ामलहरा नीरज सोनी ने शासकीय अभिलेखों में जमीन की हेरफेर करने के मामले में तहसीलदार, तत्कालीन पटवारी, एसआई सहित छ: लोगों पर धोखाधड़ी करने पर आईपीसी की धारा 420, 67, 468, 471, 120वी के तहत मामला पंजीबद्ध किया था। मामला दर्ज होने पर तहसीलदार फेरन सिंह रूगर तहसील भुगावली जिला अशोकनगर, आरआई भू-अभिलेख पन्ना और एसआई संतोष जामरा पुलिस थाना विनायका जिला सागर ने जमानत लेने के लिए अग्रिम जमानत की अर्जी अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जे.पी. सिंह की अदालत में पेश की थी जमानत अर्जी में सुनवाई करने के उपरांत न्यायाधीश श्री सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तहसीलदार, आरआई और एसआई की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
क्या है मामला-
जनवरी 2014 में राजाराम यादव, शंकर यादव और श्रीमती गुड्डी यादव निवासी मारोतखेरा (बमनौरा) ने न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी नीरज सोनी की अदालत ने इस आशय का इस्तगासा पेश किया था कि वे सन् 1980 से बमनौरा मौजा स्थित शासकीय भूमि खसरा नम्बर 3616 और 3617 में काबिज होकर कास्तकारी कर रहे है और शासन के द्वारा समय-समय पर उक्त जमीन के संबंध में जुर्माना भी लिया जाता है। हल्काई यादव, काशीराम यादव निवासी बहसखेरा ने षडयंत्र कर अपने नाम पर सुम्मेर सिंह, लक्ष्मण सिंह निवासी बमनौरा के नाम से उक्त शासकीय भूमियों के संबंध में फर्जी बसीयत सन् 1986 में बनवा ली थी , जबकि बसीयतकर्ता सुम्मेर सिंह, लक्ष्मण सिंह, की मौत बसीयत तैयार होने के दिनांक से कई वर्षो पूर्व ही हो चुकी थी। बमनौरा के पूर्व सरपंच देवी सिंह ने बमनौरा थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी एसआई एस.के. जामरा से मिलकर नियम विरूद्ध तरीके से सुम्मेर सिंह का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया। मौजा बमनौरा के तत्कालीन पटवारी रतन सिंह गौढ़ और घुवारा के तत्कालीन तहसीलदार फेरन सिंह रूगर से मिलकर उक्त शासकीय जमीनों के संबंध में राजस्व अभिलेखों में हेरफेर की गयी, जबकि पटवारी के द्वारा कई बार राजाराम यादव बगैरह को उक्त शासकीय जमीनों में काबिज होने के संबंध में प्रमाणित किया गया, किंतु फर्जी तरीके से वर्ष 2010 में उक्त शासकीय जमीनों को राजस्व रिकार्ड में हेरफेर की गयी। जेएमएफसी नीरज सोनी की अदालत ने मामले की जांच कराकर सुनवाई करने के बाद राजस्व रिकार्ड में हेरफेर करने, फर्जी दस्तावेज तैयार कर उनका उपयोग करने का आरोप पाए जाने पर तहसीलदार, एसआई , पटवारी के खिलाफ संज्ञान लेकर आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 120वी के तहत मामला दर्ज किया था।
छेड़छाड़ के आरोपी को कठोर कैद
छतरपुर। जेएमएफसी के.पी. सिंह की अदालत ने महिला के साथ छेड़छाड़ करने वाले एक आरोपी को दोषी ठहराकर एक वर्ष की कठोर कैद के साथ एक हजार रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई। एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि पुलिस थाना गढ़ीमलहरा स्थित ग्राम लहर निवासी फरियादिया ने थाने में इस आशय की रिपोर्ट दर्ज करायी कि 20 फरवरी 2013 को साढ़े 5 बजे जब वह दैनिक क्रिया के लिए खेत पर गयी थी उसी दौरान गांव के ही मोहनलाल पुत्र छकिया पाल ने पीछे से आकर उसके साथ अश£ील हरकतें करते हुए छेड़छाड़ की। पीडि़ता के चिल्लाने पर परिवार के लोगों को आता देख आरोपी मौके से भाग गया। पुलिस ने आरोपी मोहनलाल को गिरफ्तार कर तत्कालीन प्रधान आरक्षक एच.पी. त्यागी ने विवेचना कर मामला अदालत को सौंप दिया। जेएमएफसी के.पी. सिंह अदालत ने आरोपी मोहनलाल को उक्त वारदात का दोषी करार दिया। अदालत ने आरोपी मोहनलाल को आईपीसी की धारा 354 के तहत एक वर्ष की कठोर कैद के साथ 1 हजार रूपए के जुर्माने की सजा सुना डाली। साथ ही जुर्माने की राशि में से 800 रूपए क्षतिपूर्ति के रूप में पीडि़ता को देने का भी आदेश दिया।
