राष्ट्रीय राजधानी में एक अदालत ने मंगलवार को तिहाड़ जेल के अधिकारियों को इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक यासीन भटकल को सारी सुविधाएं मुहैया कराए जाने का निर्देश दिया। भटकल ने अदालत के समक्ष याचिका दाखिल कर कहा था कि उसके साथ "पशुओं से भी बदतर तरीके से" व्यवहार किया जाता है। सूत्रों के मुताबिक, पटियाला हाउस अदालत के जिला जज आई.एस. मेहता ने तिहाड़ जेल के अधीक्षक को नोटिस जारी कर अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए कहा है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा दाखिल मामले की बंद कमरे में की गई सुनवाई के दौरान भटकल और उसके साथी असदुल्ला अख्तर को अदालत के समक्ष पेश किया गया। भटकल, अख्तर, मंजर इमाम और यू. अहमद पर देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी हमले करने एवं हमलों की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है।
भटकल के वकील एम.एस. खान ने अदालत से कहा, "आरोपी के साथ जेल में पशु से भी बदतर व्यवहार किया जाता है। उसे जेल में ऐसे कमरे में रखा गया है, जिसमें शौच करने तक की व्यवस्था नहीं है। पर्याप्त भोजन तक नहीं दिया जाता, और न तो उसे खुली हवा और रोशनी ही प्रदान की जाती है।"
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