आधे-अधूरे कार्यो के बीच चारधाम यात्रा का हुआ शुभारंभ
देहरादून, 2 मई । पिछली 13 जून को आई प्राकृतिक आपदा के दौरान केदारघाटी में भारी त्रासदी में मारे गये श्रद्धालुओं व क्षतिग्रस्त हुई सड़कों को लेकर स्थानीय प्रशासन व यात्रा से जुड़े तमाम विभागों की ढुलमुल नीति के चलते आधे-अधूरे कार्यों के बावजूद चारधाम यात्रा का शुभारम्भ हो गया है । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आपदा के बाद बदहाल गंगोत्री हाईवे तथा केदारनाथ रास्ता अभी भी दुरूस्त नहीं हो पाया है, यहां तक कि ब्रदी, केदार गंगोत्री, यमनोत्री धामों में बिजली संचार, व पानी जैसी सेवाये पूरी तरह ठप्प हैं। यमनोत्री धाम पहुंचने में बड़ी कठिनाईयां हो रही हैं। बड़कोट से फूल चट्टी तक कहीं भी शौचालय नहीं है। यात्रा मार्ग पर हैंडपंप बंद पडे़ है, छाटांगा, बाडिया, और जंगल चट्टी हाईवे पर डेंजर जोन बना है जहां डामरीकरण का कार्य चल रहा है लेकिन वर्षा के कारण वह भी उखडना शुरू हो गया है जिसके चलते डंडी, कंडी और घोडे खच्चरो वालों पर कोई विशेष उत्साह नजर नहीं आ रहा है। केदारनाथ में जाने वाले यात्रियों को तो अपने बुजुर्ग माता-पिता व बच्चों को प्रशासन की ओर से न ले जाये जाने की हिदायत दी क्योंकि सरस्वती नदी में अस्थाई झुला पुल का निर्माण अभी तक पूरा नही हुआ है, जबकि लोकनिर्माण विभाग ने नदी को पार करने के लिए अस्थाई पुल का निर्माण किया था लेकिन कपाट बंद होने के बाद से किसी ने उसकी सुध नहीं ली। निर्माण कार्य में जुटे मजदूर और कर्मचारी आपदा के दौरान रखी गई बलियों से नदी पार कर रहे हैं। बताया जाता है कि अभी 40 किमी का डामरीकरण होना बाकी है। बद्रीनाथ में भी सरकारी बदइंतजामी के चलते प्रतिकूल भौगोलिक परिस्थितियों ने अनेकों प्रकार की अड़चने यात्रियों के सामने खड़ी कर दी है। जबकि व्यापारी अपनी दुकानों को सजाने में लगे हैं। ज्ञात रहे कि व्यवस्थाआंे के नाम पर पूरे वर्ष शासन-प्रशासन के अधिकारियों की कई दौर की बैठके हो चुकी है। यात्रा के प्रमुख केंद्र ऋषिकेश के संयुक्त यात्रा बस टर्मिनल कंपाउंड में जलापूर्ति कहीं कहीं पथप्रकाश और सफाई की व्यवस्था केा छोड़कर कुछ नहीं किया गया है। यात्रा के दौरान चारो धाम जाने आने वाले वाहनों के लिए नियत पार्किंग और उनका टैªफिक प्लान तक तय नहीं किया गया हैं। यहां तक कि चंद्रभागा पुल बीओसी एप्रोच मार्ग पर पडे भारी गड्ढो में पैचवर्क और मार्ग पर अनाधिकृत रूप से पार्क होने वाले वाहनो दिनभर जारी लोडिंग अनलोडिंग को भी नहीं रोका है। यात्रा संगठन के प्रशासक एके श्रीवास्तव के अनुसार रूद्रप्रयाग जिले के ऋषिकेश केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग 109 मुनकुटिया तक खुला है । उत्तरकाशी जिले में हल्की वर्षा आज भी जारी है। जहां सड़क निर्माण कार्यों को पूरा किये जाने में बाधा उत्पन्न हो रही है। ऋषिकेश गंगोत्री मार्ग छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया है परन्तु यमनोत्री में जानकी चट्टी तक ही यात्रियों को जाने दिया जायेगा। चमोली जिले के जोशीमठ बद्रीनाथ को लामबगड तक खोला गया है। बद्रीनाथ में छोटे वाहनों को जाने की अनुमति दी गई है। एके श्रीवास्तव ने बताया कि ऋषिकेश में खोले गये यात्रियों के सुविधार्थ पंजीकरण हेतु शुक्रवार की प्रातः 10 बजे तक बायोमैट्रिक पंजीकरण के माध्यम से ऋषिकेश में 136 व हरिद्वार में 23 लोगों का पंजीकरण किया गया है तथा ऋषिकेश से शुक्रवार को एक ओर बस संयुक्त रोटेशन व्यवस्था समिति के अंतर्गत रवाना की गई है तथा गढ़वाल मण्डल विकास निगम द्वारा 26 बच्चों का टूर केदारनाथ के लिए यहंा से चला है।
अक्षय तृतीया पर लाखों श्रद्धालुओं ने की भगवान हृषिकेश की परिक्रमा