अवैध रखने पर डेढ़ साल की कैद
छतरपुर। जेएमएफसी प्रदीप दुबे की अदालत ने बिना लाइसेंस के बंदूक और कारतूस रखने के आरोपी को दोषी करार देकर डेढ़ वर्ष की कठोर कैद के साथ एक हजार रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई। एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि महाराजपुर थाना प्रभारी निरीक्षक डी.के. सिंह को 27 नवम्बर 2013 को मुखबिर से सूचना मिली कि एक मामले में फरार आरोपी गांव में घूम रहा है। निरीक्षक श्री सिंह ने तत्काल अपने हमराह स्टाफ एसआई रामआसरे तिवारी पुलिसकर्मी सतीश, मानसिंह, महेंद्र सिंह, मिहीलाल, राजबहादुर को साथ लेकर आरोपी अमर सिंह पुत्र अतबल सिंह के गांव डिगपुर पहुंचे और गांव की घेराबंदी कर पकड़ा। अमर सिंह की तलाशी लेने पर उसके कब्जे से एक 315 बोर की देशी बंदूक व दो जिंदा कारतूस बरामद कर मामला दर्ज करके अदालत में पेश किया। जेएमएफसी प्रदीप दुबे की अदालत ने आरोपी अमर सिंह को आम्र्स एक्ट की धारा 25 (1-बी)ए के तहत दोषी करार देकर डेढ़ वर्ष के कठोर कारावास के साथ एक हजार रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई। अभियोजन की ओर से मामले की पैरवी एडीपीओ नीतू जैन द्वारा की गयी।
देषराज अहिरवार के हत्या आरोपी को पुलिस ने किया गिरफतार-
नौगाॅव (छतरपुर ) गत दिवस नौगाॅव थाना क्षेत्र के ग्राम पुरवा में पैसा लेन देने को लेकर देषराज अहिरवार एवं रतीराम अहिरवार व उसके परिवार के बीच मारपीट हो गई थी, इस मारपीट की घटना को प्रधान आरक्षक पुलिस ने हल्का लेकर धारा 155 जा0फो0 की सूचना रिपोर्ट दर्ज करने देषराज को घर जाने को कहा, रात्रि में देषराज की हालत बिगड़ने पर उसके पिता मथुरा प्रसाद ने सुबह ग्राम के लोगेों के साथ उपचार हेतू नौगाॅव में भर्ती किया जहां उसकी मौत हो गई । इस घटना की खबर जैसे ही गणेष षंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब के जागरूक पत्रकारों को मिली उन्होने इस घटना को उछाला तथा मृतृक देषराज के परिवार की आप बीती सुनकर जिला पुलिस अधीक्षक छतरपुर के पास भेजा । छतरपुर पुलिस अधीक्षक ने इस घटना को गंभीरता से लेकर नौगाॅव पुलिस को सही जाॅच कराने के बाद हत्या कर प्रकरण दर्ज करने के आदेष दिये । उप निरीक्षक चिन्तामणि मिश्रा ने प्रकरण के साल्य जुटाकर प्रकरण दर्ज कर आरोपी को गिरफतार कर लिया है । मृतक देषराज अहिरवार की मेडीकल रिपोर्ट में गंभीर चैटों से मौत होना पाया जाने पर पुलिस को 28 अप्रेल को मजबूरन प्रथम सूचना रिपोर्ट धारा 154 दं0प्रक्रिया संहिता केक अंतर्गत अपराध क्र0 154/14 धारा 302 आई पी. सी के तहत प्रकरण दर्ज कर आरोपी रतीराम अहिरवार का गिरफतार कर लिया । मृतक परिवार ने नौगाॅव एवं छतरपुर के पत्रकारों के सहयोग के प्रति अपनी सहानभूति प्रर्दषित करते हुए कहा कि यदि पत्रकारों का सहयोग न मिला होता तो मेरे पुत्र की हत्या को राज दब जाता । मृतक के परिवार ने प्रधान आरक्षक जिसने प्रकरण को गंभीरता से नही लिया तत्काल निलबित कर विभागीय जाॅच कराने की माॅग उठाई है ।
तहसीलदार, आरआई एवं एसआई की जमानत अर्जी की खारिज, शासकीय रिकार्ड में हेराफेरी करने का मामला
