बस इंतजार, इंतजार और इंतजार। ऐसे लोगों के हिस्से में केवल जमापूंजी इंतजार ही है। इसी इंतजारी रामाशीष राम बैठे हैं। भोजपुर जिले में महादलित मुसहर समुदाय के लोग ‘मांझी’ के बदले ‘राम’ ही टाईटल्स रखते हैं। इस समय भोजपुर जिले के अंगीआव प्रखंड के पवना ग्राम पंचायत के पवना मुसहरी के उम्रदराज इमली पेड़ के नीचे रामाशीष राम बैठे हैं। इनको सालभर से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा पेंशन नहीं मिल रहा है। ये अकेले नहीं हैं। अन्य लोग भी हैं। इंतजारी करते-करते दलदल में फंसते चले जा रहे हैं।
निराशा के दलदल में फंसे लोग इमली वृक्ष के नीचे आते हैं। यहीं पर महादलित मुसहर समुदाय के लोगों ने सातों महारानी के पिंड स्थापित किए हैं। इसी जगह आकर सिर नमाते हैं। सातों महारानी के समक्ष गुहार लगाते हैं। बाल बच्चों को ठीक रखे। घर में बरक्कत दें। इनके घर की दीवारों पर मरणदेवा की संख्या को सिंधुर से अंकित कर रखा है। यहां पर काफी दुःख तकलीफ है। इसे मालिक के खेत में काम करने से अल्प मजदूरी से दूर करते हैं।
आजारी के 65 साल से लगातार जरूरत के अनुसार एक बार अंगूठा लगाकर गंणतंत्र के प्रहरी को चुनते हैं। हमारे प्रहरी लगातार पांच साल अंगूठा दिखाते रहते हैं। बाबू कल्याण और विकास का कार्य ही नहीं करते हैं। जबकि उनका हमलोग वोट देकर सदैव तकदीर और तस्वीर सुधारते ही रहते हैं। हमलोगों की तकदीर और तस्वीर में सुधारात्मक परिवर्तन होता ही नहीं है।बाबू आप जरा मुसहरी की स्थिति देख लें। इंदिरा आवास योजना से अधूरा ही मकान बन सका है। अधूरा मकान के अंदर ही मकान बनाया गया है। मसलन झोपड़ी निर्माण कर दिया गया है। बस किसी तरह से धूप और पानी से सुरक्षा मिल सके।
आलोक कुमार
बिहार
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