त्रिपुरा में मलेरिया के प्रकोप से मरने वालों की संख्या 41 हो गई है। मृतकों में 31 बच्चे शामिल हैं। यह जानकारी रविवार को एक अधिकारी ने यहां दी। 22,000 से अधिक लोग जनजातीय बहुल धलाई, गोमती, खोवाई, उत्तरी त्रिपुरा और दक्षिण त्रिपुरा जिले में मलेरिया से प्रभावित हैं। त्रिपुरा के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री बादल चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, "महीने के पहले सप्ताह में 31 बच्चों सहित 41 लोगों की मौत हो गई और 22,000 से अधिक बीमार हो गए। 22,000 में से 3,215 के खून में मलेरिया की पुष्टि हुई है।" उन्होंने कहा कि सभी प्रभावितों को पांच जिले के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों का कहना है कि गैर आधिकारिक आंकड़े के अनुसार 60 लोगों की मौत हुई है और 30,000 लोग बीमार हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से अवधेश कुमार के नेतृत्व में मलेरिया विशेषज्ञ की टीम रविवार को स्थिति का जायजा लेने और राज्य सरकार को स्थिति से निबटने के सुझाव देने पहुंची है। चौधरी ने बताया कि केंद्रीय मंत्रालय इस सप्ताह चार सदस्यीय विशेषज्ञों की अतिरिक्त टीम भेजेगी। इसका नेतृत्व क्षेत्रीय निदेशक (मलेरिया) सत्यजीत सेन करेंगे।
मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने शनिवार को चिकित्सकों, अधिकारियों और मंत्रियों के साथ बैठक कर हालात का जायजा लिया है। उन्होंने मंत्रियों को मलेरिया प्रभावित इलाकों में पहुंचने और हालात सुधरने तक वहां मौजूद रहने के निर्देश दिए हैं। चौधरी ने कहा कि सभी चिकित्सकों, नर्सो और स्वास्थ्य कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। स्वास्थ्य अधिकारी और फील्ड वर्कर दूरवर्ती गांवों का दौरा कर मलेरिया प्रभावितों को सरकारी अस्पताल तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं।
चिकित्सकों और मरीजों को आपातकालीन स्थिति में अस्पताल लाने ले जाने के लिए हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि आशा के 26, आईसीडीएस के 13 और तीन मल्टीपरपस कर्मचारियों सहित 50 स्वास्थ्य कर्मचारियों को या तो निलंबित कर दिया गया है या लापरवाही बरतने के कारण उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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