देश के अग्रणी उद्योग समूह 'अडानी ग्रुप' के अध्यक्ष गौतम अडानी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को 'राजनीतिक आरोप' करार दिया है, और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता एवं गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्य में एक रुपये प्रति मीटर की दर पर जमीन मिलने के आरोपों को खारिज किया है। एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में अडानी ने कहा उन्हें मुंदरा में जमीन दी गई है, जहां उन्होंने बंदरगाह का निर्माण किया है। अडानी ने कहा कि उन्हें यह जमीन राज्य की पूर्व कांग्रेस सरकार ने आवंटित की है, तथा उनकी कंपनी राज्य में मोदी के मुख्यमंत्री बनने से पहले से कारोबार कर रही है।
पूछे जाने पर कि क्या मोदी से नजदीकी के कारण उनके कारोबार में इतनी तेजी से वृद्धि हुई है, अडानी ने कहा, "अवसंरचनात्मक परियोजनाओं का 1991 से विकास शुरू हुआ..इसके बाद मोदी की सरकार आई। उन्होंने इस विकास को और गति प्रदान की.. वास्तव में इस दौरान सभी अवसंरचनात्मक कंपनियों ने तेजी से विकास किया है।" मोदी के प्रधानमंत्री बनने की संभावना के कारण अडानी के शेयरों में तेजी से वृद्धि हुई, इस पर उन्होंने कहा कि राज्य की मोदी सरकार और केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार दोनों ही कारोबार को बढ़ावा देती हैं।
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार अडानी ने कहा, "लेकिन पिछले पांच वर्षो में, नीति की कमियों के कारण व्यापार का विकास नकारात्मक रहा है। इसलिए लोगों को लगता है कि यदि मोदी सत्ता में आते हैं, तो ऐसा नहीं होगा..इसीलिए लोगों की इस तरह की भावना के कारण ही हमारे शेयरों में तेजी आई है।" अडानी ने मोदी से किसी तरह का समर्थन मिलने की बात से इनकार किया, "बिल्कुल नहीं..यहां तक कि हमें इस तरह की कोई उम्मीद भी नहीं है।" अडानी ने चुनाव प्रचार के लिए मोदी को अपना निजी विमान दिए जाने के आरोप को भी खारिज किया।
उन्होंने कहा, "हमारा एक उड्ड्यन विभाग है, जो मांग करने पर किसी को भी विमान मुहैया कराता है। भुगतान कर कोई भी राजनीतिक दल हमारे विमान की सेवा ले सकते हैं। हमने इसे मोदी को मुफ्त में नहीं दिया है।" उन्होंने भाजपा को चंदा देने की बात से भी इनकार किया। उन्होंने कहा, "मैं राजनीति से जुड़ा व्यक्ति नहीं हूं। हम इस तरह की किसी चीज में शामिल नहीं हैं।"
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप के जवाब में अडानी ने कहा कि कांग्रेस के मुख्यमंत्री चिमनभाई पटेल के सत्ता में रहते हुए ही मुंदरा बंदरगाह के विकास का काम शुरू हो गया था। चिमनभाई पटेल की कांग्रेस सरकार ने 10 पैसे प्रति मीटर की दर पर जमीनें दीं। इसके बाद केशुभाई पटेल की सरकार ने एक रुपये प्रति मीटर की दर पर और मोदी सरकार ने 15 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर पर जमीनें दीं।
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