ऋषिकेश, 2 मई (निस)। अक्षय तृतीया के अवसर पर लोगों ने प्रातः गंगा में डूबकी लगाकर ऋषिकेश के ग्राम देवता हृषिकेश भगवान के भरत मन्दिर में प्रातः काल से ही लाखों लोगो ने परिक्रमा कर भगवान बद्रीविशाल के दर्शन करने से मिलने वाले लाभ को अर्जित तो किया ही साथ ही मनोकामना भी मांगी। ज्ञात रहे कि बैसाख शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि है, इस तिथि को अक्षय तृतीया पर्व के नाम से जाना जाता है। धर्म ग्रंथो एवं पुराणों के अनुसार उक्त तिथि को ही सतयुग का आरंभ हुआ। इस शुभ दिन पर भगवान विष्णु के चरणविंद और सर्वांग दर्शन एवं आराधना का विशेष महात्मय है। इस तिथि को किसी भी कार्य के शुभारम्भ को सर्वोंत्तम माना गया है। लिहाजा इस दिन किए गए शुभ कार्य कभी क्षय नहीं होते उनमंे उत्तरोत्तर वृद्धि होती है। वैष्णव परंपरा से जुडे़ विभिन्न प्राचीन एवं पौराणिक मंदिरों में इस दिन भगवान विष्णु के विशेष पूजन आराधना का विधान है। प्राचीन धर्मग्रंथो में अक्षय तृतीया पर्व पर तीर्थनगरी स्थित हृषिकेश नारायण श्री भरत मंदिर की सामथ्र्य अनुसार 108 अथवा 1008 बार परिक्रमा करने का विशेष महात्म्य वर्णित है। विद्धानों और पौराणिक धर्मग्रंथों के अनुसार भगवान श्री बदरीनाथ के कपाटोदघाटन से भी इस पर्व का सीधा संबंध है। ग्रीष्मकालीन यात्रा के लिए भगवान श्री बदरीनाथ के कपाट खुलने से ठीक पहले अक्षय तृतीया पर्व निहित है। मान्यता है कि इस मौके पर भगवान श्रीनारायण की 108 अथवा इससे अधिक बार परिक्रमा करने से श्रद्धालुआंे को श्री बदरीनाथ जी के दर्शनांे के समान ही पुण्य लाभ प्राप्त होता है। धर्मग्रंथो में वर्णित तथ्यों के अनुसार रामायण काल में सूर्यवंशी भगवान श्रीराम, भरत, लक्ष्मण एवं शत्रुघ्न ने भी इस पवित्र मंदिर में उपासना की। स्कंदपुराण, केदारखंड, वामन पुराण, नृरसिंह पुराण, श्रीमद भागवत और महाभारत आदि धर्मग्रंथो में प्राचीन श्री भरत मंदिर का विस्तृत उल्लेख निहित है। विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र में वर्णित भगवान विष्णु के सहस्त्रनाम एवं रूपो में से हृषिकेश नारायण भगवान भी एक नामरूप है। अप्रमेयो हृषिकेशः पदमनाभमू सुरेश्वरः । अक्षय तृतीया के अवसर पर विष्णु भगवान की नारायण प्रतिमा की परिक्रमा कर भक्तगणांे द्वारा मन वंछित कामनाओं की फल प्राप्ति की जाती है।
गंगोत्री यमनोत्री के खुले कपाट, चार को केदार व पांच को बद्रीनाथ के कपाट खुलेगें
देहरादून, 2 मई (निस)। गंगोत्री यमनोत्री के विधि विधान से श्रद्धालुओं के लिए कपाट खोल दिये जाने के परिणामस्वरूप जहां चार धाम में से दो धाम की यात्रा का शुभारम्भ निराशाजनक माहौल में कर दिया गया है, वहीं मां गंगा के मायके मुकवा गांव से गंगोत्री धाम पहुंची गंगाजी की डोली की पूजा अर्चना की गई। उधर गुप्तकाशी से बाबा केदारनाथ की उत्सव डोली भी धीरे धीरे अपने पड़ाव गौरीकुण्ड पहुंच गई है। यहां बताते चलें कि चार मई को केदारनाथ व पांच मई को बद्रीनाथ के कपाट खोले जायेगें। जिसकी तैयारियां की जा रही हैं। यह भी ध्यान रहे कि विगत वर्ष चार धाम यात्रा में आई प्राकृतिक आपदा के दौरान आई विघ्न बाधाओं और विनाश को भुलाकर यात्रा को सकुशल निपटाने की कामना के चलते अधिकारियों द्वारा भरसक प्रयास किये गये हैं। उसके बावजूद भी कई प्रकार की बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं।
गंगा में नहाते एक पर्यटक बहा
देहरादून, 2 मई (निस)। लक्ष्मणझूला थाना क्षेत्र में नहाते समय तेज बहाव की चपेट में आकर दिल्ली का एक पर्यटक बह गया। जल पुलिस और मोटर वोट संचालकांे ने जान पर खेलते हुए उसे बचा लिया। प्रिंस 23वर्ष पुत्र परमजीत सिंह निवासी बी 272 नारायणा रिंग रोड़ नई दिल्ली दोस्तों के साथ घूमने लक्ष्मणझूला आया था। भ्रमण के दौरान सभी लक्ष्मणझूला पुल के समीप बांबे घाट पहुंचे और गंगा में नहाने लगे। इसी बीच पिं्रस पानी की तेज धारा में आकर बहने लगा। उसे बहते देख दोस्तों ने मदद के लिए शोर मचाना शुरू कर दिया । शोर सुनकर सतर्क हुए जल पुलिस के जवान नरेन्द्र सिंह नेगी, विपिन ने मोटर बोट संचालक अंकुर कुकरेजा, अर्पित कुकरेजा, अनिल बसंल, कमल सिंह रावत, संजय शर्मा की मदद से पानी की उफनती लहरों में छलांग लगा दी। नदी मंे काफी दूर तक जूझते हुए वे प्रिंस को पकड़कर पानी से बाहर निकाल लाए।