बिजावर 28 अप्रैल। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जे.पी. सिंह की अदालत ने धोखाधड़ी के मामले में तहसीलदार, आरआई एवं एसआई की जमानत अर्जियां खारिज कर दी है। एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि जे.एम.एफ.सी. बड़ामलहरा नीरज सोनी ने शासकीय अभिलेखों में जमीन की हेरफेर करने के मामले में तहसीलदार, तत्कालीन पटवारी, एसआई सहित छ: लोगों पर धोखाधड़ी करने पर आईपीसी की धारा 420, 67, 468, 471, 120वी के तहत मामला पंजीबद्ध किया था। मामला दर्ज होने पर तहसीलदार फेरन सिंह रूगर तहसील भुगावली जिला अशोकनगर, आरआई भू-अभिलेख पन्ना और एसआई संतोष जामरा पुलिस थाना विनायका जिला सागर ने जमानत लेने के लिए अग्रिम जमानत की अर्जी अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जे.पी. सिंह की अदालत में पेश की थी जमानत अर्जी में सुनवाई करने के उपरांत न्यायाधीश श्री सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तहसीलदार, आरआई और एसआई की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
क्या है मामला-
जनवरी 2014 में राजाराम यादव, शंकर यादव और श्रीमती गुड्डी यादव निवासी मारोतखेरा (बमनौरा) ने न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी नीरज सोनी की अदालत ने इस आशय का इस्तगासा पेश किया था कि वे सन् 1980 से बमनौरा मौजा स्थित शासकीय भूमि खसरा नम्बर 3616 और 3617 में काबिज होकर कास्तकारी कर रहे है और शासन के द्वारा समय-समय पर उक्त जमीन के संबंध में जुर्माना भी लिया जाता है। हल्काई यादव, काशीराम यादव निवासी बहसखेरा ने षडयंत्र कर अपने नाम पर सुम्मेर सिंह, लक्ष्मण सिंह निवासी बमनौरा के नाम से उक्त शासकीय भूमियों के संबंध में फर्जी बसीयत सन् 1986 में बनवा ली थी , जबकि बसीयतकर्ता सुम्मेर सिंह, लक्ष्मण सिंह, की मौत बसीयत तैयार होने के दिनांक से कई वर्षो पूर्व ही हो चुकी थी। बमनौरा के पूर्व सरपंच देवी सिंह ने बमनौरा थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी एसआई एस.के. जामरा से मिलकर नियम विरूद्ध तरीके से सुम्मेर सिंह का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया। मौजा बमनौरा के तत्कालीन पटवारी रतन सिंह गौढ़ और घुवारा के तत्कालीन तहसीलदार फेरन सिंह रूगर से मिलकर उक्त शासकीय जमीनों के संबंध में राजस्व अभिलेखों में हेरफेर की गयी, जबकि पटवारी के द्वारा कई बार राजाराम यादव बगैरह को उक्त शासकीय जमीनों में काबिज होने के संबंध में प्रमाणित किया गया, किंतु फर्जी तरीके से वर्ष 2010 में उक्त शासकीय जमीनों को राजस्व रिकार्ड में हेरफेर की गयी। जेएमएफसी नीरज सोनी की अदालत ने मामले की जांच कराकर सुनवाई करने के बाद राजस्व रिकार्ड में हेरफेर करने, फर्जी दस्तावेज तैयार कर उनका उपयोग करने का आरोप पाए जाने पर तहसीलदार, एसआई , पटवारी के खिलाफ संज्ञान लेकर आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 120वी के तहत मामला दर्ज किया था।
छेड़छाड़ के आरोपी को कठोर कैद
छतरपुर। जेएमएफसी के.पी. सिंह की अदालत ने महिला के साथ छेड़छाड़ करने वाले एक आरोपी को दोषी ठहराकर एक वर्ष की कठोर कैद के साथ एक हजार रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई। एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि पुलिस थाना गढ़ीमलहरा स्थित ग्राम लहर निवासी फरियादिया ने थाने में इस आशय की रिपोर्ट दर्ज करायी कि 20 फरवरी 2013 को साढ़े 5 बजे जब वह दैनिक क्रिया के लिए खेत पर गयी थी उसी दौरान गांव के ही मोहनलाल पुत्र छकिया पाल ने पीछे से आकर उसके साथ अश£ील हरकतें करते हुए छेड़छाड़ की। पीडि़ता के चिल्लाने पर परिवार के लोगों को आता देख आरोपी मौके से भाग गया। पुलिस ने आरोपी मोहनलाल को गिरफ्तार कर तत्कालीन प्रधान आरक्षक एच.पी. त्यागी ने विवेचना कर मामला अदालत को सौंप दिया। जेएमएफसी के.पी. सिंह अदालत ने आरोपी मोहनलाल को उक्त वारदात का दोषी करार दिया। अदालत ने आरोपी मोहनलाल को आईपीसी की धारा 354 के तहत एक वर्ष की कठोर कैद के साथ 1 हजार रूपए के जुर्माने की सजा सुना डाली। साथ ही जुर्माने की राशि में से 800 रूपए क्षतिपूर्ति के रूप में पीडि़ता को देने का भी आदेश दिया।
