हिन्दी की आधुनिक पीढ़ी के रचनाकार केदारनाथ सिंह को वर्ष 2013 के लिए देश का सर्वोच्च साहित्य सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया जायेगा। वह यह पुरस्कार पाने वाले हिन्दी के 10वें लेखक हैं। ज्ञानपीठ द्वारा आज यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार सीताकांत महापात्रा की अध्यक्षता में आज यहां हुई चयन समिति की बैठक में हिन्दी के जाने माने कवि केदारनाथ सिंह को वर्ष 2013 का 49वां ज्ञानपीठ पुरस्कार दिये जाने का निर्णय किया गया।
केदारनाथ सिंह का जन्म 1934 ई में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के चकिया गाँव में हुआ था। बनारस विश्वविद्यालय से 1956 ई में हिन्दी में एम ए और 1964 में पी-एच डी की उपाधि प्राप्त करने वाले केदारनाथ सिंह हिन्दी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार हैं।
केदारनाथ सिंह जवाहर लाल विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग के अध्यक्ष रहे। केदारनाथ सिंह समकालीन हिन्दी कविता के प्रमुख कवि हैं। केदारनाथ सिंह अज्ञेय द्वारा सम्पादित तीसरा सप्तक के कवि हैं। केदारनाथ सिंह इस पुरस्कार को हासिल करने वाले हिन्दी के 10वें रचनाकार है। इससे पहले हिन्दी साहित्य के जाने माने हस्ताक्षर सुमित्रानंदन पंत, रामधारी सिंह दिनकर, सच्चिदानंद हीरानंद वात्सयायन अज्ञेय, महादेवी वर्मा, नरेश मेहता, निर्मल वर्मा, कुंवर नारायण, श्रीलाल शुक्ल और अमरकांत को यह पुरस्कार मिल चुका है। पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार मलयालम के लेखक जी शंकर कुरूप :1965: को प्रदान किया गया था। उनकी प्रमुख कृतियों में अभी बिल्कुल अभी, जमीन पक रही है, यहां से देखो, अकाल में सारस, बाघ, सृष्टि पर पहरा, मेरे समय के शब्द, कल्पना और छायावाद और तालस्ताय और साइकिल आदि शामिल हैं।
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