भगत सिंह कोशियारी ने किया तूफानी दौरा
हल्द्वानी/ देहरादून, 2 मई (निस)। भारतीय जनता पार्टी नैनीताल-उधमसिहनगर लोकसभा प्रत्याशी भगत सिंह कोश्यारी ने तूफानी दौरा करते हुये विधानसभा क्षेत्र सितारगंज में सिडकुल, सिसौना, नकुलिया, जगनपुर, कैलाशपुरी, पनरी, हल्दूआ, सिसईया, नयागांव, सहदौरा एवं शक्तिफार्म क्षेत्र में जनसम्पर्क एवं जनसभाऐं कर भाजपा को विजयी बनाने का जनता से निवेदन किया। युवा मोर्चा द्वारा सिडकुल क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी भगतदा को तलवार एवं सरोपा भेंट कर उनकी जीत के प्रति आश्वस्त किया एवं क्षेत्र के लोगों ने जगह-जगह भगतदा को तिलक लगाकर पुष्पवर्षा कर स्वागत एवं अभिनन्दन किया। भाजपा प्रत्याशी भगत ंिसह कोश्यारी ने क्षेत्र की जनता को सम्बोधित करते हुये कहा कि पूरे देश की जनता कांग्रेस के कार्याे से पीडि़त एवं परेशान हो चुकी है। देश एवं प्रदेश की जनता कांग्रेस से होने जा रहे लोकसभा चुनाव में किये हुये कार्याे का गिन-गिन कर हिसाब मांग रही है। कांग्रेसी नेता जनता को बर्गलाने के लिए झूठे मुगारी लाल के सपने दिखाकर जनता को ठगने का चक्रव्यूह रच रहे है। भगतदा ने कहा कि कांग्रेस भाजपा की चुनावों में बढ़त देखकर अपनी हार को लेकर चिन्तित हो रही है। क्योंकि जिस तरह से देश एवं प्रदेश में कांगे्रस एवं अन्य दलों से जुड़े लोगों का भाजपा के प्रति आस्था व्यक्त कर भाजपा में सम्मलित हो रहे है। उससे साफ प्रतीत होता है कि देश में भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेन्द्र मोदी के नाम का डंका बज रहा है। देश एवं प्रदेश की जनता कांग्रेस के दस वर्षाे के कुशासन के शासन का याद कर सिहर उठती है। युवा वर्ग अपने को कांग्रेसनीति यूपीए सरकार की नीतियों के कारण अपने को ठगा एवं झला महसूस करता है। जिसको लेकर देश की जनता कांग्रेस के शासन का अन्त कर भारतीय जनता पार्टी के स्वच्छ सुशासन चाहती है। भगतदा ने कहा कि इतिहास गवाह है कि कांग्रेस ने हमेशा देश की जनता को धोखा देकर शासन करना सिखा। कांग्रेस द्वारा देश में कमरतोड़ महंगाई, भ्रष्टाचार, बिगड़ती कानून व्यवस्था, बेरोजगारी के मुददों को लेकर जनता का जीना दुर्भर हो चुका है। कांग्रेस के राज में देश का युवा वर्ग महंगाई की आग में बेरोजगारी से जूझ कर अपने सुनहरे भविष्य के प्रति चिन्तित एवं परेशान हैं, जिसका बदला लेने के लिए युवा वर्ग एवं जनता देश एवं प्रदेश में भाजपा के पक्ष में ऐतिहासिक मतदान कर मा0 नरेन्द्र मोदी जी को देश का प्रधानमंत्री पद पर देखना चाहती है। भगतदा ने जनता से भाजपा को विजयी बनाने का आहवान किया। इस दौरान प्रमुखरूप से पूर्व शिक्षामंत्री गोविन्द सिह बिष्ट, वरिष्ठ भाजपा नेता रतन लाल गुप्ता, आदेश ठाकुर, राजेश त्यागी, सुरेश पपनेजा, गिरीश तिवारी, प.मदन मोहन जोशी, गीता सक्सैना, विमला चैहान, धरमा देवी, बीना साहू, सिखा हल्दार, पूरन सिंह चैहान, आदेश चैहान सहित सैकड़ों लोग जगह-जगह उपस्थित रहे।
भारतीय किसान यूनियन का समर्थन कांग्रेस कोः राकेश टिकैत
हरिद्वार/ देहरादून, 2 मई (निस)। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने प्रेस को जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय किसान यूनियन कांग्रेस को अपना समर्थन दे रही है। किसानों की समस्याओं को प्रमुखता से मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जाना। हमारा पूर्ण रूप से कांग्रेस को समर्थन है भाजपा व अन्य पार्टियों पर कटाक्ष करते हुए कथनी करनी में अन्तर है। धार्मिक भावनाओं के आधार पर भाजपा कार्य कर रही है। उन्होंने भाजपा व समाजवादी पार्टी को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि आम जनमानस से इन पार्टियों को कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रो में रह रहे किसानों के लिये पर्वतीय एलाउन्स की वकालत की। जो किसान बार्डर पर रहकर खेती कर रहे हैं। 