इंटरपोल महासचिव की दौड़ में भारत की हार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 19 जून 2014

इंटरपोल महासचिव की दौड़ में भारत की हार

भारत को इंटरपोल के महासचिव पद की रेस में हार का मुंह देखना पड़ा है। इंटरपोल की कार्यकारी समिति ने अमेरिका के मौजूदा महासचिव रोनाल्ड के नोबेल के उत्तराधिकारी के रूप में जर्मनी के जुर्गेन स्टॉक का चयन किया है। इस रेस में भारत की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई के निदेशक रंजीत सिन्‍हा भी शामिल थे।

सिन्हा इंटरपोल के महासचिव पद की दौड़ में शामिल होने वाले पहले भारतीय हैं। वह मंगलवार की शाम फ्रांस के लियोन स्थित इंटरपोल मुख्यालय में कार्यकारी समिति के समक्ष साक्षात्कार के लिए पेश हुए। उनके साथ फ्रांस, जर्मनी, इटली, जार्डन और ब्रिटेन के उम्मीदवारों का भी साक्षात्कार लिया गया। स्टॉक की उम्मीदवारी को समिति ने मंजूरी दी जिसमें अमेरिका, कनाडा, चिली, इटली, नीदरलैंड, फिनलैंड, जापान, कोरिया, नाइजीरिया, अल्जीरिया, रवांडा और कतर के प्रतिनिधि हैं।

54 वर्षीय स्टॉक की उम्मीदवारी को नवंबर में मोनाको में इंटरपोल की आमसभा की होने वाली बैठक में अनुमोदन के लिए पेश किया जाएगा और वहां इस पर मुहर लगने पर वह 2015 में पदभार संभालेंगे। उनका कार्यकाल पांच वर्ष का होगा। नोबेल पिछले 15 सालों से लगातार तीन कार्यकाल से महासचिव पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। उनका कार्यकाल अगले साल समाप्त हो रहा है। एक आधारिक बयान में चयन प्रक्रिया की अध्यक्षता करने वाले इंटरपोल के उपाध्यक्ष एलन बर्सिन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपराध से मुकाबले में स्टॉक का शानदार रिकॉर्ड है और समिति को भरोसा है कि उनमें संगठन को आगे ले जाने की क्षमता है। 

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