राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने गुरुवार को बिहार सरकार को नोटिस जारी कर आधारभूत चिकित्सा सुविधा के अभाव में एक बच्ची की मौत के मामले में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। एक बयान के मुताबिक, आयोग ने मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लेते हुए यह नोटिस जारी किया है, जिसमें यह दिखाया गया था कि बिहार के धरहरा गांव में आधारभूत चिकित्सीय सुविधा के अभाव में डायरिया से पीड़ित लड़की ने दम तोड़ दिया।
आयोग ने एक बयान जारी कर कहा, "आयोग मानता है कि अगर प्रेस रिपोर्ट सही है तो यह लड़की के स्वास्थ्य के अधिकार का गंभीर उल्लंघन है। बिहार सरकार को इसके प्रधान सचिव के जरिए नोटिस भेज कर चार सप्ताह के अंदर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने की मांग की गई है।"
धरहरा गांव 2010 में उस वक्त चर्चा में आया था जब गांव वालों ने लड़की के जन्म की खुशी में फल के 10 पौधे लगाए थे। नवजात कन्या हत्या और दहेज हत्या जैसी बुराइयों पर प्रकाश डालने के लिए गांव वालों ने फल का पौधा रोपकर अलग शुरुआत की थी। एक गांव में बच्ची के जन्म के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पौधा रोपने के बाद से यह एक चलन बन गया है। राज्य सरकार ने धरहरा को आदर्श गांव करार दिया था।
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