10 प्रतिशत आरक्षण मिलने की भी उन्हांेने प्रेस में बात उठाई। किसान पेंशन बिजली का सरचार्ज कम किये जाने पर उन्होंने उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री हरीश रावत की सराहना की। गन्ना मूल्य व शीघ्र भुगतान पर कांगं्रेस का आभार प्रकट किया। गन्ना भुगतान पर बोलते हुए उन्होंने कहा अगर मिल मालिक गन्ना भुगतान में किसी भी प्रकार की आनाकानी करेगंे तो डंडे के जोर पर भुगतान की लड़ाई लड़ी जायेगी। भारतीय किसान यूनियन पूरी तरह से अपना समर्थन कांग्रेस को देती है। संजय कुमार ने कहा भाजपा सपा दोनों ही राजैनतिक लाभ लेने के लिये लोगों को लड़ाने का काम कर रही है। मात्र वोट की राजनीति करने का उन्होंने आरोप लगाया। धार्मिक भावनाओं को भड़काकर भाजपा व सपा देश मंे कार्य कर रही है। उत्तराखण्ड में कांग्रेस अपनी बेहतर पकड़ बनाये हुए हैं। राज्य सरकार किसानों के हितों में बेहतर कार्य कर रहा है। लगातार किसानों को लाभकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। प्रेस वार्ता के दौरान उपस्थित संजय कुमार, विजय, ओमप्रकाश, संजय चैधरी, धर्मवीर वालिया, आदि शामिल थे।
आडवाणी का चाॅपर दुर्घटनाग्रस्त होने से बचा
घनशाली/देहरादून, 2 मई,(निस)। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का चाॅपर आज यहां दुर्घटनाग्रस्त होते होते बच गया। आडवाणी का हेलीकाॅप्टर जैसे ही टेकआॅफ किया वह पास से गुजर रही हाईवोल्टेज विद्युत लाईन से टकराते टकराते बच गया। जिन लोगों ने उनके हेलीकाॅप्टर को तार से उलझते देखा सबने दांतो तले उंगली दबा ली लेकिन चाॅपर के पाईलट ने सूझबूझ से काम लेते हुए बड़ी दुघर्टना को टाल दिया। हालांकि इस बारे में अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। श्री आडवाणी पिथौरागढ़ में सभा करने के बाद आज यहां टिहरी के घनशाली में भाजपा प्रत्याशी माला राजलक्ष्मी शाह के समर्थन में एक चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे थे। उनके हेलीकाॅप्टर के सकुशल टेकआॅफ करने के बाद भाजपा नेताओं ने चैन की सांस ली।
हरिद्वार में तेजी से बदल रहे चुनावी समीकरण
हरिद्वार/देहरादून, 2 मई,(निस)। राज्य की सबसे चर्चित लोकसभा सीट हरिद्वार पर चुनावी समीकरण बहुत तेजी से बदल रहे है। अभी तक इस सीट पर आगे चल रही भाजपा का ग्राफ कुछ कम हुआ है जबकि कांग्रेेस उम्मीदवार रेणुका रावत के पति मुख्यमंत्री हरीश रावत की मेहनत का असर धीरे धीरे दिखने लगा है। भाजपा से पिछड़ रही कांग्रेस ने समीकरण को अपने पक्ष में करने के लिए पूरी ताकत झोक दी है। इसके तहत जहां कांग्रेस से निष्कासित नेताओं को तेजी से पार्टी में शामिल किया जा रहा है वहीं अन्य दलों के नेताओं को हाथ का साथ देने के लिए हर तरह के प्रलोभन भी दिए जा रहे है। इसका असर भी देखा जा रहा है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने प्रयास कर जहां जिले में अच्छी पैठ रखने वाले सपा के रास्ते कांग्रेस पहुंचे और फिर विधानसभा में बगावत का झंडा बुलंद करने वाले अंबरीश कुमार को बिना किसी शर्त पार्टी में वापस लिया वहीं भाजपा समर्थक माने जाने वाले रूड़की नगर निगम के निर्दलीय मेयर यशपाल राणा को भी अपने साथ खड़ा करने में सफलता पाई उससे भाजपा खेमे में खलबली का माहौल है। मुख्यमंत्री इतने पर भी नहीं रूकने वाले उन्होंने आज यहां एक बड़ी रैली को संबोधित करने पहुंची बसपा सुप्रीमो मायावती को भी बड़ा झटका दिया और बीएसपी के लोकसभा संयोजक अंतरिक्ष सैनी को कांग्रेस ज्वाॅइन करा दिया। अपने सैकड़ो समर्थको के साथ कांग्रेस का दामने थामने वाले अंतरिक्ष सैनी हालांकि जमीनी नेता तो नहीं माने जाते लेकिन पूरी लोकसभा में उनके समुदाय की संख्या अच्छी खासी