हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने योग गुरु बाबा रामदेव के स्वाभिमान ट्रस्ट को कांगड़ा और चंबा में योग शिविर लगाने की इजाजत नहीं दी। न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश डी. सी. चौधरी की खंडपीठ ने स्वामिमान ट्रस्ट की याचिका को ठुकराते हुए कहा कि कर्नाटक उच्च न्यायालय और गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेश याचिकाकर्ता के पक्ष में नहीं जा सकते क्योंकि ये आदेश रामदेव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने से पहले दिए गए थे।
याचिकाकर्ता ट्रस्ट ने दावा किया कि निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए शिविर लगाने के उसके अधिकारों का हनन किया जा रहा है। अदालत ने हालांकि कहा कि निर्वाचन आयोग के आदेश को स्थगित किए जाने के लिए प्रथम दृष्ट्या कोई मामला नहीं बनता।
स्वाभिमान ट्रस्ट ने अदालत से कहा कि चूंकि रामदेव राजनीति से संबंधित नहीं है, इसलिए आदर्श आचार संहिता की उन पर कोई कानूनी बाध्यता नहीं है। न्यायालय ने हालांकि कहा कि योग शिविर के नाम पर राजनीति करने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
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