आखिरकार राजद ने राज्यसभा उप चुनाव में जदयू उम्मीदवारों के समर्थन का फैसला कर लिया। बुधवार शाम राजद विधायक दल की बैठक के बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने इसकी घोषणा की। राजद के 21 विधायक हैं। इनके समर्थन के बाद जदयू के दोनों उम्मीदवारों (पवन वर्मा और गुलाम रसूल बलियावी) की जीत लगभग तय मानी जा रही है। बहरहाल राजद ने अपने विधायकों के लिए ह्विप जारी नहीं किया है। भाजपा इस चुनाव से दूर है।
राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर जदयू की अंतकर्लह में घिरे पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद से मदद मांगी थी। उन्होंने इस बारे में लालू प्रसाद से बात भी की थी। नीतीश का आग्रह स्वीकार कर लेने के साथ ही लालू ने स्पष्ट कहा कि जदयू और नीतीश के कारण ही भाजपा को पनपने का मौका मिला। मेरे छोटे भाई नीतीश कुमार ने मेरी जांघ पर गंदा किया लेकिन मैंने माफ कर दिया है। हम सामाजिक न्याय व धर्मनिरपेक्षता के रास्ते चलकर समाजवादी आंदोलन को और मजबूती प्रदान करेंगे। उनके मुताबिक राजद ने जदयू प्रत्याशी के पक्ष में मतदान का फैसला बिहार के हित में किया है। इससे भविष्य में सामाजिक न्याय व धर्मनिरपेक्ष ताकतों को बल मिलेगा। भाजपा के षड्यंत्र को असफल बनाया जाएगा।
लालू के मुताबिक भाजपा राज्यसभा में भी अपनी ताकत बढ़ाना चाहती है, क्योंकि संविधान से खिलवाड़ करने वाली ताकतों के विरुद्ध सामाजिक न्याय तथा धर्मनिरपेक्ष ताकतों के पास मात्र यही सदन अस्त्र के रूप में बचा है। भाजपा के मंसूबे को रोकना है। लालू ने कहा कि वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति यह है कि भाजपा सत्ताधारी दल में फूट पैदाकर, धन-बल व केंद्रीय सत्ता का प्रयोग कर येन-केन प्रकारेण चुनाव जीतना चाहती है। उन्होंने धन के बल पर वोट देने वाले विधायकों को हिदायत देते हुए कहा कि झारखंड की स्थिति सामने है। ऐसा करने वाले विधायक सीबीआइ के चक्कर में फंसे हुए हैं। एक सवाल के जवाब में लालू ने स्पष्ट किया कि अभी सिर्फ राज्यसभा चुनाव में जदयू उम्मीदवार को वोट देने की बात है। विधानसभा चुनाव में गठबंधन की बात बाद की है। उल्लेखनीय है कि लालू ने मंगलवार को भी बैठक की थी। विधायकों ने राजनीति परिस्थिति का आकलन कर निर्णय का जिम्मा लालू पर सौंप दिया था। बुधवार की बैठक में विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह, चंद्रशेखर, भाई दिनेश व केदार सिंह उपस्थित नहीं हुए।
पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यसभा चुनाव में जदयू के प्रत्याशियों को राजद के समर्थन की घोषणा का स्वागत किया है और इसके लिए लालू प्रसाद यादव को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कांग्रेस व भाकपा का भी शुक्रिया अदा किया। बुधवार शाम संवाददाता सम्मेलन में नीतीश ने कहा-'मुझे बहुत खुशी है कि राजद ने जदयू के दोनों उम्मीदवारों को समर्थन दिया है। इसके लिए मैं राजद और लालू प्रसाद, दोनों को धन्यवाद देता हूं।' यह पूछे जाने पर कि क्या यह समर्थन राज्यसभा चुनाव के बाद भी जारी रहेगा, उन्होंने कहा कि ऐसा कहना जल्दबाजी होगी। अभी भाजपा की साजिश को बेनकाब करना था।
नीतीश ने कहा कि भाजपा को आज बुरी तरह झटका लगा है। तीन दिन पहले मैंने राज्यसभा चुनाव में राजद से समर्थन मांगा था ताकि भाजपा के गेम-प्लान को विफल किया जा सके। भाजपा बिहार में अस्थिरता लाना चाहती है, मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की सरकार को गिराना चाहती है। राजद ने जिस प्रकार मांझी सरकार को समर्थन दिया था, उसी तरह राज्यसभा चुनाव में भी समर्थन दे। अब भाजपा पूरी तरह बेनकाब हो गई है। उसके इरादों पर पानी फिर गया है।
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