है जिसका लाभ कांग्रेस को मिला तो भाजपा का चुनावी गणित बिगड़ सकता है। उधर भाजपा से ताल ठोक रहे पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक राज्य की सियासत में बहुत ही मझे हुए सियासतदां माने जाते है लेकिन मुख्यमंत्री की तेजी के सामने उन्हें अपनी रणनीतियों पर दोबारा अमल करने को विवश होना पड़ रहा है। निशंक के नजदीकी सूत्रों की माने तो वे अपनी जीत को लेकर तो आश्वस्त है लेकिन मुख्यमंत्री की राजनीतिक समझ से भी वे भलीभांति वाकिफ है इसलिए वे सीएम के हर कदम का बारीकी से अध्ययन कर अपनी रणनीति को अंजाम दे रहे है। निशंक का दावा है कि हरीश रावत यहां से पांच साल सांसद रहे है जिसका एंटीइंकंबेसी फैक्टर उन्हें नुकसान पहुंचा रहा है साथ ही महाकुंभ 2010 में निशंक सरकार द्वारा किए गए कामों और पीरान कलियर शरीफ जैसे धर्मस्थलों के विकास कार्य उन्हें हरीश के सामने मजबूत बना रहे है। इसके साथ ही दलित और पिछड़ा समुदाय भी इस बार भाजपा की ओर मचलने को तैयार है। उनका कहना है कि पार्टी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेन्द्र भाई मोदी के चलते इस बार हरिद्वार में भगवा लहराना तय है। मुख्यमंत्री की तरफ से हालांकि कोई प्रतिक्रिया देने को तैयार नहीं हुआ लेकिन सीएम और उनका कुनबा जिस तरह से लगातार इस सीट पर धूल छान रहा है उससे कोई चमत्कार होने से इंकार नहीं किया जा सकता।
पार्टी की आपसी गुटबाजी बन रही साकेत का संकट
देहरादून/टिहरी, 2 मई,(निस)। टिहरी लोकसभा से दूसरी बार अपना भाग्य आजमा रहे पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के सुपुत्र और कांग्रेस नेता साकेत बहुगुणा के राह का सबसे बड़ा संकट उनकी अपनी ही पार्टी की गुटबाजी साबित हो रही है। साकेत इस गुटबाजी के चलते सितंबर 2012 में अपने पिता के मुख्यमंत्री रहते हुए इस लोकसभा के उपचुनाव में हार चुके है। टिहरी लोकसभा पर ताल ठोक रहे साकेत बहुगुणा को बीजेपी उम्मीदवार माला राजलक्ष्मी शाह से तो कड़ी टक्कर मिल ही रही है साथ ही इनकी अपनी पार्टी कांग्रेस के नेताओं की गुटबाजी भी उनके संसद जाने की राह को कठिन बना रहे है। उत्तरकाशी,टिहरी और देहरादून जैसे तीन जिलों में फैले इस लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस को हर जिले से बगावत की चुनौती मिल रही है। कांग्रेस आला कमान और खुद मुख्यमंत्री हरीश रावत के लाख जतन के बाद कांग्रेस नेताओं की नाराजगी बहुगुणा परिवार से कम नहीं हो रही है। उत्तराकाशी में जहां पूर्व विधायक केदार सिंह रावत ने बहुगुणा परिवार के खिलाफ मोर्चा खोला है वहीं टिहरी में पूर्व मंत्री सूरवीर सिंह सजवाण के परिवार ने तो गुटबाजी से भी एक कदम आगे जा कर कांग्रेस खिलाफ बगावत का बिगुल बजाते हुए भाजपा का दामन थाम लिया है। सजवाण के पुत्र और पुत्रवधू ने मोदी में आस्था जताते हुए गुरूवार को भाजपा का दामन थाम लिया। दोनों नेताओं के भाजपा में जाने से जहां महारानी माला राजलक्ष्मी की जीत की संभावना बढ़ गई है वहीं बहुगुणा परिवार भी दबाव महसूस कर रहा है।
इस सीट की टिहरी विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक दिनेश धनै भले ही सरकार में शामिल है लेकिन वे पहले से ही विजय बहुगुणा के विरोधी के तौर पर जाने जाते है जिसका असर इस चुनाव में भी दिख रहा है। चुनाव प्रचार खत्म होने के कगार पर है और विधायक जी कही भी कांग्रेस का प्रचार करते दिखे नहीं है। पार्टी के एक अन्य कद्दावर नेता और टिहरी लोकसभा से टिकट के दावेदार रहे पूर्व विधायक किशोर उपाध्याय वर्तमान में प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल है। इनका टिहरी क्षेत्र में अच्छा खासा प्रभाव भी माना जाता है। लेकिन ये भी बहुगुणा से नाराज नेताओं में प्रथम पंक्ति में आते है। इनको भी अभी तक कही गंभीरता से साकेत के लिए प्रचार करते हुए नहीं देखा गया है। इससे स्पष्ट है कि साकेत बहुगुणा को टिहरी का जंग जीतने के लिए अपने इन सिपहसालारों का प्रबंधन ठीक से करना पड़ेगा नही ंतो चुनाव जिता भले न पाए लेकिन हराने में कोई कसर नहीं छोड़ेगे। उधर इन परिस्थितियों पर साकेत के नजदीकी लोगों का अलग ही नजरिया है। उनका कहना है कि इस तरह के नेता प्रचार से दूर रहे तो ही अच्छा नही ंतो फायदा तो करवा नहीं सकते इनके विवादित कार्यो की वजह से नुकसान जरूर हो सकता है।