अवैध रखने पर डेढ़ साल की कैद
छतरपुर। जेएमएफसी प्रदीप दुबे की अदालत ने बिना लाइसेंस के बंदूक और कारतूस रखने के आरोपी को दोषी करार देकर डेढ़ वर्ष की कठोर कैद के साथ एक हजार रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई। एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि महाराजपुर थाना प्रभारी निरीक्षक डी.के. सिंह को 27 नवम्बर 2013 को मुखबिर से सूचना मिली कि एक मामले में फरार आरोपी गांव में घूम रहा है। निरीक्षक श्री सिंह ने तत्काल अपने हमराह स्टाफ एसआई रामआसरे तिवारी पुलिसकर्मी सतीश, मानसिंह, महेंद्र सिंह, मिहीलाल, राजबहादुर को साथ लेकर आरोपी अमर सिंह पुत्र अतबल सिंह के गांव डिगपुर पहुंचे और गांव की घेराबंदी कर पकड़ा। अमर सिंह की तलाशी लेने पर उसके कब्जे से एक 315 बोर की देशी बंदूक व दो जिंदा कारतूस बरामद कर मामला दर्ज करके अदालत में पेश किया। जेएमएफसी प्रदीप दुबे की अदालत ने आरोपी अमर सिंह को आम्र्स एक्ट की धारा 25 (1-बी)ए के तहत दोषी करार देकर डेढ़ वर्ष के कठोर कारावास के साथ एक हजार रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई। अभियोजन की ओर से मामले की पैरवी एडीपीओ नीतू जैन द्वारा की गयी।
देषराज अहिरवार के हत्या आरोपी को पुलिस ने किया गिरफतार-
- पत्रकारों की सजगता के बाद पुलिस अधीक्षक ने हत्या का ्रपकरण दर्ज कराया
नौगाॅव (छतरपुर ) गत दिवस नौगाॅव थाना क्षेत्र के ग्राम पुरवा में पैसा लेन देने को लेकर देषराज अहिरवार एवं रतीराम अहिरवार व उसके परिवार के बीच मारपीट हो गई थी, इस मारपीट की घटना को प्रधान आरक्षक पुलिस ने हल्का लेकर धारा 155 जा0फो0 की सूचना रिपोर्ट दर्ज करने देषराज को घर जाने को कहा, रात्रि में देषराज की हालत बिगड़ने पर उसके पिता मथुरा प्रसाद ने सुबह ग्राम के लोगेों के साथ उपचार हेतू नौगाॅव में भर्ती किया जहां उसकी मौत हो गई । इस घटना की खबर जैसे ही गणेष षंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब के जागरूक पत्रकारों को मिली उन्होने इस घटना को उछाला तथा मृतृक देषराज के परिवार की आप बीती सुनकर जिला पुलिस अधीक्षक छतरपुर के पास भेजा । छतरपुर पुलिस अधीक्षक ने इस घटना को गंभीरता से लेकर नौगाॅव पुलिस को सही जाॅच कराने के बाद हत्या कर प्रकरण दर्ज करने के आदेष दिये । उप निरीक्षक चिन्तामणि मिश्रा ने प्रकरण के साल्य जुटाकर प्रकरण दर्ज कर आरोपी को गिरफतार कर लिया है । मृतक देषराज अहिरवार की मेडीकल रिपोर्ट में गंभीर चैटों से मौत होना पाया जाने पर पुलिस को 28 अप्रेल को मजबूरन प्रथम सूचना रिपोर्ट धारा 154 दं0प्रक्रिया संहिता केक अंतर्गत अपराध क्र0 154/14 धारा 302 आई पी. सी के तहत प्रकरण दर्ज कर आरोपी रतीराम अहिरवार का गिरफतार कर लिया । मृतक परिवार ने नौगाॅव एवं छतरपुर के पत्रकारों के सहयोग के प्रति अपनी सहानभूति प्रर्दषित करते हुए कहा कि यदि पत्रकारों का सहयोग न मिला होता तो मेरे पुत्र की हत्या को राज दब जाता । मृतक के परिवार ने प्रधान आरक्षक जिसने प्रकरण को गंभीरता से नही लिया तत्काल निलबित कर विभागीय जाॅच कराने की माॅग उठाई है ।
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