70 लाख 43 हजार 939 मतदाता दस हजार 94 केन्द्रों पर करेंगे मतदान
देहरादून, 2 मई,(निस)। उत्तराखण्ड में पांचो संसदीय क्षेत्रों के लिये मतदान 7 मई को कराया जायेगा। राज्य में कुल 7043929 सामान्य मतदाताओं के लिये 10094 मतदेय स्थल (पोलिंग बूथ व स्टेशन) बनाये गये है। चमोली के 09 तथा पिथौरागढ के 08 माइग्रेटेड पोलिंग बूथों को लेकर यह संख्या 10111 है। कुल 7471 मतदान केन्द्र है। सभी सामान्य मतदाताओं के लिये मतदाता फोटो पहचान पत्र ंशत प्रतिशत जारी किये जा चुके है।पौडी संसदीय सीट के अन्र्तगत चमोली जनपद के बद्रीनाथ क्षेत्र में राज्य के दूरस्थ पोलिंग बूथ सं0 43-डूमक, 44- कलगोठ तथा 124- ईराणी मौजूद हैं जिनके लिये पोलिंग पार्टियों को क्रमशः 24, 21 और 22 किमी पैदल चलकर मतदान कराना होगा। इनके अतिरिक्त राज्य में 0 से 3 किमी के पैदल दूरी के 8777 मतदेय स्थल, 03 से 05 किमी तक 640 मतदेय स्थल, 05 से 10 किमी 594 मतदेय स्थल, 10 से 15 किमी तक के 68 मतदेय स्थल तथा 15 से 20 किमी के 15 मतदेय स्थल सम्मिलत है। उधमसिंह नगर के बूथ सं 05-रूद्रपुर मतदेय स्थल 1697, पौडी के श्रीनगर के बूथ सं 92- रा प्रा विद्यालय श्रीकोट गंगनाली 1652 और अल्मोडा के 96- रा0प्रा0वि0 दुगालठोला 1602 मतदाताओ के साथ सर्वाधिक मतदाता वाले मतदेय स्थल है। पौडी के यमकेश्वर के बूथ सं 80-रेंज कार्यालय लालढांग में 20, सं 67- कार्बेटबाल पाठशाला-23, तथा टिहरी गढवाल के सं 62- धनोल्टी मतदेय स्थल 32 मतदाताओं के साथ सबसे कम मतदाताओ वाले मतदेय स्थल है। सर्वाधिक उंचाई पर स्थित पोलिंग बूथों में पुरोला का 71- लिवाडी(8789 फिट), यमुनोत्री का 120- खरमाली(9800 फिट) घनसाली का 80- गंगी (10000 फिट) धारचूला का 19- बोना(8333 फिट) आदि मुख्य है। 8000 फिट से उपर कुल 9 पोलिंग बूथ बनाये गये है। पोलिंग स्टेशनों की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए मतदान पार्टियों के रवाना होने की योजना भी बनाई गई है। मतदान से 03 दिन पूर्व 117, 02 दिन पूर्व 2510 तथा 01 दिन पूर्व 7467 पार्टिया प्रस्थान करेंगी। कुल 7057 पार्टियां मतदान समाप्ति के बाद उसी दिन लौट आयेंगी तथा 3037 पार्टियां दूसरे दिन लौटेंगी।
आडवाणी का चाॅपर दुर्घटनाग्रस्त होने से बचा
घनशाली/देहरादून, 2 मई,(निस)। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का चाॅपर आज यहां दुर्घटनाग्रस्त होते होते बच गया। आडवाणी का हेलीकाॅप्टर जैसे ही टेकआॅफ किया वह पास से गुजर रही हाईवोल्टेज विद्युत लाईन से टकराते टकराते बच गया। जिन लोगों ने उनके हेलीकाॅप्टर को तार से उलझते देखा सबने दांतो तले उंगली दबा ली लेकिन चाॅपर के पाईलट ने सूझबूझ से काम लेते हुए बड़ी दुघर्टना को टाल दिया। हालांकि इस बारे में अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। श्री आडवाणी पिथौरागढ़ में सभा करने के बाद आज यहां टिहरी के घनशाली में भाजपा प्रत्याशी माला राजलक्ष्मी शाह के समर्थन में एक चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे थे। उनके हेलीकाॅप्टर के सकुशल टेकआॅफ करने के बाद भाजपा नेताओं ने चैन की सांस ली।
हरिद्वार में तेजी से बदल रहे चुनावी समीकरण
हरिद्वार/देहरादून, 2 मई,(निस)। राज्य की सबसे चर्चित लोकसभा सीट हरिद्वार पर चुनावी समीकरण बहुत तेजी से बदल रहे है। अभी तक इस सीट पर आगे चल रही भाजपा का ग्राफ कुछ कम हुआ है जबकि कांग्रेेस उम्मीदवार रेणुका रावत के पति मुख्यमंत्री हरीश रावत की मेहनत का असर धीरे धीरे दिखने लगा है। भाजपा से पिछड़ रही कांग्रेस ने समीकरण को अपने पक्ष में करने के लिए पूरी ताकत झोक दी है। इसके तहत जहां कांग्रेस से निष्कासित नेताओं को तेजी से पार्टी में शामिल किया जा रहा है वहीं अन्य दलों के नेताओं को हाथ का साथ देने के लिए हर तरह के प्रलोभन भी दिए जा रहे है। इसका असर भी देखा जा रहा है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने प्रयास कर जहां जिले में अच्छी पैठ रखने वाले सपा के रास्ते कांग्रेस पहुंचे और फिर विधानसभा में बगावत का झंडा बुलंद करने वाले अंबरीश कुमार को बिना किसी शर्त पार्टी में वापस लिया वहीं भाजपा समर्थक माने जाने वाले रूड़की नगर निगम के निर्दलीय मेयर यशपाल राणा को भी अपने साथ खड़ा करने में सफलता पाई उससे भाजपा खेमे में खलबली का माहौल है। मुख्यमंत्री इतने पर भी नहीं रूकने वाले उन्होंने आज यहां एक बड़ी रैली को संबोधित करने पहुंची बसपा सुप्रीमो मायावती को भी बड़ा झटका दिया और बीएसपी के लोकसभा संयोजक अंतरिक्ष सैनी को कांग्रेस ज्वाॅइन करा दिया। अपने सैकड़ो समर्थको के साथ कांग्रेस का दामने थामने वाले अंतरिक्ष सैनी हालांकि जमीनी नेता तो नहीं माने जाते लेकिन पूरी लोकसभा में उनके समुदाय की संख्या अच्छी खासी है जिसका लाभ कांग्रेस को मिला तो भाजपा का चुनावी गणित बिगड़ सकता है। उधर भाजपा से ताल ठोक रहे पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक राज्य की सियासत में बहुत ही मझे हुए सियासतदां माने जाते है लेकिन मुख्यमंत्री की तेजी के सामने उन्हें अपनी रणनीतियों पर दोबारा अमल करने को विवश होना पड़ रहा है। निशंक के नजदीकी सूत्रों की माने तो वे अपनी जीत को लेकर तो आश्वस्त है लेकिन मुख्यमंत्री की राजनीतिक समझ से भी वे भलीभांति वाकिफ है इसलिए वे सीएम के हर कदम का बारीकी से अध्ययन कर अपनी रणनीति को अंजाम दे रहे है। निशंक का दावा है कि हरीश रावत यहां से पांच साल सांसद रहे है जिसका एंटीइंकंबेसी फैक्टर उन्हें नुकसान पहुंचा रहा है साथ ही महाकुंभ 2010 में निशंक सरकार द्वारा किए गए कामों और पीरान कलियर शरीफ जैसे धर्मस्थलों के विकास कार्य उन्हें हरीश के सामने मजबूत बना रहे है। इसके साथ ही दलित और पिछड़ा समुदाय भी इस बार भाजपा की ओर मचलने को तैयार है। उनका कहना है कि पार्टी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेन्द्र भाई मोदी के चलते इस बार हरिद्वार में भगवा लहराना तय है। मुख्यमंत्री की तरफ से हालांकि कोई प्रतिक्रिया देने को तैयार नहीं हुआ लेकिन सीएम और उनका कुनबा जिस तरह से लगातार इस सीट पर धूल छान रहा है उससे कोई चमत्कार होने से इंकार नहीं किया जा सकता।
पार्टी की आपसी गुटबाजी बन रही साकेत का संकट
देहरादून/टिहरी, 2 मई,(निस)। टिहरी लोकसभा से दूसरी बार अपना भाग्य आजमा रहे पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के सुपुत्र और कांग्रेस नेता साकेत बहुगुणा के राह का सबसे बड़ा संकट उनकी अपनी ही पार्टी की गुटबाजी साबित हो रही है। साकेत इस गुटबाजी के चलते सितंबर 2012 में अपने पिता के मुख्यमंत्री रहते हुए इस लोकसभा के उपचुनाव में हार चुके है। टिहरी लोकसभा पर ताल ठोक रहे साकेत बहुगुणा को बीजेपी उम्मीदवार माला राजलक्ष्मी शाह से तो कड़ी टक्कर मिल ही रही है साथ ही इनकी अपनी पार्टी कांग्रेस के नेताओं की गुटबाजी भी उनके संसद जाने की राह को कठिन बना रहे है। उत्तरकाशी,टिहरी और देहरादून जैसे तीन जिलों में फैले इस लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस को हर जिले से बगावत की चुनौती मिल रही है। कांग्रेस आला कमान और खुद मुख्यमंत्री हरीश रावत के लाख जतन के बाद कांग्रेस नेताओं की नाराजगी बहुगुणा परिवार से कम नहीं हो रही है। उत्तराकाशी में जहां पूर्व विधायक केदार सिंह रावत ने बहुगुणा परिवार के खिलाफ मोर्चा खोला है वहीं टिहरी में पूर्व मंत्री सूरवीर सिंह सजवाण के परिवार ने तो गुटबाजी से भी एक कदम आगे जा कर कांग्रेस खिलाफ बगावत का बिगुल बजाते हुए भाजपा का दामन थाम लिया है। सजवाण के पुत्र और पुत्रवधू ने मोदी में आस्था जताते हुए गुरूवार को भाजपा का दामन थाम लिया। दोनों नेताओं के भाजपा में जाने से जहां महारानी माला राजलक्ष्मी की जीत की संभावना बढ़ गई है वहीं बहुगुणा परिवार भी दबाव महसूस कर रहा है।
इस सीट की टिहरी विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक दिनेश धनै भले ही सरकार में शामिल है लेकिन वे पहले से ही विजय बहुगुणा के विरोधी के तौर पर जाने जाते है जिसका असर इस चुनाव में भी दिख रहा है। चुनाव प्रचार खत्म होने के कगार पर है और विधायक जी कही भी कांग्रेस का प्रचार करते दिखे नहीं है। पार्टी के एक अन्य कद्दावर नेता और टिहरी लोकसभा से टिकट के दावेदार रहे पूर्व विधायक किशोर उपाध्याय वर्तमान में प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल है। इनका टिहरी क्षेत्र में अच्छा खासा प्रभाव भी माना जाता है। लेकिन ये भी बहुगुणा से नाराज नेताओं में प्रथम पंक्ति में आते है। इनको भी अभी तक कही गंभीरता से साकेत के लिए प्रचार करते हुए नहीं देखा गया है। इससे स्पष्ट है कि साकेत बहुगुणा को टिहरी का जंग जीतने के लिए अपने इन सिपहसालारों का प्रबंधन ठीक से करना पड़ेगा नही ंतो चुनाव जिता भले न पाए लेकिन हराने में कोई कसर नहीं छोड़ेगे। उधर इन परिस्थितियों पर साकेत के नजदीकी लोगों का अलग ही नजरिया है। उनका कहना है कि इस तरह के नेता प्रचार से दूर रहे तो ही अच्छा नही ंतो फायदा तो करवा नहीं सकते इनके विवादित कार्यो की वजह से नुकसान जरूर हो सकता है।
70 लाख 43 हजार 939 मतदाता दस हजार 94 केन्द्रों पर करेंगे मतदान
देहरादून, 2 मई,(निस)। उत्तराखण्ड में पांचो संसदीय क्षेत्रों के लिये मतदान 7 मई को कराया जायेगा। राज्य में कुल 7043929 सामान्य मतदाताओं के लिये 10094 मतदेय स्थल (पोलिंग बूथ व स्टेशन) बनाये गये है। चमोली के 09 तथा पिथौरागढ के 08 माइग्रेटेड पोलिंग बूथों को लेकर यह संख्या 10111 है। कुल 7471 मतदान केन्द्र है। सभी सामान्य मतदाताओं के लिये मतदाता फोटो पहचान पत्र ंशत प्रतिशत जारी किये जा चुके है।पौडी संसदीय सीट के अन्र्तगत चमोली जनपद के बद्रीनाथ क्षेत्र में राज्य के दूरस्थ पोलिंग बूथ सं0 43-डूमक, 44- कलगोठ तथा 124- ईराणी मौजूद हैं जिनके लिये पोलिंग पार्टियों को क्रमशः 24, 21 और 22 किमी पैदल चलकर मतदान कराना होगा। इनके अतिरिक्त राज्य में 0 से 3 किमी के पैदल दूरी के 8777 मतदेय स्थल, 03 से 05 किमी तक 640 मतदेय स्थल, 05 से 10 किमी 594 मतदेय स्थल, 10 से 15 किमी तक के 68 मतदेय स्थल तथा 15 से 20 किमी के 15 मतदेय स्थल सम्मिलत है। उधमसिंह नगर के बूथ सं 05-रूद्रपुर मतदेय स्थल 1697, पौडी के श्रीनगर के बूथ सं 92- रा प्रा विद्यालय श्रीकोट गंगनाली 1652 और अल्मोडा के 96- रा0प्रा0वि0 दुगालठोला 1602 मतदाताओ के साथ सर्वाधिक मतदाता वाले मतदेय स्थल है। पौडी के यमकेश्वर के बूथ सं 80-रेंज कार्यालय लालढांग में 20, सं 67- कार्बेटबाल पाठशाला-23, तथा टिहरी गढवाल के सं 62- धनोल्टी मतदेय स्थल 32 मतदाताओं के साथ सबसे कम मतदाताओ वाले मतदेय स्थल है। सर्वाधिक उंचाई पर स्थित पोलिंग बूथों में पुरोला का 71- लिवाडी(8789 फिट), यमुनोत्री का 120- खरमाली(9800 फिट) घनसाली का 80- गंगी (10000 फिट) धारचूला का 19- बोना(8333 फिट) आदि मुख्य है। 8000 फिट से उपर कुल 9 पोलिंग बूथ बनाये गये है। पोलिंग स्टेशनों की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए मतदान पार्टियों के रवाना होने की योजना भी बनाई गई है। मतदान से 03 दिन पूर्व 117, 02 दिन पूर्व 2510 तथा 01 दिन पूर्व 7467 पार्टिया प्रस्थान करेंगी। कुल 7057 पार्टियां मतदान समाप्ति के बाद उसी दिन लौट आयेंगी तथा 3037 पार्टियां दूसरे दिन लौटेंगी।
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